Page 34 - Vishwa January 2024
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विशिवा / जनिरी 2024
ज्तपाके्‍त:्ु‍तीकेनपाम
17. शुरू कपा रहन-सहन
अनुवाद – प्रेमचंद
 सरगनों और रािाओंकी चचाशि हम काफी कर चकु े। अब हम उस ऐसीिगहहोतीहोगीिहाँवेआसानीसेखानापासकें।उनकाकुछ िमानेकेरहन-सहनऔरआदजमयोंकाकुछहालजलखगें।े खानाखतेीसेिमीनमेंपैदाहोताथा।औरखतेीकेजलएपानीका हमेंउसपरुानेिमानेकेआदजमयोंकाबहुतजयादाहालतो होनािरूरीह।ैपानीनजमलेतोखतेसखू िातेहैंऔरउनमेंकुछ मालमूनहीं,जफरभीपरुानेपतथरकेयगुऔरनएपतथरकेयगुकेनहींपैदाहोता।तमुहेंमालमूहैजकिबचौमासेमेंजहनदस्ुतानमेंकाफी आदजमयों से कु छ जयादा ही मालमू ह।ै आि भी बडी-बडी इमारतों बारर् नहीं होती तो अनाि बहुत कम होता है और अकाल पड िाता केखिंहरमौिदूहैंजिनहेंबनेहिारोंसालहोगए।उनपरुानीइमारतों,ह।ैगरीबआदमीभखूोंमरनेलगतेह।ैंपानीकेबगैरकामनहींचल मजंदरोंऔरमहलोंकोदखे करहमकुछअनदािाकरसकतेहैंजक सकता।परुानेिमानेकेआदजमयोंकोऐसीहीिमीनचनुनीपडी
वेपरुानेआदमीकैसेथेऔरउनहोंनेकया-कयाकामजकए।उनपरुानी होगीिहाँपानीकीबहुतायतहो।यहीहुआभी। इमारतोंकीसगंतरा्ीऔरनकका्ीसेखासकरबडीमददजमलती मसेोपोटैजमयामेंवेदिलाऔरफरातइनदोबडीनजदयोंके ह।ै इन पतथर के कामों से हमें कभी-कभी इसका पता चल िाता है बीच में आबाद हुए। जमस्र में नील नदी के जकनारे। जहनदस्ु तान में जकवेलोगकैसेकपडेपहनतेथ।ेऔरभीबहुत-सीबातेंमालमूहोउनकेकरीब-करीबसभी्हरजसधं,ुगगंा,िमनुाइतयाजदबडी-बडी िाती ह।ैं नजदयों के जकनारे आबाद हुए। पानी उनके जलए इतना िरूरी था जक
नहींह।ैलेजकनजकस्सेकहाजनयोंकोछोडकरहमारेपासइसकाकोई सबतू नहीं ह,ै इसजलए उसका जिक करने की िरूरत नहीं।
कुछलोगयहभीकहतेहैंजकपरुानेिमानेमेंअमरीकामेंऊँचे
दरिेकीसभयताफैलीहुईथी।तमुहेंमालमू हैजककोलंबसको
अमरीकाकापतालगानेवालाकहािाताह।ै लेजकनइसकायह कहते।लेजकनआदजमयोंकीआदतहैजकअसलीसबबकोभलू मतलबनहींजककोलमबसकेिानेसेपहलेअमरीकाथाहीनहीं।िातेह।ैंवेजबनासोच-ेसमझेलकीरपीटतेचलेिातेह।ैंहमेंयाद इसकाखालीइतनामतलबहैजकयरूोपवालोंकोकोलंबसकेपहले रखनाचाजहएजकनीलऔरगगंाकीबडाईजसफशिइसजलएहैजकउनसे उसका पता न था। कोलंबस के िाने के बहुत पहले से वह मलु क
आबादऔरसभयथा।यकुेटनम,ेंिोउत्तरीअमरीकाकेमजेकसको
राजयमेंह,ैऔरदजक्षनीअमरीकाकेपेरूराजयम,ेंपरुानीइमारतों
केखिंहरहमेंजमलतेह।ैंइससेइसकायकीनहोिाताहैजकबहुत
परुानेिमानेमेंभीपेरूऔरयकुेटनकेलोगोंमेंसभयताफैलीहुईथी।
लेजकन उनका और जयादा हाल हमें अब तक नहीं मालमू हो सका।
हमयहतो‍ठीक-‍ठीकनहींकहसकतेजकपहले-पहलआदमी वेइननजदयोंकोदवेतासमझनेलगेिोउनहेंखानाऔरआरामकी कहाँआबादहुएऔररहने-सहनेकेतरीकेजनकाल।ेबािआदजमयों दसूरीचीिेंदतेाथा।जमस्रमेंनीलको‘जपतानील’कहतेथेऔर काखयालहैजकिहाँएटलांजटकसागरहैवहाँएटलांजटकनामका उसकीपिूाकरतेथे।जहनदस्ुतानमेंगगंाकीपिूाहोनेलगीऔरअब एकबडामलुकथा।कहतेहैंजकइसमलुकमेंरहनेवालोंकारहन-तकउसेपजव‍तसमझािाताह।ैलोगउसे‘गगंामाई’कहतेहैंऔर सहनबहुतऊँचेदरिेकाथा,लेजकनजकसीविहसेसारामलुक तमुनेयाज‍तयोंको‘गगंामाईकीिय’का्ोरमचातेसनुाहोगा। एटलांजटक सागर में समा गया और अब उसका कोई जहस्सा बाकी
्ायदकुछजदनोंकेबादहमेंउनकेबारेमेंकुछऔरबातेंमालमूहों।नजदयोंकेजकनारेपरथे।तमुनेइनमेंसेबािम्हूर्हरोंकानाम यरूोपऔरएज्याकोजमलाकरयरूेज्याकहतेह।ैंयरूेज्यासनुाहोगा।मसेोपोटैजमयामेंबाबलु,नेनवुा,औरअसरुनामके्हर
मेंसबसेपहलेमसेोपोटैजमया,जमस्र,कीट,जहनदस्ुतानीऔरचीनमें थे।लेजकनइनमेंसेजकसी्हरकाअबपतानहींह।ैहाँ,अगरबालू
सभयताफैली।जमस्रअबअफीकामेंहैलेजकनहमइसेयरूेज्यामें रख सकते हैं कयोंजक वह इससे बहुत निदीक ह।ै
परुानीिाजतयाँिोइधर-उधरघमूती-जफरतीथीं,िबकहीं आबादहोनाचाहतीहोंगीतोवेकैसेिगहपसदं करतीहोंगी?वह
याजमट्ीमेंगहरीखदुाईहोतीहैतोकभी-कभीउनकेखिंहरजमल िातेह।ैं इनहिारोंबरसोंमेंवेपरूीतरहजमट्ीऔरबालूसेढकगए औरउनकाकोईजन्ानभीनहींजमलता।बाििगहोंमेंइनढकेहुए ्हरोंके‍ठीकऊपरनए्हरबसगए।िोलोगइनपरुाने्हरोंकी
यह समझना मजु श्कल नहीं है जक कयों वे नजदयों की पिू ा करते थे, कयोंजकनजदयोंसेउनकेसभीकामजनकलतेथे।उनसेजसफशिपानीही न जमलता था, अचछी जमट्ी और बालू भी जमलती थी जिससे उनके खते उपिाऊहोिातेथे।नदीहीके पानीऔरजमट्ीसेतोअनाि के ढेर लग िाते थे, जफर वे नजदयों को कयों न ‘माता’ और ‘जपता’
आदजमयों को अनाि और पानी जमलता ह।ै
18. ्ुरपानी दुजनयपा के बडछे-बडछे शहर
मैंजलखचकुाहूँजकआदजमयोंनेपहले-पहलबडी-बडीनजदयोंके पासऔरउपिाऊघाजटयोंमेंबजस्तयाँबनाईंिहाँउनहेंखानेकी चीिें और पानी बहुतायत से जमल सकता था। उनके बडे-बडे ्हर
पं. ्जवािरलाल नेिरू
 








































































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