Page 47 - Vishwa January 2024
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में ्ाजमल हो गए ह।ैं कजवतासग्रंह–“नयौताऔरचनुौती”–1955में्लैेनद्रका
पहला (और आजखरी भी) कजवता सग्रं ह प्रकाज्त हुआ। इस सग्रं ह
में उनकी 32 कजवताएँ सकं जलत ह।ैं इसमें गीत ह,ैं छंदबद्ध और मकुतछंदकीकजवताएँभीह।ैंआलोचकमनैेिरपांिेने्लैेंद्रकीकाजनमाशिणहुआहैिैसेप्रेमचदंकेउपनयास“गोदान”परआधाररत कजवताओंपरअपनीराययँूबयांकीह–ै“भजकतकालकेकजवयोंमें जफलमकाजनमाशिणइसी्ीषकशि सेज‍तलोकिेटलीनेजकयाऔर लोकचतेनाकीगहराईकेकारणवयं्यकीक्षमताकाजवकासकबीर, “गबन”उपनयासपरआधाररतजफलमइसीनामसेबनीजिसका सरू,औरतलुसीकीकजवतामेंहैतोआधजुनककालमेंजनराला,जनद्देनऋजषके्मखुिशीनेजकया।“्तरंिकेजखलाडी”कहानी नागािशिनुऔररघवुीरसहायकीकजवताम।ें्लैेनद्रइसीपरंपराके परजहदंस्ुतानकेसप्रुजसद्धजनद्देकसतयजितरायनेजफलमबनाईजिस कजवह।ै”इससग्रंहकाएकप्रजसद्धगीत–“तूजज़दंाहैतोजज़दंगी परबहुतजववादहुआजकजनद्देकनेप्रेमचदं कीकहानीकेसाथ की िीत में यकीन कर,अगर कहीं है स्वगशि तो उतार ला िमीन पर”, बहुत जखलवाड जकया। म्हूर कथाकार मननू भिं ारी के उपनयास आ्ा,जवश्वास,उमगं,औरिीवनसेभरपरूऔरकमशिकीप्रेरणा“आपकाबंटी”परआधाररत“समयकीधारा”जफलमकोदखेनेके दने े वाला कालियी गीत आि भी अनेक जवद्यालयों में गाया िाता बाद मननू भिं ारी ने न के वल नारािगी िताई बजलक जफलम जनमाशिता ह।ैंगाजलबभी“हमकोमालमूहैिननतकीहकीकतलेजकन..”कीपरमकुदमाभीजकया।गलुेरीकीअमरप्रेमकहानी“उसनेकहा बातकहतेह।ैंकथाकारतेिेंद्र्माशि्लैेनद्रऔरगाजलबकीतलुना था”परबननेवालीजफलमपरभीसवालउ‍ठाएगए।साजहजतयक
करतेहुएजलखतेह–ैं“िहाँगाजलबमरनेकेबादवालेस्वगशिकीबात करतेह,ैंवहीं्लैेनद्रअपनीजज़दंगीमेंस्वगशििमीनपरलेआनेकी बातकरतेह।ै”
अगस्त 1947 में हम स्वाधीन हुए, लोगों में बदलाव के जलए
उममीद िगी, गरीबी, बेरोिगारी और जवषमता खतम होने का खवाब लोगदखेनेलगे।कुछसमयबादहीलोगोंकोबदलावनिरनहींएकनज़ीरप्रस्ततुकी।सप्रुजसद्धआलोचकनामवरजसहंने“तीसरी आयातो्लैेनद्रनेबहुतहीमानीखिेमाजमकशिगीतरचा–“भगतकसम”जफलमपरअपनीराययंूवयकतकीह–ै“जफलमोंमेंअकसर जसहं!इसबारनलेनाकायाभारतवासीकी,द्ेभजकतकेजलएआि वयावसाजयकऔरमनुाफेकानिररयाजफलमकीकलातमकता, भीसिाजमलेगीफांसीकी,बै‍ठगएहैकाले,परगोरेिलुमोंकीगादी माजमकशिताऔरमलू भावनाकागलाघोंटदतेाहैलेजकन“तीसरी ह,ैवहीरीजतह,ैवहीनीजतह,ैगोरेसतयाना्ीकी।”लेखककमले् कसम”मेंऐसानहींह।ै“तीसरीकसम”जफलममेंकहानीकीआतमा पांिेनेजफलम“रंगदेबसतंी”कीकहानीमें्लैेनद्रकेइसगीतकीकासौनदयशिप्रारंभसेअतंतकमौिदूह।ै”
भावना को अजभवयकत करने की साथशिक कोज्् की ह।ै इस सग्रं ह “तीसरी कसम” कहानी में जहरामन तीन कसमें खाता ह।ै पहली की सबसे लंबी कजवता “नेताओं को नयौता” ह।ै ऐसा माना िाता कसम तब लेता है िब वह चोर बािारी का माल बैलगाडी में ले हैजकयहकजवताबंबईकेधारावीबस्ती,िहाँलाखोंगरीबलोगिातेसमयपजुलसकेहाथोंबाल-बालबचताह।ैदसूरीकसमतब रहतेह,ैंउनकीओरसेपजंितनेहरूकोमखुाजतबहैजिसम,ेंबस्तीखाताहैिबबांसकीलदनीकेकारणतांगेवालेकेसाथझडप कीतमामसमस्याओंकाजिकजकयागयाह।ैं रािकपरू कोयह होतीहैऔरउसकीजपटाईहोतीह।ै “तीसरीकसम”जहरामनकहानी
कजवता बहुत पसदं थी। रािकपरू स्वयं कहते थे जक वह आम िनता
केअजभनेताहैंऔर्लैेनद्रआमिनताकेकजव।कजवताइसप्रकार
ह–ै“लीिरिीपरनामतमुहेंहममिदरूोंका,होनयौतास्वीकारतमुहें
हममिदरूोंका,एकबारइनगदंीगजलयोंमेंभीआओ,घमूेजदलली-
ज्मला, घमू यहाँ भी िाओ, उनका कहना ह,ै यह कै सी आिादी ह,ै
वहीढाककेतीनपातह,ैंबबाशिदीह।ै”्लैेनद्रकीयहलंबीकजवता
गरीब िनता की करुण कहानी को बेबाकी से बयां करती ह।ै ्लै ेनद्र
ने इस कजवता के द्ारा सामाजिक सरोकारों का प्रजतबद्ध कजव होने माजमकशि प्रेम कहानी को जिसे ्लै ेनद्र ने जसनेमा के पददे पर प्रेम गीत कापररचयदकेरसचचेकजवधमशिकाजनवाशिहजकयाह।ैयहाँ्लैेनद्रकेरूपमेंप्रस्ततुकरअसाधारणकायशिजकयालेजकनकोईभीजवतरक िनकजव नागािशिनु की तरह िनता की बात करते हुए हकलाते नहीं जफलम के प्रद्नशि के जलए तैयार नहीं हुआ। ह।ै“सीधीसीबातनजमचशिमसाला,कहकेरहगेाकहनेवाला,जदल जसतंबरकेतीसरेसप्ताहमेंजबनाप्रचारकेजदललीमेंजफलमका का हाल सनु े जदलवाला।” प्रीजमयर हुआ। रािकपरू अपनी पतनी के साथ जफलम के प्रीजमयर
“तीसरी कसम” जफलम का जनमाशिण – ्लै ेनद्र ने न के वल भगीरथ पर पहुचँ ।े जफलम समीक्षकों की बेहतरीन ररपोटशि के बाविदू द्कशि ों बनकरअपनेगीतोंकेिररएसाजहतयकीगगंाकोजसनेमाकीधरतीपरने“लाली-लालीिोजलयामेंलालीरेदलुहजनयाँको”दखेनेमें
लाकरतकुबंदीकाउद्धारजकयाऔरलोगोंकीरुजचयोंकापररष्कार जकयाबजलकसाजहजतयककृजतयोंपरजफलमबनानेकाआगाज़करके जसनेमा और साजहतय के बीच सेतु बनाने का सराहनीय कायशि जकया।
जहनदी के साजहजतयक उपनयासों–कहाजनयों पर अनेक जफलमों
कहाजनयोंकेलेखकोंऔरजफलमजनमाशिताओंकेबीचअनबनके अनेकजकस्सेसनुनेऔरपढ़नेकोजमलतेहैंलेजकन“तीसरीकसम” इसकाअपवादहैकयोंजकइसकेजनमाशिता्लैेनद्रएकसवंेदन्ीलकजव थे जिनहोंने जफलम जवतरकों के दबाव-प्रभाव को स्वीकार नहीं जकया और एक माजमकशि प्रेमकथा पर कालियी कलातमक जफलम बनाकर
के अतं (जफलम में भी) खाता ह।ै जहरामन अपने बैलों से कहता है जक “खाओ कसम जक जफर कभी कंपनी की बाई को गाडी में नहींबै‍ठायेंग।े”जहरामनकीभजूमकामेंरािकपरूऔरहीराबाईकी भजूमकामेंवहीदारहमाननेअद्ुतअप्रजतमअजभनयनेजफलमको अजवस्मरणीय बनाया। तीन लाख की लागत और सात-आ‍ठ महीने केअदंरबननेवालीजफलमकोबनते-बनतेछहसाललगगएऔर बिट बढ़कर लगभग बाईस लाख हो गया। रेणु की इस साजहजतयक
 जनवरी 2024 / ववशववा
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