Page 37 - Vishwa January 2024
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केवलफलाहारपरजिनदारह,ेकंुभकेअवसरपरप्रयागमेंभारतीय अजधकपस्ुतकेंह।ैंसममलेनकेजहनदीसग्रंहालयमेंपारिुजलजपयोंका सस्ंकृजतसममलेनकरवायाथा,जसधंसरकारद्ारा‘सतयाथशिप्रका्’जव्ालभिंारह।ै“रािजषशिटरिनमरिपम”्केनामसेसममलेनका पर प्रजतबंध लगाने का िमकर जवरोध जकया था और उनहें ‘रािजष’शि की एक अपना प्रेक्षागहृ भी ह।ै अजतजथयों और ्ोध छा‍तों को ‍ठहरने के उपाजधभी1948मेंसरयूतटपरसतंदवेरहवाबाबानेदीथी।उनकीजलएपररसरमेंएकअजतजथभवनभीह।ै जहनदीरािालक्मणजसहंवालीजहनदीथी,यानीजहनदओुंकीजहनदी। सममलेननेमजहलासाजहतयकारोंकेप्रोतसाहनकेजलएभी
आिादी से पहले राष्ट्रभाषा के रूप में जहनदी का नाम प्रस्ताजवत सेकसररया मजहला पाररतोजषक आरंभ जकया था। 1938 से जहनदी करनेवालोंमेंमहातमागाँधीकीआवािसबसेमखुरथी।मालवीयभाषाऔरसाजहतयकीसेवाकरनेवालोंकोसममलेनकीसवनोचच िीऔरटरिनिीिैसेलोगोंनेगाँधीिीकोसहिहीसममलेनसेमानदउपाजध‘साजहतयवाचस्पजत’दीिानेलगीथी। िोडजलया।1918मेंइदंौरमेंहोनेवालासममलेनकाअजधवे्न सममलेनकीओरसे“आकरग्रथंमाला”नामसेजहनदीग्रंथोंके
गाँधी िी के सभापजततव में समपनन हुआ था। महामना जिस सस्ं था
के सस्ं थापकों में हों और महातमा गाँधी जिसके सभापजत, उस सस्ं था
कोधनाभावभलाकैसेहोसकताह?ै इदंौरमेंहुएअजधवे्नमें
महातमा गाँधी ने से‍ठ हुकु मचदं और िमनालाल बिाि से दजक्षण में
जहनदी के प्रचार-प्रसार के जलए आजथशिक सहायता माँगी। दोनो ने खलु े
मनसेस्वीकृजतदी।इनहींकेसहयोगसेदजक्षणभारतजहनदीप्रचार ‘सममलेनपज‍तका’िैसी‍तमैाजसक्ोधपज‍तकातथा‘राष्ट्रभाषा सभा,मद्रासऔरराष्ट्रभाषाप्रचारसजमजतवधाशिमेंकेनद्रखलु।ेयेसदं्े’िैसीपाजक्षकपज‍तकासेसममलेनकीपहचानऔरगजतजवजधयों दोनोकेनद्रसममलेनकी्ाखाओंकेरूपमेंखोलेगये।गाँधीिीनेकीसचूनाएंजमलतीरहतीह।ै‘माधयम’नामसेभीएकमहतवपणूशि इसीअजधवे्नमेंअपनेबेटेदवेदासगाँधीसजहत पज‍तकाप्रकाज्तहोतीथीजिसकेसपंादकोंमें
पाँच लोगों को जहनदी दतू बनाकर ताजमलनािु भिे ा
था। द्े के अनय अनेक से‍ठों ने भी राष्ट्रभाषा के
प्रचारकेइसपनुीतकायशिमेंगाँधीिीकोखलुकर
आजथशिकसहयोगजदया।इदंौरमेंही1935मेंहोने
वालेसममलेनकेचौबीसवेंअजधवे्नकेसभापजत
भीगाँधीिीहीथे।कुछहीवषमोंमेंसममलेनकी
्ाखाएंद्ेभरमेंखलुगई।ंमधयप्रद्ेजहनदी
साजहतयसममलेन,भोपाल,हररयाणाप्रादजे्क
जहनदीसाजहतयसममलेन,गडुगाँव,बंबईप्रानतीय
जहनदीसाजहतयसममलेनबंबई,जदललीप्रानतीय ही,सममलेनकोपयाशिपतआजथशिकलाभभीहोने जहनदीसाजहतयसममलेनजदलली,जवनधयप्रादजे्कजहनदीसाजहतयलगा।एकदौरमें‘साजहतयरतन’जिग्रीधारीद्ेकेकोनेकोनेमेंजमल सममलेनरीवां,ग्रामोतथानजवद्यापी‍ठसँगररयारािस्थान,मसैरू िातेथे।सममलेननेजहनदीसाजहतयकेअलावाआयवुदेद,रािनीजत, जहनदीप्रचारपररषद्बैंगलरू,मधयभारतजहनदीसाजहतयसजमजतइदंौर, कृजष,ज्क्षा्ास्त्रआजदमेंभीपरीक्षालेकरउपाजधयाँदनेी्रूु कर भारतेनदु सजमजत कोटा रािस्थान तथा साजहतय सदन अबोहर िैसे दीं। इन उपाजधयों को द्े की जवजभनन सस्ं थाओ ं ने मानयता दे जदया सगं‍ठनगज‍ठतहोगए।यहाँतकजकसममलेनकी्ाखाएंमारी्स थाजिसकेफलस्वरूपप्रजतवषशिपरीक्षाजथशियोंकीसखंयाकईलाखहोने औरथाईलेंितकमेंफैलगई।ंइनहींजदनोंटरिनिीनेजहनदीके लगीऔरयहसममलेनकामखुयकायशििैसालगनेलगा। प्रचार-प्रसारकेजलएजहनदीजवद्यापी‍ठप्रयागकीभीस्थापनाकी। इसतरहजहनदीसाजहतयसममलेनकीगजतजवजधयोंकाचतजुदकशि
आिप्रयाग्हरमेंतीनबीघासेअजधकभजूमपरसममलेनकाप्रसारहुआ।इदंौरअजधवे्नकेबादसममलेनगाँधीिीकीसवाशिजधक भवन बना हुआ ह,ै िहाँ इसका मखु यालय ह।ै इसी में छापाखाना, जप्रय सस्ं थाओ ं में से एक थी जकनतु जहनदी के स्वरूप को लेकर रािजषशि पस्ुतकालय,सग्रंहालयतथाप्र्ासजनकभवनजस्थतह।ैसममलेनका टरिनसेउनकाबराबरमतभदेबनारहा।भारतकीराष्ट्रभाषाकेरूप कायशि-कलाप प्रबंध जवभाग, प्रचार जवभाग, परीक्षा जवभाग, साजहतय में गाँधी िी जिस जहनदी का सपना दखे रहे थे वह रािजषशि टरिन की जवभाग,जबकीजवभागऔरअथशिजवभागमेंबँटाहुआह।ैसममलेनजहनदीसेजभननथी।इसजहनदीकोगाँधीिीकभी-कभीजहनदस्ुतानी के सग्रं हालय का उद्ाटन भी गाँधी िी ने 5 अप्रैल 1936 को जकया भी कहा करते थे और बाद में तो वे इसे जहनदस्ु तानी ही कहने लगे। था।यहसग्रंहालयएकअनसुधंानकेनद्रकीतरहहैजिसमें45000 इसजहनदीकेस्वरूपकेबारेउनहोंनेकहाह,ै सेअजधकमजुद्रतपजुस्तकाए,ं3500सेअजधकदजैनकप‍त,15000 “जहनदीभाषामैंउसेकहताहू,ँजिसेउत्तरमेंजहनदूऔरमसुलमान सेअजधकमाजसकपज‍तकाएंऔरभारतकेरािप‍तकी1850फाइलें बोलतेहैंऔरदवेनागरीयाफारसी(उद)शिूजलजपमेंजलखतेह।ैंऐसी उपलबध ह।ैं इसका पस्ु तकालय अलग से है जिसमें 183000 से दलील दी िाती है जक जहनदी और उदशिू दो अलग-अलग भाषाएं ह।ैं
प्रका्न का कायशि आरंभ हुआ, साथ ही प्रानतीय भाषा ्बद- को् प्रकाज्त करने की भी योिना बनी। इसमें “कननड- जहनदी को्”, “तेलगु-ुजहनदीको्”,“तजमल-जहनदीको्”केसाथ-साथ“मानक जहनदी को्” तथा “मानक अग्रं ेिी जहनदी को्” आजद का प्रका्न प्रमखु ह।ै
 बालकृ ष्ण राव और सतयप्रका् जमश् िैसे लोग
थे।
सममलेननेजहनदीकेप्रचार-प्रसारकेजलए
द्ेभरकेअपनेकेनद्रोंसेतरह-तरहकेपा‍ठ्यकम ्रूु जकए जिनमें प्रथमा, मधयमा (साजहतय जव्ारद)औरतीनसालकीउत्तमा(साजहतय रतन)प्रमखुह।ैइसकेअलावासममलेनकी ओरसे‘महामहोपाधयाय’कीभीउपाजधदी िातीथी।इनसेजहनदीकाप्रचार-प्रसारतोहुआ
 जनवरी 2024 / ववशववा
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