Page 32 - Vishwa January 2022
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सामप्रदाधयक्ा का धवरोिी सवर सा़ि धदखलाई द्े ा ह।ै वे कह्े ह–ैं के नाम के साथि ध़िराक़ जड़तु गया। बेकारी,भखदुररी,लड़ाई,ररश्व्औरिोरबजारी िरीिनपररचय–ध़िराक़गोरखपरतुीकाअसलनामरघपतुध्
बेबस जन्ा की ्ह दगदु मा्, सब की जड़ सररा्ादारी।
उनकी धक्ाब ‘गलतु े नगमा’ में इस ्रह की ग़ज़लें और नजमें बहु्ाय् में ह।ैं साम्राजयवाद के धख़ला़ि कई नजमों में उनका लहजा का़िीकठोरभीहोजा्ाह।ैउनकीऐसीहीएकनजमदधेखए-
्ेसबरदखमाोरहैंसाथीइनकेसाथररदुवव्कैसी ्हदशदुन्ाहैइनकीशरलशक््इसदशदुन्ाकीऐसी्ैसी दशदुन्ाभरबाज़ारहैशजसकाइकरडंीहरेाफेरीकी उस अररे रका की ्ह हाल् ्ह बेकारी ध् ्ेरे की सामप्रदाधयक लोग समाज के धलए धकस
सहाय थिा। उनका जनम 28 अगस्, 1896 ई को गोरखपरतु में गोरख प्रसाद के घर हुआ। धप्ा ज़मींदार थिे और गोरखपरतु में वकाल् कर्े थिे साथि ही शायरी धलखने-पिने का शौक रख्े थिे। समद्धृ पररवार में जनमेध़िराक़केवयधक्तवपरपररवारकेदाशध्तनक,सांसकृध्कऔर साधहधतयकवा्ावरणकाप्रभावपड़ा।धप्ानेबालकरघपतुध्की प्रारंधभकधशक्षाकेधलएघरपरहीवयवसथिाकीधजसकेकारणउनहोंने उद्तूऔऱिारसीकीधशक्षाघरपरप्राप्की,इसकेबादगवमटमेंजबतुली कॉलेज गोरखपरतु से मधै ट्क परीक्षा पास की। उचचधशक्षा के धलए
इलाहाबादपहुचँ ेऔरप्रध्धष्ठ्सेंट्लकॉलेज से बी। ए। में परू े प्रदशे में चौथिा सथिान प्राप् धकया धजसके कारण उनका चयन आई। सी। एस।मेंहुआ।परउसीसालधप्ाकेदहेाँ् हो जाने पर पाररवाररक दाधयतवों के साथि-साथि छोटेभाई-बहनोंकीपरवररशऔरधशक्षाकी धज़ममदेारीध़िराक़केकंिोंपरआगईऔर इस कारण उनहें आगे की पिाई छोड़नी पड़ी। समकालीन पररधसथिध्यों से प्रभाधव् होकर भार्ीयसव्ंत्र्ाआदंोलनमेंसधक्यहोगए। इस दौरान डे़ढ साल जेल में रहे और जेल से छूटनेके बादजवाहरलालनेहरूकीधसफाररश परअधखलभार्ीयकांग्रेसकेदफ्रमेंअणडर सेक्ेटरीपदपरधनयकतु्होगएपरन्तुनेहरूजी
के धप्ा गोरख प्रसाद ‘इबर्’ के साथि उनके आवास लक्मी धनवास ्कतु ्त मानपरतु में बैठकी धकया कर्े थिे। ऐसे में ध़िराक़ को भी उनका साधनधयधमलनासवाभाधवकथिा।एकबारप्रेमचदंकेपासएकपधत्रका आई,उनहोंनेइसेध़िराक़कोपिनेकोधदया।इसमेंउद्तूकेमशहूर लेखक नाधसर अली ‘ध़िराक़’ का नाम प्रकाधश् थिा। रघपतु ध् सहाय
्ोड़ा धर्ी का सननाटा शकसने? हर रज़दरनू ों ने
डंका बजा शद्ा आदर का शकसने? हर रज़दरनू ों ने
ओटरेंशछपीहुई्हजीबोंकाघघंनूटसरका्ाशकसने?
िरमीली्कदीरकीदवेीकाआिंलढलका्ाशकसने?
कारिारे सपनों की का्ा रें िोला भड़का्ा शकसने?
बदनिोरइसरिकृश्काशरनीकासीनाधड़का्ाशकसने?” कोनाधसरकेनाममेंजड़तुा‘ध़िराक़’भागयाऔरउनहोंनेउसेअपना ध़िराक़गोरखपरतुीकेशबदोंमेंसाम्राजयवाद,पजंूीवादऔर्खरलसतुबनानेकाफैसलाकरधलयाऔरइस्रहरघपतुध्सहाय
 कदर ख़्रनाक ह,ैं इस धवषय में वे अपने
एकलेखमेंधलख्ेह–ैं “सामप्रदाधयकधहनद,ू
धहनदूजाध्केधलएख़्रनाकह,ैमसतुलमान
के धलए उ्ना ख़्रनाक नहीं ह।ै धफरकापरस्
मसतुलमान,धफरकेकेधलएजयादानक़तुसान
पहुचँानेवालाह,ैधहनदूकेधलएउ्ना
नहीं। और यही हाल सामप्रदाधयक धसख,
सामप्रदाधयक पारसी, सामप्रदाधयक एगँ लो
इधंडयन,सामप्रदाधयकइसाईकाह।ै येसब
अपनी जाध् के दश्तु मन ह।ैं सामप्रदाधयक्ा के
आिार पर अपने सहिधमय्त ों की सेवा ही नहीं
की जा सक्ी, पर सामप्रदाधयक्ा से बच कर
हीअपनेसमप्रदायकी,अपनेसहिधमय्तोंकी
्रककीहोसक्ीह।ैयायोंकहोधकदसूरे केयरूोपचलेजानेकेबादअणडरसेक्ेटरीपद समप्रदायवालों,दसूरेिम्तवालोंकीउननध्,खशतुहालीममतुधकनह।ै” छोड़आगेकीपिाईमेंवयस्होगए।1930मेंप्राईवेटउममीदवार ध़िराक़गोरखपरतुीअपनेइसलेखमेंसामप्रदाधयक्ाकीसमसयाको कीहधैसय्सेआगरायनूीवधस्तटीसेअग्रंेज़ीसाधहतयमेंएम।ए। धचधनह्भरनहींकर्े,बधरकदशेवाधसयोंकोआगाहभीकर्ेहुएधवशषेयोगय्ाकेसाथिउत्ीण्तहुएऔरइलाहाबादधवश्वधवद्ालय धलख्ेह–ैं“धहनदूससंकृध्कोधहनदूराजयधमटाकररखदगेा,मसतुधलम मेंलेकचररधनयकतु्होगए्बसे1959्कअग्रंेजीकेप्राधयापक
ससंकृध्कोइसलामीराजयधमटाकररखदगेाऔरसामप्रदाधयकराजय अपने ही सहिधमय्त ों को ले डूबेगा।”
ध़िराक़गोरखपरतुीकेसमकालीनोंमेंअरलामाइकबाल,फैज़ अहमदफैज़,कै़िीआज़मीऔरसाधहरलधतुियानवीजैसेप्रधसद्धउद्तू शायर शाधमल थिे। धफर भी वे कम उम्र में ही उद्तू शायरी में अपनी पहचानबनानेमेंसक्षमहोगएथिे।यहाँउरलेखकरनाउपयकतु्होगा धकरघपतुध्सहायकेनामकेसाथिध़िराक़गोरखपरतुीकैसेजड़तुा, इसकी भी रोचक दास्ां ह।ै जानकारी के म्तु ाधबक, अगस् 1916 मेंजबमशंतुीप्रेमचदंगोरखपरतुगए्ोउससमयवहअकसरध़िराक़
रह।े3माच,्त1982कोध़िराक़गोरखपरतुीपरमसत्ामेंखोगए। रचन्एँ :
उदूरा–रूहेकायना्,रूप,इलहामनमतुा,अकक-ओ-धवजदा, मादरे-धहनदसेधख्ाब,गलतु-ए-नगमा,शलतुे-साज,शबंधमस्ान, गजधलस्ान,शरेरस्ान,साकीसेधख्ाब,घघंूट,गलतु बॉग,धचरागां, अदंाज़े,उद्तूकीइधश्कयाशायरी,ख्तु्ू केआईनेमें
हिंदरी– उद्तू कधव्ा, सतय कहाँ ह,ै सफल जीवन, िर्ी की करवट, रोधटयाँ
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विशिवा / Áजनिरी 2022




































































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