Page 35 - Vishwa January 2022
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महपातमपा गपाँिी की ्ुणयमतमथि ्र मवशेष
महपातमपा गपाँिी, मपामट्डन लूथिर मकंग (िूमनयर) और अमहंसपा
  रंजन कुमार वसंह
पत्रकार, लेिक, वफलमकार एवं ववचारक रंजन कुमार वसंह की रुवच का दायरा परुराततव से लेकर दश्थन तक पसरा हरुआ है। वे कशमीर पर वफलमें बनाते रहे हैं तो वदलली के समारकों पर वलिते भी रहे हैं। उनकी एकल फो्टो प्रदश्थवनयाँ भी आयोवजत हरुई हैं। कववता, कहानी, यात्रा-संसमरण आवद ववधाएँ उनके लेिन के दायरे में शावमल रही हैं। अब तक उनकी दस परुसतकें प्रकावशत हो चरुकी हैं, वजनमें चार वहनदीमेंतराशेषअंग्रेजीमेंहैं।देश-ववदेशमेंवे भारतीय दश्थन के वैज्ावनक पषि पर वयाखयान देने के वलए बरुलाए जाते हैं। वफलहाल राष्‍टीय कौशल ववकास वनगम में उच्च पद पर काय्थरत हैं। संपक्क : ranjan@parijat.co.in
बसकीआगेकीसीटेंलगभगखालीथिीं,जबधकपीछेकीसीटेंपरूी्रहभरीहुई।ंआगे की्ीनपधंक्योंमेंश्वे्यात्रीबैठेथिे,जबधकपीछेकीपधंक्योंमेंअश्वे्यात्री।बसमें बैठनेकीवयवसथिादखेकरयहसमझनाकधठननथिाधकमामलाभदेभावकाह।ैचौथिी सेलेकरदसवीपधंक्केखालीहोनेकेबावजदू कतुछअश्वे्यात्रीखड़ेथिे।अमरेरकाके मॉनटगोमरेीकाकाननू हीकतुछऐसाथिा।यहाँबसकीअगलीदसपधंक्याँगोरोकेधलए आरधक्ष्थिी्ोधपछलीदसपधंक्याँकालोंकेधलए।बीचकीपधंक्योंपरकोईभीबैठ सक्ा थिा। हालांधक अश्वे् उन पधंक्यों में ्भी बैठ सक्े थिे, जबधक कोई श्वे् वयधक् खड़ानहो।अगरकोईगोराआजाए्ोउनहेंउठनाहीहो्ाथिा।काननू यहभीकह्ा थिा धक गोरे और काले दोनों धकसी सीट पर साथि-साथि नहीं बैठ सक्े। म्लब यह धक अगर 36 पधंक्यों वाली बस में आगे की 26 पधंक्यों में एक भी गोरा बैठा हो ्ो धकसी काले वयधक् को उस पधंक् में बैठने का अधिकार नहीं थिा।
जी हाँ, मैं अमरे रका की ही बा् कर रहा हू।ँ 1955 के अमरे रका की। भार् में एक वक्जैसेजाध्ग्भदेभावथिा,वैसेहीअमरेरकामें्बरंगग्भदेभावथिा।बधरकभार् को हम इस मामले में अमरे रका से बेह्र कह सक्े हैं कयोंधक सव्ंत्र्ा प्राधप् के बाद ही भार्केसधंविाननेसभीनागररकोंकोसमानअधिकारएकसाथिदेधदए,जबधकअमरेरका में मधहलाओ ं को समान सांवैिाधनक अधिकार के धलए 143 वषथों ्क इ्ं जार करना पड़ा, और अश्व्े ों को ्ो 189 वषथों ्क। वैसे रंगभदे से भार् का भी पररचय रहा ह।ै आजादी से पहले एक समय रेलगाधड़यों में अग्रं ेजों के धलए अलग धडबबे हुआ कर्े थिे, जबधक ्माम भार्ीय, चाहे समाज में उनहें कोई भी दजा्त प्राप् हो, गोरों की नजरों में कू ली ही थिे और वेरेलगाड़ीकी्ीसरीश्णेीमेंहीसफरकरसक्ेथिे।औरधफरदधक्षणअफ्ीकाकोहम कै से भलू सक्े ह,ैं जहाँ भार्ीय वकील मोहनदास करमचनद गाँिी को वैि धटकट रह्े हुए रेलगाड़ी के ऊँ चे दजदे में बैठने की वजह से ट्ेन से बाहर फें क धदया गया थिा।
1धदसबंर1955कोअमरेरकाकेमॉनटगोमरेीशहरमेंकतुछवैसाहीहुआ।रोज़ापाकस्त नामकअश्वे्मधहलाबसकी11वींपधंक्मेंबैठीथिी,जबधकगोरेलोगोंकादलबसमें दाधखल हुआ। गोरों के धलए आरधक्ष् सभी दस सीटें भर गई, ्ब भी कतु छ गोरे खड़े ही थिे।काननूनरोज़ा्थिाउसपधंक्मेंबैठेअनयकालेलोगोंकोसीटछोड़नेकाहुकमहुआ। शषे अश्व्ेोंने्ोहुकमकी्ामीलकी,पररोज़ाअड़गई।उसकीयहगसतु्ाखी,उसका जमतु ्त हो गई और उसे धगरफ्ार कर धलया गया। बाद में अदाल् में उसे 14 अमरे रकी डालर जमतुा्तनेकीसजासनतुाईगई।पर्ब्कअमरेरकामेंनागररकअधिकारोंकेधलएएकनई जगंधछड़चकतुीथिी।1धदसबंर1955कोरोज़ापाकस्तकीधगरफ्ारीकेसाथिहीअश्वे्ोंमें एक पचा्त बाँटा गया धक यह कब ्क चलेगा। आज रोज़ा पाकस्त धगरफ्ार हुई ह,ै कल को आप,आपकीबेटीयामाँभीधगरफ्ारहोंग।े सोमवारकोअदाल्मेंरोज़ाकीपेशीह।ै उसधदनहमइनबसोंपरनचिें।अगरहमबसोंपरनचलें्ोबसेंचलनीबंदहोजाएगँी।
इसपचदेकाभरपरूअसरहुआ।अगलेधदनमॉनटगोमरेीइमप्रवूमटेंएसोधसएशनके अधयक्षमाधट्तनलथिूरधकंग(जधूनयर)नेसभाकी,धजसमेंलोग्ोकमहीशरीकहुए,पर उसका प्रचार जबरदस् हुआ। 3 धदसबं र से ही बसों में अश्वे्ों का चलना कम हो गया। 5 धदसबंरकेबधहष्कारकोसफलकरनेकेधलएलोगोंनेचनदेजटतुाए,कारपलतुोंकीवयवसथिा की। जो आवाजाही की अलग वयवसथिा न कर सके , उनहोंने घर पर ही रहने का मन बना धलया।5धदसबंरकोबसेंखालीरहीं।धजनअश्वे्ोंकेपासगाधड़याँथिी,उनहोंनेअपनी
 जनवरी 2022 / ववशववा
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