Page 46 - Vishwa January 2024
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औरअजभवयजकतकायहअप्रजतमअदंाज़ेबयां्लै ेनद्रकीअसाधारण कावयप्रजतभाकोउिागरकरताह।ै ”िाने-मानेकजवनरे्सकसेनाके अनसुारलोकजप्रयकजवकुमारजवश्वासकागीत“कोईदीवानाकहता ह,ैकोईपागलसमझताह.ै..येतेराजदलसमझताहैयामरेाजदल समझताह।ै”आिसे68सालपहले“अनहोनी”जफलमके्लैेनद्र के जलखे गीत “मरे े जदल की धडकन कया बोले, कया बोले? मैं िानू और तू िाने” से प्रेररत और प्रभाजवत ह।ै ्लै ेनद्र के गीतों में इनकलाब कीआगभीज्द्तके साथमौिदू ह।ै “हरिोरिलु मकीटककरमें हडतालहमारानाराह”ै िैसाकालिईगीत/नाराइसद्े कोजदया। आज़ादी के बाद 1948 में जलखे गए इस गीत की चमक-दमक न तो फीकी हुई है और न ही इसकी धार कंुद हुई ह।ै प्रभाव की दृजष्ट से ्लैेनद्रकायहगीतकालशिमाकसशिकेसबंोधनवाकय“दजुनयाकेमिदरूों एक हो िाओ” से भी अजधक िीवतं और प्रभाव्ाली ह।ै साजहतय अकादमीसेसममाजनतप्रजसद्धकजवरािे्िो्ीकेअनसुार“जकसी गीत(हरिोरिलु मकीटककर)कीपजंकतकाइसतरहसघं षशिकरती िनता की समपजत्त बन िाना सदी की एक आश्चयशििनक घटना ह।ै ” इसीकालियीनारेनमुागीतकीखबूीकेबारेप्रजसद्धकजवमगंले् िबराल कहते हैं “कोई भी रचना ्ायद तब बडी होती है िब वह अपने रचनाकार से अलग होकर समय और समाि की अपनी रचना बन िाए, उसकी रगो में बहने और अपना स्वायत्त िीवन िीने लग।े ”
जफलम“जिसद्े मेंगगंाबहतीह”ै काएकगीत“हैआग हमारेसीनेमेंहमआगसेखलेतेआतेह,ैटकरातेहैिोइसताकत सेवोजमट्ीमेंजमलिातेह”ैंयहगीतवास्तवमें्लैेनद्रकासवंाद औरप्रश्नोत्तर्लैीमेंजलखाहुआआगऔररागका,इश्क़और इनकलाब का िीवतं दस्तावेज़ ह।ै
धुनों पर गरीत हलखने के उसत्द
सीखीहोज्यारी”भीधनु परजलखागयाबेहतरीनगीतह।ै इसगीत के जलए जफलम -फे यर का अवॉिशि भी उनहें प्राप्त हुआ था।
यह गीत रािकपरू पर जफलमाया गया था। िब इस गीत की ररकाजििंगहोरहीथीउससमयरािकपरू मौिदू नहींथे।लेजकनिब रािसाहबनेइसगीतकोसनुातोउनकीआखँ ोंछलछलाउ‍ठी। रातकोबारहऔरएकके बीचवह्लै ेनद्रके घरपहुचँ ेऔरउनहें उ‍ठाकर गले लगाते हुए बोले– “कजवराि! मरे े पजु श्कन! मरे े दोस्त ्लैेनद्रतमुनेमरेेवयजकततवकोइसगीतमेंबयांजकयाह।ै”्लैेनद्र िीकेबेटेजदने््लैेनद्रनेइनपजंकतयोंकेलेखककोबतायाजक “सजचनदवे बमनशि,“कालाबािार”जफलमकेजलएएकखासधनु पर ्लै ेनद्रसेगीतजलखवानाचाहरहेथेऔर्लै ेनद्रउनहेंसमयनहींदे पा रहे थे आजखरकार सजचनदवे ने अपने बेटे राहुल दवे को ्लै ेनद्र के घर भिे ा और कहा जक इस धनु पर मखु डा जलए जबना वापस न आना।राहुलदवेबमनशि,्लैेनद्रकेपीछेपडेरहेऔररातकोिहुूमें समद्रु के जकनारे बै‍ठ कर आसमान में चाँद को जनहारते हुए ्लै ेनद्र ने सजचनदवेबमनशिकीधनुकेमतुाजबकएकबेहतरीनऔरसदाबहार गीतरचाजिसेसदाबहारअजभनेतादवेानंदपरजफलमायागया।यह गीतआिभीसगंीतप्रेजमयोंकेजदलमेंबसाहुआहैऔरिबभी हमआका्मेंचाँदकोदखेतेहैतोयहगीतगनुगनुानेकोजवव्हो िातेहैं–“खोया-खोया,खलुाआसमान,आखँ ोंमेंसारीरातिायेगी, तमुकोभीकैसेनींदआएगी..।”1953मेंजबमलरायकीजफलम“दो बीघािमीन”कीएकरूसीलोकधनु परसगंीतकारसजललचौधरी केकहनेपरउनहोंनेएककालियीगीतरचा“धरतीकहेपकुारके बीिजबछालेपयारके,मौसमबीतािाए”।्लै ेनद्रधनु पर,जफलम कीजसचएु्नकेमतुाजबकगीतजलखनेकेसाथ-साथउसमेंकजवता कारसभीउडेलतेथे।उनकेगीतोंमेंकोरीतकुबंदीनहींहोतीबजलक कजवताकासौनदयशिभीमौिदू होताह।ै ्लै ेनद्रकाधनु परजलखा“मरेा
जफलमोंमेंअजधकां्सगंीतकारपहलेधनुबनातेहैंऔरउनितूाहैिापानी,येपतलनूइजं्ल्तानी,सरपेलालटोपीरूसी,जफर धनुोंपरगीतजलखनेकेजलएगीतकारकोकहािाताह।ैइसबारेमें भीजदलहैजहनदस्ुतानी”(जफलमश्ी420)आिभीरूसीिनतागाती म्हूर्ायरकैफीआज़मीनेएकजदलचस्पजकस्सायंूबयांजकया–औरगनुगनुातीह।ैरािकपरूनेस्वयंस्वीकारजकयाथाजकउनकी “सगंीतकारपहलेकब्रखोददतेाह,ैजफर्ायरोंऔरगीतकारोंसे अतंराशिष्ट्रीयछजवकोबनानेमें्लैेनद्रकेगीतोंकाबडायोगदानह।ै कहताहैजकइसीसाइज़कामदुाशिढूंढलाओ।”्लैेनद्रने171जहनदी
जफलमों में लगभग 800 गीत जलखें है और तीन चौथाई से जयादा
गीत उनहोंने धनु पर जलखकर अपना लोहा मनवाया। “श्ी 420”
जफलम में िब नाजदरा स्कीन पर जदखाई पडती है तब एक जवज्ष्ट मधरुकणजशिप्रयधनुसनुाईपडतीह,ैउसीधनुपर1959कीजफलमधरतीपहनेगीहरीचनुररया,बनकेदलुहजनयाँ...नैनोंमेंनाचेरेसपनों “अनाडी” में ्लै ेनद्र ने एक ऐसा गीत रचा जिसकी चमक-दमक, का धान हरा..” (जफलम दो बीघा िमीन)। वयजकतगत रूप से मैं यह रंगतऔरख्ुबूआितकबरकरारह।ै“जकसीकीमस्ुकुराहटोंपेचाहूगँाजकिबदहेसेमरेेप्राणजनकलरहेहोंतो्लैेनद्रकायही हो जनसार, जकसी का ददशि जमल सके तो ले उधार, जकसी के वास्ते हो गीत बि रहा हो।” तेरेजदलमेंपयार,िीनाइसीकानामह।ै”यहगीतउतकृष्टिीवन ्लै ेनद्रद्ारारजचतअजधकां्गीतकालियीइसजलएह,ैकयोंजक मलूय,मानवतावादऔरइसंाजनयतकाअप्रजतमदस्तावज़ेह।ैदोउनमेंहमारीजज़दंगीकाअकसनिरआताह,ैलोकिीवनकीधडकन बारसवशिश्ष्े‍ठगीतलेखनकाराष्ट्रीयपरुस्कारिीतनेवालेगीतकार सनुाईपडतीह,ैआमआदमीकोअपनेसपनोंकोसचकरनेकीप्रेरणा स्वाननद जकरजकरे कहते है “टैगोर ने राष्ट्रगान जलखा, ्लै ेनद्र का यह इनसे जमलती ह।ै ्लै ेनद्र अपने गीतों के द्ारा गजद्शि में भी आसमान गीतमनष्ुयताकागानह,ैइसंाजनयतकीपहचानह।ै” काताराहोनेकासदं्ेदकेरकजवधमशिकाजनवाशिहकरतेह।ैंसचतो
“अनाडी”जफलमकाएकऔरगीत“सबकुछसीखाहमनेन यहहैजकउनकेगीतमहुावरेऔरलोकोजकतकीतरहहमारीजज़दंगी
प्रजसद्धआलोचकजवश्वनाथज‍तपा‍ठीकेअनसुार“मरेामाननाहैजक साजहजतयक स्तर से भी बहुत बडे है ्लै ेनद्र के अजधकां् जफलमी गीत। उनका जलखा एक गीत–“हररयाला सावन ढोल बिाता आया, जधन तक-तक मन के मोर नचाता आया, जमट्ी में िान िगाता आया,
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विशिवा / जनिरी 2024






















































































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