Page 44 - Vishwa January 2024
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 दपो लघु कजवतपाएँ
गपोधनूजल और सवेरपा
  मरे े ्हर में
ढलने लगी है ्ाम घरकेआगँनम–ें
सेसलना चौबे
selinachaubey@gmail.com
 पीछे का दरवाज़ा जकसी ने
खलु ा छोडा जदया होगा
अनदर आती हैं
दबे पाँव वहाँ से
रो्नी की आजखरी जकरण
साथ जलए उममीदों की हलकी लहर
जक्षजति के उस पार से
 िहाँ तमु हारे
टाइम ज़ोन म,ें
धरती की दसू री तरफ,
सरू ि अभी
उग ही रहा होगा चमकते आसमान में
...
 वतशिमपान और रपामपायण : 21 जदवसीय अनुष्‍ठपान
हो रहा था।
एक जदन भारी बारर् होती है िो खतरनाक बाढ़ में बदल िाती
ह,ैिैसाजकहमप्रलय-बाढ़केबारेमेंसनुतेह,ैंकुछवैसीही।घरतो बाढ़मेंबहजनकला,नारदअपनेपररवारकोपकडेहुएह।ैं वहअपनी पतनी को, अपनी बेटी को और अपने बेटे को अपने से जचपकाए हुए ह।ैएकतेज़धाराआतीह,ैऔरउनकाबेटापकडखोदतेाह,ैऔर बहनेवालाहोताह।ै नारदउसेअपनेहाथसेपकडलेतेहैंऔरइस प्रजकयामेंबेटीपरसेपकडछूटिातीह।ै उसेबचानेकीकोज्् म,ें वह अपनी पतनी पर पकड खो दते े हैं और अफरा-तफरी में तीनों तेिधारामेंबहिातेह।ैं नारदजनरा्ामेंजवलापकरनेलगतेहैंऔर जचललाते ह–ैं हे नारायण, मझु े यह दिं कयों, तमु मझु े कयों भलू गए? मनै े कया जकया?
औरतरुंतवहदखेतेहैंजकजवष्णिुीउनकेबगलमेंखडेहैंऔर उनसे पछू रहे ह–ैं कया तमु हें पानी जमला, जप्रय नारद?
वयावहाररकरूपसेकहेंतो,गहराईसेदा्जशिनकहुएजबना,हम माया के बारे में कया कह सकते ह?ैं
िो कुछ भी मापा िा सकता ह,ै इजंद्रयगत हो सकता है वह सीजमत है और इसजलए वह अनंत सवनोचच जसद्धांत, ब्रह्म नहीं ह।ै यह माया ह।ै
माया जमरया नहीं ह।ै यह ब्रह्म के प्रभाव की, इजनद्रयगत, ‘एक’ अनभु जूतह।ै लेजकनहमकेवलमायाके दायरेमेंहीबातकरसकते ह।ैं माया उसी सवनोचच जसद्धांत की ्जति ह,ै और हम इसके बारे में के वल उसकी माया के माधयम से ही िान सकते ह।ैं
इसजलए, भारत में सजृ ष्ट और सजृ ष्टकताशि दोनों को समान रूप से सममानजदयािाताह,ैऔरआपपाएगंेजकसजृष्टकेजकसीभीपहलू कीप्र्संाऔरसममानजकयािासकताह,ैकयोंजकसभीपहलूउसी सजृ टिकताशि के ह।ैं
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विशिवा / जनिरी 2024





































































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