Page 49 - Vishwa January 2024
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्ररचचपाशि
 जिजिटल क्रपांजत के युग में जहनदी
प्र्तुसत : डॉ. समथलेश समश्ा
सनदेशक, सिनदी एवं दसक्ण एसशयाई भाराएँ, युसनवससगाटी ऑफ़ इसलनॉय, अरबाना-शैमपेन, अमेररका
(अंतरागाष‍टीयसिनदीससमसत-इसंडआनाशाखाद्ारा14अकटटूबर2023को‘सडस्जटलक्रांसतकेयुगमेंसिनदी’सवरयएकआभासीसंगोष्ठीकाआयो्जन सकया गया। इस संगोष्ठी में भारत और अमेररका के पांच सवशेरज्ों ने भाग सलया। इस पररचचागा में बिुत सी नई बातें सामने आईं ्जो सिनदी के प्रेसमयों के सलए रुसचकर और उतसािवर्गाक िो सकती िैं।
इसीसलए इस कायगाक्रम के सारांश की एक झलक िम पा्ठकों से साझा करना चािते िैं।)
प्रोफे सर अवध्े कु मार जमश्, मखु य समनवयक (्जै क्षक), भारतीय भाषासजमजत,ज्क्षाम‍तं ालय,भारतसरकार,नईजदललीने‘प्रौद्योजगकी एवं जहनदी तथा अनय भारतीय भाषाओ ं का जवकास और सवं धनशि : राष्ट्रीय ज्क्षा नीजत 2020 के सदं भशि म’ें बताया जक कै से राष्ट्रीय ज्क्षा नीजत-2020 (एनईपी-2020) भाषा जवकास और सवं धनशि के सभीआयामों,जव्षेकरअजधग्रहणजनयोिन,स्टेटसजनयोिनऔर कॉपशिस्जनयोिनमेंमहत्वपणूशिभजूमकाजनभातेह।ैंएनईपी-2020ने भाषा ज्क्षा में प्रौद्योजगकी के महत्व को उजचत रूप से पहचाना है और जिजिटल इजं िया अजभयान को ज्क्षा के क्षे‍त में भी लायी ह।ै
उनकेअनसुारभारतीयस्कूलोंमें‘जहनदीभाषाकाज्क्षण- अजधगमपरूीतरहसेपा‍ठ्यपस्ुतककीसामग्री/सामग्रीऔरउसमें प्रदान की गई गजतजवजधयों द्ारा पररभाजषत जकया िाता ह,ै इसजलए भाषा ज्क्षा प्रवीणता-उनमखु होने के बिाय उपलजबध-उनमखु रहती ह’ै,औरचजँूकसभीप्रकारकीज्क्षाभाषाकेमाधयमसेहीहोती ह,ै इसजलए छा‍तों की ज्क्षा में न कई कजमयाँ, असगं जतयाँ आ िाती ह,ैं बजलक भाषा के ‍ठोस सदृु ढ़ आधार के जबना उनके ज्क्षोपािशिन का ऊँटजकसकरवटबै‍ठेगाकहनामजुश्कलहोिाताह।ै उनहोंनेश्ोताओं को यह भी बताया जक ्ोध से पता चलता है जक प्रौद्योजगकी-समजथशित भाषाओ ं को सीखने और भाषाओ ं के माधयम से जकसी भी जवषय को सीखनेकेनएतरीकोंकेजलएअसीमअवसरप्रदानकरताह–ै सीखना िो कई तौर-तरीकों पर आकजषतशि करता है और िो ज्क्षाजथशियों को वास्तजवक िीवन जस्थजतयों में अपने भाषा कौ्ल और अन्ु ासन ज्ञानकाउपयोगऔरलागूकरेगा।उनकेअनसुार‘पा‍ठ,धवजन, छजवयों,ग्राजफकस,एजनम्ेनऔरवीजियोकेसयंोिनसेजहनदी ज्क्षण को अतयंत रुजचकर बनाया िा सकता ह’ै ।
प्रोफेसर जगरी् नाथ झा, अधयक्ष, वज्ञै ाजनक तथा तकनीकी ्बदावली आयोग, ज्क्षा म‍तं ालय भारत सरकार ने ‘जहनदी और तकनीकी्बदावलीमेंकृज‍तममधेाकेअनप्रुयोग’केबारेमेंजवस्तार से चचाशि की। उनहोंने बताया जक तेिी से बदलते भाषाई और जिजिटल पररदृश्यमेंजहनदीको‘सवशिसमाव्े ी’औरस्कतबनकर,सस्ं कृतका आधारलेकरअनयभारतीयभाषाओंसे्बदऔरसप्रं ेषणक्षमताको स्वीकार करते हुए ज्क्षा का सफल माधयम बनना होगा। ‘भारती’ िो जक जहनदी का LLM (Large Language Model) है उसे बहुत ही जव्ालिाटासमहू औरलक्षणोंसेप्रज्जक्षतकरनेकीआवश्यकता
कीऔरभीउनहोंनेधयानाकजषतशि जकया।प्रोफेसरजगरी्नाथझा के वकतवय से द्े -जवद्े के जवद्ानों को ्बदावली आयोग के दो उललेखनीय और अजत महत्वपणू शि योगदानों के बारे में पता चला– एक,जहनदी्बदजसनधुऑनलाइनको्,औरदसूरा,भारतीयभाषा कॉरपोराप्रॉिेकटजिसमेंजहनदीवाकयोंकाअनयअनसु जूचतभाषाओं मेंअनवुादऔरवयाकरजणकअकंनअतजनशिजहतह।ै
प्रो. जगरी् झा ने वेजबनार के वैजश्वक मचं पर श्ोताओ ं के साथ जहनदीकेकृज‍तममधेामॉिलकोजवस्तररतऔरजवकजसतकरनेके जलए के दो महत्वपणू शि उपांग बताए– पहला, ्क्षै जणक प्रौद्योजगकी पर आधाररत और दसू रा, भाषा प्रौद्योजगकी पर आधाररत। इस जसलजसले में उनहोंने कई महत्वपणू शि सोपानों का भी वणनशि जकया, िैसे, जहनदी में LLM बनाना, बहुत ही अजधक सखं या में जहनदी भाषाई िेटा का सकंलनयाजनमाशिण,LLMसेयकुतइटंरफेसऔरएिेंटकाजनमाशिण (िो जहनदी के उपलबध टूलस का प्रयोग करेंगे), नए एलगोरररम बनाना यापवूशिजनजमतशि कोपनुःप्रज्जक्षतकरना,उचचस्तरीयिाटाकेंदोंको स्थाजपत करना,इतयाजद। उनहोंने इस बात पर दखु पकट जकया जक जहनदी जवश्व की चौथी सबसे बडी भाषा (उदशिू के साथ तीसरी) होते हुए भी इसकीइटंरनेटपरउपजस्थतजसफशि0.1प्रजत्तह,ैहालांजक,यटू्यबू पर500जमजलयनभारतीयोंकीउपजस्थजतहषदशिायकभीह।ैम्ीनी अनवुाद(गगूल,माइकोसॉफटजबंगद्ारा),स्पीचतकनीकीकाप्रयोग (गगूलअजसस्टेंट,अमिेनअलेकसाद्ारा),ASR,OCRकाप्रयोग हस्तलेखपहचानेकेजलए,यजूनकोिफॉनटआजदजनजश्चयतौरपर जिजिटल कांजत के यगु में जहनदी के उजजवल भजवष्य के सकं े तक भी हैं और मील-स्तंभ भी। उनहोंने भारत के प्रमखु ज्क्षा सस्ं थानों िैसे, आई.आई.टी. चने नई, आई.आई.टी. जदलली, आई.आई.एस. बेंगलरुु , िे.एन.य.ू सीिैक,आई.आई.टी.हदैराबाद,आई.आई.टी.एम.केरल, आई.आई.टी.मबंुई,िादवपरुजवश्वजवद्यालय,आई.आई.टी.पटना, का इस क्षे‍त में वयापक योगदान का उललेख जकया। िे.एन.य.ू के कईमहत्वपणूशिप्रोिेकटों,िैसे,“जवद्यापजत”(जहनदी-मजैथलीम्ीन अनवुादकेजलए),भारतीयभाषाकॉरपोराउपकम(100000जहनदी वाकयका17भाषाओंमेंअनवुादऔरवयाकरणअकंन),सस्ंकृत- जहनदीम्ीनअनवुाद,भारतीयभाषा्बदससंाधन,केबारेमें िानकारी साझा की।
भारत सरकार के उपकमों द्ारा जनजमतशि और जवकजसत
 जनवरी 2024 / ववशववा
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