Page 23 - Vishwa January 2024
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 मज़े मज़े में
 िब मैं चुनपाव िीतते-िीतते बचपा
समपत सरल
िब लोगों ने ताने मारे जक सदनों में भिे े िाने लायक ईमानदार लोगद्ेमेंहैंकहाँ?मझुेअपनाबलयादआया।मनैंेचनुावलडा, हालांजकमैंहारा।अपनेचनुावीनतीिेकेसाथहीमैंइसनतीिेपर भीपहुचँाजकभारतकीिनताजफलहालईमानदारिनप्रजतजनजधही अफोिशि कर सकती ह,ै पयोर ईमानदार नहीं।
चनुौतीबडीथी।मरेीपाररवाररकपष्ृ‍ठभजूमभीरािनीजतकनहीं थी। ना मरे े दादा-परदादा कभी रािनीजत में रह,े ना मरे े माता-जपता। यानी मझु े तो यह कहावती सजुवधा तक प्रापत नहीं थी जक चहू े का िायाहैजबलहीखोदगेा।इसकाअथशियहभीनजनकालािाएजक मझुमेंरािनीजतकचतेनाकाअभावह।ैमैंऐसामतदाताहूँजिसके सममखु सारेप्रतया्ीअपनेजवरोधीकोवोटदनेेकेजलएजगडजगडाते ह,ैं कयोंजक मैं जिसे वोट दे आता हूँ उसकी िमानत भी नहीं बच सकती।अपनाचनुावपररणामआनेपरमझुेभीपछतावाहुआथा जक हाय! मनैं े अपना वोट स्वयं को ही कयों दे िाला?
करम गजत टारे नहीं टरै। पररिन बताते हैं जक नेताजगरी का वायरस मरेीिनमकुरिलीमेंहीथा।िबछोटीउम्रमेंहीमैंघरेलूसबिी- जकराना की खरीद में कमी्न खाने लगा और घर वालों को स्कू ल कीबताकरजसनेमािानेलगा,तबमरेेजपतािीनेमरेीिनमकुरिली गाँव के नामी-जगरामी जयोजतषी बदरी महाराि को जदखाई थी। बदरी महारािअपनेकुतदेकीदाजहनीबगलवालीिेबमेंकोईदो-चारबरस परुानापचंांगहरघडीपटकेरखतेथ।ेदो-चारबारकुतदेकेसाथही धलुिानेसेपचंांगपरुानाहोकरभीनएकालकुदतेाथा।बदरी महाराि इतने िबरदस्त पढ़े-जलखे थे जक कै सी भी जलखावट हो, दखे ते ही स्याही का रंग बता दते े थे, बजलक एक ही जलखावट जितनी बार भी दखे ते, उतनी ही बार स्याही का जभनन रंग बताते थे। इसी गहन समझ के कारण उनके यहाँ जदनमान िानने वालों की गहमा-गहमी रहती थी। जयोजतष के क्षे‍त में ्नू य समझ के बोनस अकं होते ह।ैं
बदरीमहारािनेपहलेतोमरेीिनमकुरिलीकोचटाईपरवैसे ही फै लाया िैसे प्रोपटशी िीलर ग्राहक के सामने भखू रिों का नक्ा फैलाताह।ैजफरकुरिलीकेकागिकोअगं‍ठूेऔरतिनशिीकीजचमटी मेंपकडातथाआका्कीओरउ‍ठाकरजव्षेज्ञभावसेदखेा,िैसे िॉकटरट्यबूलाइटकीओरउ‍ठाकरमरीिकाएकसरेिांचताहैऔर उसेयहतकधयाननहींरहताजकट्यबू लाइटचालूहैयाबंदह।ै बदरी महाराि ने मरे े जपतािी से साफ कह जदया था जक एक न एक जदन आयशिप‍तु चनुावअवश्यलडेगा,कयोंजकइसकीकुरिलीमेंकुरिली मारकरबै‍ठानीचकाचनद्रमा,उचचकेबहृस्पजतकोचकमादकेर कनया राज् की ओर घरू रहा ह।ै
िैसाजकचनुावलडनेवालाप्रतयेकप्रतया्ीदावाकरताह,ै मैंभीिझुारू,ईमानदारऔरलोकजप्रयथा।िझुारूऐसाजकपढ़ाई
केदौरानएकवषशीयपा‍ठ्यकमभीसदवैपचंवषशीययोिनाकेतहत पढ़ा। िब-िब बेईमानी का अवसर नहीं जमला, तब-तब मैं ईमानदार भी रहा। अपनी लोकजप्रयता के बारे में तो स्वयं ही अपनी आरती कया उतारूं ? बेहतर हो आप उनसे पछू ें जिनसे मनैं े उधार ले रखा ह।ै
जिसप्रकारमीजियाकेजलएसवाशिजधकबरुीखबरहीसवाशिजधक अचछी खबर होती ह,ै वैसे ही रािनीजतक दलों के जलए भी दिु शिनतम वयजकतहीयो्यतमप्रतया्ीहोताह।ै अतःमझु ेजकसीदलनेजटकट नहीं जदया। जटकट मांगने पर सभी दलों ने एक ही टका सा िवाब जदया जक तेरे ऊपर आितक ्ांजत भगं तक का तो आरोप लगा नहींहैऔरचलाहैचनुावकाजटकटमांगने।छाछभीकहनेलगी है जक मझु े चबाकर खाओ। यहाँ िघनय अपराध कर चकु े सजिनों की ही आर.ए.सी. जकलयर नहीं हो रही है और तू चाहता है जक तेरे िैसेजनरपराधीकीवेजटंगकनफमशिहोिाए?चजंूकमैंचनुावसेपहले हीनहींहारनाचाहताथा,सोमनैंेजनदलशिीयकेरूपमेंचनुावलडा।
मरेाचनुावघोषणाप‍तइतनाआकषकशि थाजकसभीदलोंने अक्षर्ः न जसफशि तब उसकी नकल की, बजलक आितक कर रहे हैंऔरभजवष्यमेंभीनकलकरतेरहगेंे।मा‍तछह्बदोंमेंब्रह्मांि कोसमटे जदयाथामनैंे।मरेाघोषणाप‍तथा–‘्जतशियाइलािनहीं तो बीमारी वापस’।
मरेानामांकनवालाएजपसोिबडारोचकरहा।नामांकनहतेु मैंघरसेजनकला।दखेा,बाहरभारीभीडिटुीह।ैमैंआलहाजदत। जिसे प्रस्तावक तक खोिने में पसीने आ गए थे, उसके नामांकन के जलएअपारिनसमहू?
रहस्य िरा दरे से खलु ा। दरअसल उस जदन अपनी िमानत राज् केिगुाडकेचककरोंमेंमैंसबुहकेअखबारनहींदखेपायाथा। अखबारों में छपना तो था जक आि समपत सरल अपना नामांकन भरने िाएगा, और छप यह गया था जक आि समपत सरल अपना नाम वापस लेने िाएगा। मिे की बात रही जक मरे े ज्कायत करने के बाविदू जकसीअखबारनेगलतखबरकाखिं ननहींछापा।अखबार वालों का िायि तकशि था जक खिं न छापने से पा‍ठकों में सदं ्े िाता है जक अखबार ने गलती की ह।ै जिन पा‍ठकों ने गलत खबर नहीं पढ़ी होती ह,ै वे भी खिं न पढ़कर परु ाना अखबार जनकालते हैं और गलतखबरपढ़िालतेह।ैं अपनीगलतीस्वीकारनेसेअखबारकी साख खराब होती ह।ै
अगलेजदनमनैंेदखेाजकवेहीचहेरेझिंे-बैनरबदलकरमरेे जवरोधीकेनामांकनकेिलुसूमें्ाजमलथे।चनुावकेसमयऐसी बातों को गभं ीरता से नहीं लेना चाजहए। मनैं े भी नहीं जलया। सवशिजवजदत है जक उतसवधमशी भारत में ऐसे प्रोफे ्नल बाराती असखं य ह,ैं िो मांगे का सटू पहनकर अनिानी बारातों में भांगडा करते हुए जदख िाते
 जनवरी 2024 / ववशववा
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