Page 48 - Vishwa January 2024
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जदलचस्पी नहीं जदखाई। बॉकस ऑजफस की कसौटी पर जफलम ने दम से सममाजनत जकया गया। 1967 के आजखर में “तीसरी कसम” को तोडजदया।जदललीमेंजफलमकोचौथेजदनहीउतारजलयागया।29 बंबईमेंप्रदज्तशि जकयागया।जफलमचारसप्ताहचली।दरूद्नशि पर जसतंबर 1966 को ्लै ेनद्र ने रेणु को प‍त जलखा–“जप्रय भाई रेणु िी! इस जफलम को अनेक बार प्रदज्तशि जकया गया ह।ै आि इस जफलम सप्रेमनमस्कार।जफलमआजखरररलीिहोगई,मालमूहीहोगा।िोको“कलाजसक”जफलमकीश्ेणीमें्मुारजकयािाताह।ैिाने-माने नहींमालमूवहबताताहू।ँजदलली-य.ूपी.केजिस्ट्रीबयटुरऔरसरदारजसनेआलोचकऔरजनद्देकमनमोहनचि्ढाकायहकथनकाजबले फाइनेंजसयसशिकाआपसीझगडा–छहअदालतोंमेंInjuctionsमरेे गौरह–ै“्लैेनद्रकोउनकेअथशिपणू,शिमधरुलोकजप्रयऔरस्तरीयगीतों ऊपर वारंट कोई पजबलजसटी न होते हुए जफलम लगी। मझु े अपनी के रचनाकार के साथ-साथ “नया जसनेमा” के पहले जफलम जनमाशिता पहलीजफलमकाप्रीजमयरदखेनाभीनसीबनहुआ।...बंबईररलीिकेरूपमेंयादजकयािानाचाजहए।”“तीसरीकसम”जहनदीकीउन परतोआपकोअवश्यबलुासकँूगा।प‍तदीजिएगा।लजतकािीको जगनी-चनुीजफलमोंमेंसेएकहैजिसकासाजहजतयकऔरकलातमक
सौनदयशि मलू कहानी में चार चाँद लगाता ह।ै यह जनजवशिवाद सतय है जक “तीसरीकसम”जसनेमाकेआका्मेंसाजहतयकाचाँदह।ै
िनकजव ्लै ेनद्र को गज़ु रे 57 वषशि बीत गए हैं लेजकन उनके गीतआिभीकबीरकेदोहों,सरूदासऔरनानककेपदों,तलुसी अवश्यबलुापाएगँेलेजकन्लैेनद्रकायहसपनासाकारनहोसका। कीचौपाइयोंऔरगाजलबके्रेोंकीतरहगायेऔरगनुगनुाएिाते तलुसीबाबानेजकतनासचजलखाह–ै“लाभ-हाजन,िीवन-मरण,ह।ैंउनहेंतीनबारसवशिश्ष्े‍ठगीतलेखनकेजलए(यहूदी,अनाडी य्-अपय् जवजध हाथ।” ्लै ेनद्र ने जितने जदल से यह जफलम बनायी और ब्रह्मचारी जफलम ) “जफलम-फे यर” का अवॉिशि जमला। िाक तार थी,वहउसदौरानद्कशिोंकेजदलोंतकनहींपहुचँी।्लैेनद्रका जवभागने2013मेंउनपरिाकजटकटिारीजकया।रेलम‍तंालयने सपनाटूटगयाथा।अपनेकुछदोस्तों-ररश्तेदारोंकीबेवफाईसेभीअमरकथाकारप्रेमचदंिीकीस्मजृतमेंउनकेकालियीउपनयास दखुीथे।जफलम“जवेलथीफ”मेंउनहोंनेएकगीतउसीदौरानजलखा “गोदान”केनामपर“गोदानएकसप्रेस”,महाकजवटैगोरकीयादमें
मरेानमस्कारदीजिएगा।्षे कु्ल,आपकाभाई–्लै ेनद्र” जफलमकीअसफलताने्लैेनद्रकोबरुीतरहआहतजकया। उनहें सबसे बडा सदमा यह लगा जक जफलम परू े द्े में ररलीि नहीं होपारहीथी।उनहोंनेरेणुकोजलखाथाजकबंबईररलीिपरउनहें
था–“रुलाकेगयासपनामरेा”,यहगीत“जवलेथीफ”कीकहानीको
धयान में रखकर जविय आनंद ने उनसे जलखवाया था लेजकन यह गीत
उनकी अपनी कहानी को भी बयां कर रहा था। ्लै ेनद्र यजद “तीसरी
कसम” का प्रीजमयर जदलली की बिाय पटना रखते तो जनजश्चत रूप
सेजफलमकीसफलताकीसभंावनाबढ़िाती।जबहारकीसभंाजवत
सफलता का साथशिक पररणाम अनय प्रद्े ों में भी निर आता। जफलम
कोमनुाफाभलेहीनहोतालेजकनकमसेकमउसकीलागततो
जनकलहीआती।िीवनमेंकृष्णऔर्कुलपक्षकाआना–िाना गीत-सगंीतप्रेजमयोंकेजदलोंमेंखासिगहबनाई।यजदभारतसरकार लगारहताह।ै“तूजिदंाहैतोजज़दंगीकीिीतपेयकीनकर”िैसाइसवषशि2023में्लैेनद्रिीकीिनम्ताबदीकेअवसरपरउनकी उतसाहऔरउममीदकागीतजलखनेवालेसवंेदन्ीलकजव्लैेनद्र स्मजृतमें“जदलहैजहनदस्ुतानी”नामसेट्रेनचलानेकीघोषणाकरेतो
जफलम की असफलता और कु छ दोस्तों-ररश्तेदारों के बेवफाई से तंग आकर“एमरे े जदलकहींऔरचल,गमकीदजुनयासेजदलभरगया” का भाव मन में बसाये, “हम तो िाते अपने गाम सबको “राम-राम– राम”कहतेहुए14जदसबंर1966कोइसफानीदजुनयासेरुखसत हो गए। रेणु ने ्लै ेनद्र के असामजयक जनधन पर जलखा–“्लै ेनद्र को ्राब या कज़शि ने नहीं मारा,बजलक वह एक धमयशि द्धु में लडता हुआ ्हीद हो गया ह।ै ”
1967 में राष्ट्रीय जफलम परु स्कारों की घोषणा हुई। “तीसरी कसम” को सभी भारतीय भाषाओ ं में बनने वाली सवशिश्ष्े ‍ठ जफलम का “स्वणशि कमल” परु स्कार प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय जफलम परु स्कार प्रजतयोजगतामेंमहानजफलमजनद्दे कसतयजितरायकीबां्लाभाषा कीजफलम“नायक”औरऋजषके्मखुिशीकी“अनपुमा”और मणृालसेनकी“मजतरामनीषा”भी्ाजमलथीं।िलुाई1967में रािकपरूमकुे्केसाथ“पांचवेंमॉस्कोअतंराशिष्ट्रीयजफलमफेजस्टवल” में “तीसरी कसम” को लेकर पहुचँ े िहां द्कशि ों ने जफलम को बहुत सराहा। बंगाल िनशिजलस्ट एसोजसए्न द्ारा जफलम को 11 परु स्कारों
यह जनजश्चत रूप से सराहनीय और अजभनंदनीय कदम होगा।
“गीतांिजलएकस्प्रेस”,तथािय्कंरप्रसादिीकेसममानमेंउनकी जवश्व जवखयात कृ जत “कामायनी” के नाम पर “कामायनी एकस्प्रेस” चलाकर सराहनीय और अजभनंदनीय कायशि जकया ह।ै सप्रु जसद्ध ्ायर कै फी आज़मी की याद में “कै जफयत एकस्प्रेस” को चलाना काजबलेतारीफकदमह।ै्लैेनद्रिीनेभारतीयरेलमेंलगभग10 वषशि तक अपनी अमलू य सेवाएँ दी और उनके स्तरीय, कलातमक, मधरु,कणजशिप्रय,अथशिपणू,शिप्रेरकऔरकालियीगीतोंनेद्े-दजुनयाके
 काजल कु िार का काटूमिन कोना
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विशिवा / जनिरी 2024
















































































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