Page 33 - Vishwa January 2024
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मैं हरै ान। ऐसा िान पडा जक सरगम में बँधे जसतार का एक तार अचानक झनझनाकर टूट गया और...सारे स्वर जबखर गये।
दोनोंहीपक्षकेमनमेंपरस्परभरोसाऔरएक-दसूरेकेजलए इतना आभार...यह अचानक कया हुआ?
मनैं े उससे िानना चाहा।
परजनताईचपु रहा।
ऐसा िान पडा जक वह जकसी कारणव् अपमाजनत हुआ ह।ै
नौकर-चाकर की िात ही ऐसी होती ह।ै हिार बार अचछा काम करो...बजढ़या स्वभाव बनाये रखो लेजकन िरा-सा गाँ‍ठ पड गयी जक नौकरीसेिवाब।जनताईकोईभखूातोनहींमररहाथालेजकनउसकी ऊबड-खाबड हाड-पिं र की खाल िरूर भर रही थी।
मैंअपनीझझँूलकोरोकनपायी।मनैंेजफरपछूा,"आजखर हुआकया...?बक-झक।यहतोतमुहेंपताहोनाचाजहएबेटेजक अगरगलतीकरोगेतोझाडपडनी-ही-पडनीह।ै आजखरकौनहैिो सबसहतािाएगा...आजखरतमुहारेकोईसरुखाबकापरनहींिडा। अभी उस जदन तो तमु बता रहे थे जक सब कुछ बडा ्ानदार ह.ै.. और अचानक...कोई बात हो भी गयी तो...”
दीजिएगा, अचानक अपनी नानी के गिु र िाने की खबर पाकर वह गाँव चला गया।”
“वाह!यहबाततोतमुहींउनहेंबताकरआसकतेथ।ेइसमेंन बताने िैसी कोई दबी-जछपी बात तो नहीं ह।ै ”
“तो जफर आपके िी में िो आए...वही कह दीजिएगा।”
मझु ेबडागस्ुसाआगया।मझु ेसारीबातेंमिं रू ह,ैं परयह बहानेबािी िरा भी पसनद नहीं। मनैं े उसे धमकाते हुए कहा, “ये सब बेकार की बातें ह।ैं तमु हारा लमबा-चौडा और बे्कीमती मान-सममान आजखर जकस बात से धलू में जमल गया...यह तमु हें बताना ही होगा।”
जनताईनेएकबारजफरआनाकानीकी।ऐसािानपडाजकउसके स्याहपडगयेदोनोंकमिोरहो‍ठएकबारकँप।े उसकीआवािसहमी हुईथी,"वेदोनोंबहुतहीअचछेहैंचाची...बहुतहीअचछे।लेजकन वे मझु े आदमी नहीं समझते ्ायद। मैं भले ही गरीब...अनाथ और मरूखहूँलेजकनकोईबचचातोनहीं।आजखरपचचीससालकािवान आदमीहू.ँ..वेदोनोंऔरत-मदशिकासाराखले मरेेसामनेही...।”
कुछबतानेकेपहलेउसकेहो‍ठचपु होगये।ऐसालगाजक उसकी आवाि चकु गयी। मैं भी खामो् हो गयी। कहना चाजहए स्तबधरहगयी।
“नहींचाची...”जनताईइसबारअपनीिबुानखोलेजबनानहीं
रहसका...“उनकीबातचीतकाढंगतोबहुतहीअचछाह!ै” इसबीमारऔरकमिोर-सीलगनेवालीछोटी-सीबौनीआकृजत
“तोजफर?कयाकामबहुतजयादाथा...?घर-जगरस्तीकाकाम भीकहींनाप-िोखसेहोताह.ै..एकजदनकुछकमहोताहैतोजफर दसूरेजदनजयादाभीहोिाताह.ै..”
सेमैंआखँ नजमलापायी।साराकुछबडाहीअिबूाऔरअनोखा िानपडा।अजवश्वसनीयभी।लेजकनतोभी...मझु ेयहिानपडाजक उसनेकहींकोईिखमिरूरखायाह।ै
जनताई ने मझु े बीच में ही रोकते हुए कहा, “बात यह नहीं थी
चाची...कामकोईजयादानहींथा।आपकेआ्ीवाशिदसेजनताईइस
कमिोर्रीरसेभीघोडेदौडासकताह.ै..।” सकताह.ै..इसमेंउसकीकोईमान-हाजननहींहोती...उसकीमयाशिदा
मैंहरैानथी।“तोकामछोडनेकेपीछेबातकयाथी?...”मनैंेतोतबभगंहोतीहैिबउसकीिवानीकीअनदखेीऔरअवहलेना पछूा। कीिातीह।ै
जसरझकुायेजनताईकेचहेरेकीमांस-पेज्याँएकबारजफरउभर अपनेकोएकिवानआदमीकेरूपमेंप्रस्ततुकरपानेकी गयीं।उसकीआवाििैसेखनकरहीथी,“वहाँमरेीमान-मयाशिदा जनताईकीकोज््परआिमरेीहसँीनहींछूटी।...औरमैंउसके को खतरा था।” आहत पौरुष की तरफ आखँ उ‍ठाकर दखे न पायी।
मान-मयाशिदा?मैंउसकीबातसनुकरसकतेमेंआगयी।कोई मझुेऐसािानपडाजकस्याहआसँूचहुचहुारहेह.ैं..उसकी बक-झकनहींतोजफरमान-मयाशिदािैसीवहकौन-सीचीिथी,आखँोंम.ें..सलुगतेऔर...खौलतेआसँ।ू
जिसकी उँगली पकडकर जनताई भाग खडा हुआ। मनैं े उसकी बात
को दोहराते हुए कहा, “तमु हीं तो कह रहे हो जक ऐसी कोई बक-झक
या झडप नहीं हुई तो आजखर वह कौन-सी हवाई जचजडया थी जिसके पखं ोंपरतमुहारासारामान-सममानसवारहोकरउडगया...फुरशि-से?” जनताई जफर अपनी िानी-पहचानी मद्रु ा में लौट गया। उसने जसर
झकु ाये-झकु ाये ही कहा, “मैं आपको नहीं बता सकता, चाची!” नहीं बता सकता...यह भला कया बात हुई।
मैं अपनी सहले ी की बेटी ्ीला को िानती थी। यह ‍ठीक है जक
वहथोडी्ोखह,ैिराघमरिीभीहैलेजकन...।खरै...मनैंेभीकुछ तयकरजलयाथा।मनैंेउससेपछूा,“दखे जनताई,जबनाबतायेतो बात बनेगी नहीं। अगर तमु जकसी के जसर बेविह कोई दोष मढ़ दो औरकामछोडदोतोमैं्ीलाकोकयािवाबदगँूी?मझुेतोअभी तरुतउससेपछूनापडेगाजकआजखरबातकयाहुई?”
एक ब्राह्मण की सनतान होते हुए भी वह नौकर का काम कर सकताह.ै..ि‍ठूाखानाखासकताह.ै..दसूरोंकेउतारेपरुानेकपडेपहन
 ्ुरपाततव : शेष-अवशेष
गिुरातकेकचछजिलेकेखजटयागाँवमें5000सालपरुानीजसधं-ु हडपपा सभयता से सबं ंजधत कु छ और रोचक प्रमाण जमले ह।ैं ये हैं लगभग500सामजूहककब्रेंऔरउनमेंरखेआभषूण,चजूडयाँ,बतशिन आजद।अभीइनकाजवश्लेषणऔरजवस्ततृ अधययनहोना्षे ह।ै
 जनताई ने अपनी गदनशि को जसकोडे-जसकोडे िवाब जदया, “कह
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