Page 18 - Vishwa_April_22
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िखे हुताशनी को मरा आया। गेम में सब ढूँढ़ना पड़ता ह।ै मोहनरी
हुताशनीकोरानतेथे।बंटीइ्हीसबबातरोंसेहमशेानाराज़होराता
था। रब चीज़ का सवाि ज़बान पर लहरा रहा हो ठीक उसी समय
दडसीपलीन उसे बहुत अखरती थी। पर हुताशनी के दलए यह बेहि
ज़रूरी था। मोहनरी कहीं से िो नैपदकन लपकते-झपकते ढूँढ़ लाए औररलिी-रलिीदचकंीदमकंीकीफ्ॉकमेंिबाकरखिुततपरताऔरउपेदक्षतहोनेकािखु,मनमटुावशरूुहोता,बंटीकीिभुाजा्यपणूजा
के साथ िोनरों को आईसकीम के कप थमाने लगे। उसी आपा-धापी
में तीसरे कप का चममच उछल कर नीचे दगरा और िोनरों बदचचयरों
के महँु पर स्नाटा। अब आईसकीम खाएँ या नहीं? हुताशनी दकसे
डाँटेगी।यादररनहीं।हुताशनीनेनाराज़गीभरेचहेरेसेमोहनरीको काउसेबचपनसेहीग़ज़बकाआकषजाणथा।एकबारदकशोरवय िखेा।बातचममचदगरनेऔरकापदेटखराबहोनेकीनहींथी।बातमेंमोहनरीनेउसेदहमालयकाएकदहससाघमुायाथा।तबउसने खले दबगाडनेकीथी।खरैबातआईगईहोगई।कहींउनकीमममी तयदकयाथादकअपनेरीवनकालमेंवहपरूादहमालयअवश्य सेदशकायतनकरि,ेइसडरसेदचकंी-दमकंीकोआईसकीमकप घमूगेा।परदहमालयतोदकतनादवराटह।ैपरूाघमूनाइससमय चाटनेकालालचरोकनापड़ापरयहकयािािारीतोचटखारेले सभंवनहींह।ैएकदहससाऔरसही।अबवहरहाँरानेवालाथा कर उँगली से कप चाट रहे थे। हुताशनी उनको िखे कर खबू हसँ रही वहाँ भी बरजा की चोदटयरों की कोई कमी नहीं थी। पर सवाल बरजा की थी,परमहँुिबाकर।बदचचयरोंकोअपनीओरिखेतेपायातोइशाराचोदटयरोंकानहींथा,सवालउसरड़ुावऔरआकषणजाकाथारो दकयादककोईबातनहीं,होराओशरूु...दररकयाथा।।दचकंी सदियरोंसेउसकीनसरोंमेंबहरहाथा।दररइतनीरुखाईसेमाँको दमकंीनेकपखानाहीबाकीरखाथा। कैसेकहदियादकअबवेउसकाइतंरारनकरे।कयावहलौटकर
आईसकीमकेसाथ-साथकुछहवामेंभीदपघलाथा।दमकंी इसतरहनहींआनेवालाथा,इसकाउसेअहसासहोगयाथा?एक नेसोरेपररैलनाशरूु दकया।अलग-अलगमद्रुाओंऔरकोणरों दिनसबुहसमाचारपत्रोंसेपताचलादकदसमलारानेवालीएक सेवहअपनेकोसोरेपररैलारहीथी।दररउलटी-पलुटीहोकरबसघादटयरोंमेंदगरगईहैऔरउसपहाड़ीनिीमेंलगभगसभीयात्ी वहआदहसतासेनीचेउतरी।उसनेिखेामोहनरीटी।वी।िखेरहेबहगए।उनयादत्यरोंमेंएकबंटीभीथा।बंटीकासमचूाहोनाइस हैं और हुताशनी अपनी दकताब खोल कर त्मय-सी बैठी दिखाई िे एक समाचार में दसमट कर रह गया था। उस दिन से एक कसी गांठ रहीह।ैउसनेचाररोंतररनज़रघमुाई।दचकंीउसेिखेरहीथीऔरकाताला-साहुताशनीकेहृियकोलगचकुाथा।नधपू,नउरास, उसकाइरािाभांपकरउसेआखँेंदिखारहीथी।परदमकंीकोइससेनसवरनहलचल–सबकुछकैिहोगयाथा।हुताशनीकेभीतर कोई रकजा नहीं पड़ता था कयरोंदक वह अपने घर में नहीं थी और की हुताशनी दशलारूपा हो गई थी। दचकंीउसकाकुछनहींदबगाड़सकतीथी।एकनारमाजानीकेअिंाज़ असलमेंहमहरबातकोइसीतरहकॉमपलीकेटेडकरितेेह।ैं में वह अपने इरािे पर पककी रही। दरर एक सवदेयर की तरह परू े घर रैसे कुछ अपने ऊपर से झटक रही है उस तरह हुताशनी उठी और कोिखेनाशरूुदकया।हुताशनीकीआखँेंदकताबमेंथीपरधयानधीरेसेदमकंीकेपासआई। दमकंीकीहरकतरोंपरथा।मनकीआखँेंदमकंीकापीछाकररही दमकंीतबतकअपनीबड़ीबहनसेटीवीचनैेलिखेनेकेमद्ुे थीं।दमकंीकेसाथसाथउसकीआखँेंबंटीकेबंििरवाज़ेपरठहरी।परलड़रहीथी।वहउनघदंटयरोंकीअनदधकारधवदनकोभलूना दमकंीकुछिरेखड़ीरही।दररिबुारायहाँवहाँिखेकरउसनेिरवाज़ेचाहतीथीकयरोंदकवहहुताशनीसेबचनाभीचाहतीथी।हुताशनी परलटकापरंिाहलकेसेउठाया।हलकी-हलकीघघंुरू-सीघदंटयरों बहुतकोमलताकेसाथदमकंीकेपासपहुचँीऔरमसुकुरातेहुएउसे कीआवाज़आई।दमकंीइसकेदलएतैयारनहींथी।वहबरुीतरहिखेनेलगी।दमकंीदररचौंकगई।परअबउसेहुताशनीकोिखे डर गई। रैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो, उसने सीधे पहले मोहनरी कर अचछा लगा। बहुत आदहसता से उसके दसर पर हाथ रे रते हुए औरदररहुताशनीकीदिशामेंिखेा।मोहनरीकेकानखड़ेहुए-सेहुताशनीनेपछूा– लगेपरहुताशनीकीतीखीआखँेंउसपरठहरीहुईथी।वहभाग “दरगंलबेलवालेकमरेमेंचलोगी?” करअपनेसोरेमेंिबुकगई। दमकंीकोभरोसानहींहुआ।दररउसेयहभीबहुतअचछालगा
हुताशनीऔरमोहनरीकीआखँेंदमलीं।रबउ्हरोंनेयहघरदकवहरहसयमयकमरा‘दरगंलबैल’कमराह।ैउसनेपहले‘ना’में खरीिा था तब एक कमरा बंटी के दलए आरदक्षत रखा था। इस उममीि दसर दहलाते हुए और दरर तरु ंत ‘हाँ में दसर दहलाते हुए उसने हुताशनी मेंदकरबकभीबंटीउनकेपासछुरटियाँदबतानेआएउसकेपास काहाथथामदलया।दकतनीरुई-सीमलुायमहथेलीथी।उसकेचहेरे अपनाएककमराहो।बंटीकोयहबातछूतोगईथीपरवहअदलपतसेएकिमदभ्न।दमकंीनेहुताशनीकाचहेरािखेातोचौंकगई।वह हीरहाथा।बदलकदपछलीबाररबआयाथातो।यहसार-सार एकबेहिसिंुरबढ़ूीहोतीपरीकीतरहदिखाईपड़रहीथी।उसेलगा कहकरगयाथादकवेउसकाइतंज़ारनकरें।अबवहसभंवतः दकहोनहो‘दरगंलबेल’वालाकमराएकरािईुकमराहोगा।उस नहींआएगा।हुताशनीकोचोटलगीथी।उसकाहृियआहतहुआनेहुताशनीकोबिलदियाह।ैकुछउतसकुताऔरकुछआशकंासे
था। उसने मोहनरी से कहा था दक ‘इस तरह दकसी ररश्ते पर कोई िरवाज़ाबंिनहींकरितेा।हमेंकयापताआगेकयाहोनेवालाह।ै बंटी पता नहीं कैसा बन गया ह।ै हमने तो ऐसे ससं कार नहीं दिए। ज़रूर...।’ बस यहीं तक वह बोल पाई थी। पर दनयदत का खले भी ऐसा रहा दक इसके पहले दक उसके भीतर बेटे की बेरुखी, अके लेपन
मतृ यु हो गई। अपमतृ य।ु
वह ऐन सदियजा रों के दिन थे। दविशे राने से पहले उसने सोचा था
दक वह दहमालय के पहाड़रों की यात्ा करेगा। दहमालय की चोदटयरों
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विशिवा / Áअप्रैल 2022


















































































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