Page 9 - Vishwa January 2022
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िाह गई शि्ं ा शरटी, रनआदु बेपरवाह। शजनको कछनू न िाशहए, वे साहन के साह॥ 4॥
इचछाही्नावकाकारणहो्ाह।ै धजनहेंकोईचाह,इचछाया्ष्ृणा नहीं है वे राजाओ ं के भी राजा हो्े ह।ैं
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जो बड़ेन को लघदु कह,ें नशहं रहीर घशट जाँशह। शगरधरररदुलीधरकह,ेकछदुदखदु रान्नाशह॥ं5॥
झठू े अहकं ार में आकर छोटे लोग बड़े लोगों की धनंदा कर्े हैं लेधकन इससे कोई अ्ं र नहीं पड़्ा जैसे धक गोविन्त पव्त् को उठाने वाले कृष्णकोबांसरतुीउठानेवाला(बंसीिर)कहनेसेभीउनकामहत्व कम नहीं हो्ा।
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जो रहीर ्न हाथ ह,ै रनसा कहुँ शकन जाशह।ं जल रें जो छा्ा परी, का्ा भीजश् नाशह॥ं 6॥
यधदमनअनशतुाधस्है्ोकहींभीधवचलनकाख्रानहींहैजैसे धक पानी में छाया पड़ने से शरीर नहीं भीग्ा।
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टनूटेसजदुनरनाइए,जौटनूटेसौबार। रशहरन शफरर शफरर पोशहए, टनूटे रकदु ्ाहार॥ 7॥
सजजनों को दरू न होने दें कयोंधक वे सदवै सबके धह्धचन्क हो्े ह।ैं कया टूट जाने पर भी मोध्यों की माला को धफर नहीं धपरो धलया जा्ा?
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बशस कदु सगं िाह् कदु सल, ्ह रहीर शज् सोस। रशहरा घटी सरद्रदु की, रावन बस्ो परोस॥ 9॥
कतु सगं ध् में रहकर यधद कोई अपना धह् समझ्ा है ्ो यह वास्व में अफसोस की बा् ह,ै रावण के पड़ोस में रहने से समद्रतु की मधहमा कम हो गई। राम ने उस पर पलतु बनाकर उसे उरलंघय धसद्ध कर धदया।
रहीमजीबदल्ेसमयमेंधवलपतु्हो्ीसजजन्ाकेबारेमेंअफसोस कर्े हुए कह्े हैं धक अब बागों में कंटीले और वयथि्त के वक्षृ ही धदखाईद्ेेह।ैंदसूरोंकोछायादनेेवालेधवराटवक्षृकहाँ?
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रशहरन कबहुँ बड़ेन के, नाशहं गवमा को लेस। भारधरैंससंारको,्ऊकहाव्सेस॥13॥
बड़े लोग बड़े काम कर्े हुए भी अधभमान नहीं कर्े जैसे धक सारे ससंारकाभारवहनकरनेवालाभीअपनेको‘शषे’(नाग)जैसे धवनम्र शबद से प्रकट कर्ा ह।ै
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रशहरन छोटे नरन सो, हो् बड़ो नहीं कार।
रढो दरारो ना बने, सौ िहनू े के िार॥ 14॥
छोटे लोगों से बड़े काम नहीं हो सक्े वे भले ही धक्नी भी डींग हाँके जैसे धक चहू े के चमड़े से नगाड़ा नहीं बन सक्ा।
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रशहरनदशेखबड़ेनको,लघदुनदीशजएडारर। जहाँकारआवेसईदु,कहाकरे्लवारर॥15॥
ससंारमेंसबकाअपनेअपनेसथिानपरमहत्वहो्ाहैअ्ःधकसी को वयथि्त न समझें कयोंधक जहाँ सईतु का काम हो्ा है वहाँ ्लावर
धकसी काम नहीं आ्ी।
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रशहरन नीिन सगं बशस, लग् कलंक न काशह।
दधनू कलारी कर गह,े रद सरझदु ै सब ्ाशह॥ 16॥
बरतु ों की सगं ध् में अचछों को भी वास्धवक सममान प्राप् नहीं हो्ा जैसे धक कलाररन (शराब बेचने वाली सत्री) के हाथि में होने पर लोग दिू को भी शराब समझने लग्े ह।ैं
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रशहरन ्ा ्न सपनू ह,ै लीजै जग् पछोर। *** हलकदुनकोउशड़जानद,ैगरुएराशखबटोर॥17॥
रान सशह् शवर खा् के, सभं दु भ्े जगदीस। शबना रान अर्ृ शप्े, राहु कटा्ो सीस॥ 10॥
सममान की कीम् पर कतु छ भी प्राप् करने से यश नहीं धमल सक्ा जैसे धक सममान सधह् धवष पीने वाले धशव ‘जगदीश’ कहला्े हैं जब धक छल से अम्ृ पीने की कोधशश करने वाले राहु को अपना धसर कटवाना पड़ा।
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्ह रहीर शनज सगं लै, जनर् जग् न को्।
बैर, रिीश्, अभ्ास, जस, हो् हो् ही हो्॥ 11।।
शत्र्तु ा, प्रेम, कतु शल्ा और यश कोई भी अपने साथि लेकर नहीं जनम्ा। ये सब ्ो समय पाकर ही हो्े ह।ै
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रशहरनअबवेशबरछकह,ँशजनकीछॉहगभंीर। बागनशबिशबिदशेखअ्,सेंहुड़,कदुटज,करीर॥ 12॥
ससंारमेंअचछाबरतुासबकतुछह।ैसमझदारलोगसपूकी्रहवयथि्त को उड़ा कर श्ष्े ठ को अपना ले्े ह।ैं
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रशहरन शबपदाहू भली, जो थोरे शदन हो्।
शह् अनशह् ्ा जग् र,ें जाशन पर् सब को्॥ 18॥
सकंटभीअचछेहो्ेहैंयधदबहु्लमबेसमय्कनाहोंकयोंधक इसीसे प्ा चल्ा है धक हमारा सचचा धह् धकसमें ह।ै
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लोहे की न लोहार का, रशहरन कही शविार।
जो हशन रारे सीस र,ें ्ाही की ्लवार॥ 20॥
धकसी भी वस्तु पर उसके अनरूतु प कम्त करने पर ही अधिकार प्राप्त
हो्ा है जैसे धक ्लवार न ्ो लोहे की हो्ी ह,ै न ही लोहार की।
वह ्ो उसकी हो्ी है जो उससे वार करने में सक्षम हो्ा ह।ै प्सतुहत : हशि्ंगरी िोशरी
 जनवरी 2022 / ववशववा
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