Page 35 - Vishwa January 2024
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खोिकररहेहैंउनहेंगहरीखदुाईकरनीपडीहैऔरकभी-कभीतले ऊपरकई्हरजमलेह।ैं यहबातनहींहैजकये्हरएकसाथही तले ऊपर रहे हों। एक ्हर सैकडों वषमों तक आबाद रहा होगा, लोग वहाँ पैदा हुए होंगे और मरे होंगे और कई पश्ु तों तक यही जसलजसला िारी रहा होगा। धीरे-धीरे ्हर की आबादी घटने लगी होगी और वह वीरान हो गया होगा। आजखर वहाँ कोई न रह गया होगा और ्हर मलबे का एक ढेर बन गया होगा। तब उस पर बालू और गदशि िमने लगी होगी और यह ्हर उसके नीचे ढक गए होंगे कयोंजक कोई आदमी सफाई करनेवाला न था। एक मद्ु त के बाद सारा ्हर बालू और जमट्ी से ढक गया होगा और लोगों को इस बात की याद भी न रही होगी जक यहाँ कोई ्हर था। सैकडों बरस गिु र गए होंगे तब नए आदजमयों ने आ कर नया ्हर बसाया होगा और यह नया ्हरभीकुछजदनोंकेबादपरुानाहोगयाहोगा।लोगोंनेउसेछोड जदया होगा और वह भी वीरान हो गया होगा। एक िमाने के बाद वह भी बालू और धलू के नीचे गायब हो गया होगा। यही सबब है जक कभी-कभी हमें कई ्हरों के खिं हर ऊपर-नीचे जमलते ह।ैं यह हालतखासकरबलईु िगहोंमेंहुईहोगीकयोंजकबालूहरएकचीि पर िलदी िम िाती ह।ै
जकतनीअिीबबातहैजकएककेबाददसूरे्हरबनें,मदमों, औरतोंऔरबचचोंकेिमघटोंसेगलु िारहोंऔरतबधीरे-धीरेउिड िाऍंऔरिहाँयहपरुाने्हरथेवहाँनए्हरबसेंऔरनए-नए
आदमी आ कर वहाँ आबाद हों। जफर उनका भी खातमा हो िाए और्हरकाकोईजन्ाननरह।े मैंतोइन्हरोंकाहालदो-चार वाकयों में जलख रहा हू,ँ लेजकन सोचो जक इन ्हरों के बनने और जबगडनेऔरउनकीिगहनए्हरोंकेबननेमेंजकतनेयगु बीतगए होंगे। िब कोई आदमी सत्तर या अस्सी साल का हो िाता ह,ै तो हम उसे बिु ्ढा कहते ह।ैं लेजकन उन हिारों बरसों के सामने सत्तर या अस्सीसालकयाह?ैं िबये्हररहेहोंगेतोउनमेंजकतनेछोटे-छोटे बचच-ेबढ़ू ेहोकरमरगएहोंगेऔरकईपीजढ़याँगिु रगईहोंगीऔर अबबाबलुऔरनेनवुाकाजसफशिनामबाकीरहगयाह।ैएकदसूरा बहुतपरुाना्हरदजमश्कथा।लेजकनदजमश्कवीराननहींहुआ।वह अब तक मौिदू है और बडा ्हर ह।ै कुछ लोगों का खयाल है जक दजमश्कदजुनयाकासबसेपरुाना्हरह।ै जहनदस्ुतानमेंभीबडे-बडे ्हरनजदयोंकेजकनारेहीपरह।ैंसबसेपरुाने्हरोंमेंएककानाम इद्रं प्रस्थ था िो कहीं जदलली के आसपास था, लेजकन इद्रं प्रस्थ का अबजन्ानभीनहींह।ै बनारसयाका्ीभीबडापरुाना्हरह,ै ्ायददजुनयाकेसबसेपरुाने्हरोंमेंहो।इलाहाबाद,कानपरुऔर पटनाऔरबहुत-सेदसूरे्हरिोतमुहेंखदुयादहोंगेनजदयोंहीके जकनारेह।ैं लेजकनयेबहुतपरुानेनहींह।ैं हाँ,प्रयागयाइलाहाबाद औरपटनाजिसकापरुानानामपाटजलप‍तुाथाकुछपरुानेह।ैं
इसीतरहचीनमेंभीपरुाने्हरह।ैं
 1 श्दपांिजल
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7अगस्त,1925कोतजमलनािुकेतंिावरुजिले में िनमे भारत में ‘हररत कांजत’ के िनक मनकोमबु सबंाजसवनस्वामीनाथनअथाशितएमएसस्वामीनाथन का 21 जसतंबर 2023 को जनधन हो गया। वे एक खयातकृजषवैज्ञाजनकथेजिनहोंनेभारतमेंधान,गेहूँ जकस्में जवकजसत करने में अहम योगदान जदया जिससे
ग़ज़ाकीसबसेबडीपेंटरहबेाज़गौत बचचों के साथ हवाई हमले में मारी गई। हबेानेअपनीतस्वीरोंमेंग़ज़ाकीउममीदों में रंग भरे थे। उममीद है आने वाली नस्लें
इनरंगोंमेंजज़दंगीऔरजज़दंाजदलीभरेंगी। हेबा के बनाए कु छ मचत्
और कपास की उननत
भारत को अनन सकं ट से उबरने में बहुत सहायता जमली।
   अपनेमहत्वपणूशियोगदानकेजलएपद्जवभषूण,लालबहादरु्ास्‍ती राष्ट्रीयपरुस्कारऔरइजंदरागांधीपरुस्कार,रेमनम्ैससेेपरुस्कार,अलबटशि आइस्ंटीनजवश्वजवज्ञानपरुस्कारआजदअनेकराष्ट्रीय-अतंराशिष्ट्रीयपरुस्कारों से सममाजनत जकया गया।
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समाि के जनधनशि लोगों तक सस्ती और प्रायः जनः्लुकने‍त्लयजचजकतसापहुचँानेकेजलए जवखयातने‍तजचजकतसकपद्भषूणिॉएसएस बद्रीनाथ का 83 वषशि की आयु में जनधन। अमरीका से ने‍त ्लय जचजकतसा में जव्षे ज्ञता प्रापत करने के बाद उनके सभी सहपा‍ठी िहाँ अमरीका में ही बस
गएवहींिॉ.्कंरने1962मेंहीचनेनईलौटकर‘नॉटफॉरप्रॉजफट’ने‍त जचजकतसालय ्रूु जकया। जवनम्र श्द्धांिजल।
  जनवरी 2024 / ववशववा
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