Page 40 - Vishwa January 2022
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वयस्‍तत्व
  आमआदमीकेदखतु-दद्तऔरपरेशाधनयोंकोअपनेकाटू्तनोंकेमाफ्त् आवाजदनेेवालेरासीपरतुमकृष्णसवामीलक्मणयानीआरकेलक्मण काजनमश्ीसालह।ै वेआमआदमीकीमखतुरआवाजथिेजो 1951 से दशे के लोक्ंत्र के साथि धवकधस् और पररपकव हो्ी चली गई।
उनहोंने अपने काटू्तनों के जररए न धसफ्त आम आदमी के रोजमरा्त कीमधतुश्कलभरीधजदंगी,समसयाओंकोदशे केसामनेरखा,बधरक धसयासी-समाजीमसलोंपरउनकीकभीमासमू,्ोकभी्ीखी धटपपणी धसयास्दानों को सोचने पर मजबरू कर्ी थिी।
राजनीध्क मामलों पर बनाए गए उनके काटू्तन लोगों को खास्ौर पर आकधष््त कर्े थिे। लक्मण ने अपने काटू्तनों में दशे के धसयास्दानों की जमकर खबर ली और उन पर ्ंज कसने के धलए आम आदमी के नजररए से सोचा। यही उनके काटू्तनों की असल ्ाक्थिी।आरके लक्मणके कॉधमकधकरदार‘कॉमनमनै’नेदशे की कई पीधियों को म्तु ाधससर धकया। सािारण से धदखने वाले उनके काटू्तन चररत्र में एक अलग ही नैध्क ्ाक् थिी, जो ्ाक्वरों को भीअपनेआगेझकतुाद्ेीथिी।आरकेलक्मणकेकाटू्तनोंकोगौरसे दखे ,ें ्ो उनमें हमशे ा एक फलसफा, एक धवचार धमल्ा ह,ै जो लोगों को सोचने पर मजबरू कर्ा ह।ै
टाइमसऑफइधंडयाकेपहलेपननेपरआरकेलक्मणके‘यू सेडइट’यानी‘आपनेकहा’कैपशनवालेपॉकेटकाटू्तनकासहतुाना सफर बीसवीं सदी के पचास के दशक में शरूतु हुआ। यह धसलधसला परू े छह दशक ्क चला। प्रिानमत्रं ी नरेंद्र मोदी के काय्तकाल को यधदछोड़द,ें्ोउनहोंनेदशे केसारेप्रिानमत्रंी–पधंड्जवाहरलाल नेहरूसेलेकरमनमोहनधसहं्क–काजमानादखेाऔरउसदौर कोबड़ीधजममदेारीसेअपनेकाटू्तनोंमेंधचधत्र्धकया।अपनेकाटू्तनों में वह सत्ा और समाज की गड़बधड़यों, राजनीध्क धवचारिाराओं की धवषम्ा को धनशाना बनाने में कभी नरमी नहीं बर््े थि।े वह अकसर कहा कर्े थिे, ने्ा भले ही दशे के धलए बरतु े हो सक्े ह,ैं लेधकन उनके पेशे के धलए वे काफी अचछे रहे ह।ैं राजने्ा भी उनके वयंगयऔरकटाक्षकाकभीबरतुानहींमान्ेथिे।
धदलचसप है धक आरके लक्मण राजनीध्ज्ों में भी उ्ने ही लोकधप्रयथिे,धज्नेधकअपनेपाठकोंम।ें प्रथिमप्रिानमत्रं ीजवाहरलाल नेहरूभीउनकेकाटू्तनऔरबेधमसालसलाधहय्केप्रशसंकथिे। लक्मण ही थिे धजनहोंने नेहरू के धबना टोपी के कई कै ररके चर बनाए। जब इस बारे में नेहरू ने उनसे सवाल पछू ा, ्ो लक्मण की कै धफय् थिी, ‘आप धबना टोपी के जयादा अचछे लग्े ह।ैं ’ दशे में इमरजेंसी का दौर आया, ्ो प्रेस पर कई ्रह की सेंसरधशप लग गई। आरके
जावहद िान (पत्रकार)
लक्मणमीधडयाकीआजादीकोलेकरकाफीसवंेदनशीलथिे।वह इससबंंिमेंप्रिानमत्रंीइधंदरागांिीसेधमलेऔरउनहोंनेश्ीम्ी गांिी को आगाह धकया धक वह गल् कर रही ह।ैं दशे में लक्मण ही एक अदद ऐसे काटू्तधनसट थिे, धजनके काटू्तन इमरजेंसी के दौरान भी लगा्ार प्रकाधश् हो्े रह।े उनके काटू्तनों पर पाबंदी लगाने की कभी धकसी ने धहमम् नहीं की।
आरके लक्मण अपने काटू्तन में एक ऐसी शधखसय् को गिना चाह्े थिे, धजसमें धकसी खास मजहब, जाध्, नसल और वग्त का अकसनधदखाईपड़े।वहपरूेदशे केआमनागररकोंकीनमतुाइदंगी करे।
(24 अ्‍तू्बर 1921-26 िनिररी 2015)
बहरहाल, इस धकरदार ने जो शकल अधख्यार की, उसका खाका कतुछइस्रहसेह-ै िो्ी,चके वालाबंदगलेकाकोट,पाँवमें सस्ेज्ूेऔरगांिीचश्मा।यहकॉमनमनै,आगेचलकरपरूेदशे में धकसी जी्ी-जाग्ी हस्ी की ्रह मशहूर हुआ। गरज धक यह गजंाकॉमनमनैदशेकेधकसीभीधहससेमेंरहनेवालेमामलूीआदमी कीनमतुाइदंगीकर्ाथिा।धससटमकेधखलाफकॉमनमनैकाप्रध्रोि उसे सचचा लग्ा। आम आदमी को लग्ा यही ्ो वह बा् ह,ै जो वह कहना चाह्ा ह।ै
अपने बेजोड़ हासय-वयंगय और सामाधजक, राजनीध्क रूप सेप्रासधंगकसदंशेोंकेजररएउनहोंनेलाखोंदशेवाधसयोंकीधजदंगी कोछतुआ।उनकेदखतु-दद्तकोबाँटा।धवपरी्पररधसथिध्योंमेंभी धकस ्रह से मसतु कतु राया जा सक्ा ह,ै उनहोंने यह अपने पाठकों को धसखाया। आज भले ही काटू्तधनसट आरके लक्मण हमारे बीच नहीं ह,ैंलेधकनउनकेकाटू्तनऔरकाटू्तनधकरदार‘कॉमनमनै’दशेवाधसयों केधदलोंमेंहमशेाधजदंारहगें।े
कपाट्ड्न कपा कॉमन मैन : आर के लक्मण
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विशिवा / Áजनिरी 2022




















































































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