Page 29 - Vishwa January 2022
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कोजीधव्रखनेकीगरजसेयद्धतु कीधसथिध्बनाएरखनाचाह्ाह।ै अपरािकमकरनेकेधलएयवतुाओंकाआह्ानआवश्यकह।ै कोईइसपक्षयाउसपक्षकासाथिदनेेकीगरजसेहीयद्धतुऔरधहसंायधदजयप्रकाशनारायणडाकतुओंकोपररवध््त्करसामानयिारामें कीभावनाफैला्ाह।ैपरसभीकेकारणअलगहोनेपरभीउसका लासक्ेहैं्ोजयप्रकाशनारायणकेपरमअनयतुायीऔरसमथि्तक प्रभावएक-सापड़्ाह–ैसैधनकएकदसूरेपक्षपरआक्मणकर्ेअनयछोटे-मोटेचोर-उचककोंऔरगडंतुे-बदमाशोंकोकयोंनहींसितुार
ह,ैं घा्क वार धकए जा्े ह,ै धक्ने लोगों की जान जा्ी ह,ै पररवार उजड़जा्ेह,ैंरक्कीलोधह्नधदयाँबह्ीह,ैंआसँओतु ंकेखारे सागरबन्ेह।ै कयासभीधववादोंकाहलयद्धतु ह?ै बा्ची्,आपसी सहयोग, सदभाव से धववाद हल नहीं हो सक्े? कू टनीध्, समझौ्े, वयापार-धवधनमयकयायेसभीवयथि्तहोचकतुेह?ैउत्रह,ैनहीं।
सक्े? उनहें सामानय िारा में आकर रोजगार चाधहये। ्भी वे अपराि केजगंलसेबाहरआएगँे।
अपराि कोई शौक नहीं है कयोंधक इसमें जान का ख्रा और क़ाननू का डर हो्ा ह।ै यधद रोजगार-वयवसाय की वयवसथिा हो ्ो लोगवयस्रहगेंे।उनकेपासफाल्ूवक्नहींरहगेा।
मनष्तु य का मन, भावनाए,ँ प्रध्धक्याए,ँ जरूर्ें- अनय सभी जीवों
सेअधिकउनन्औरजधटलबनाईगईह।ैंइसकेकईसारेसपतुररणाम
हैं धक मनष्तु य धशक्षा प्राप् कर्ा ह,ै बड़े-बड़े अनसतु िं ान कर्ा ह,ै सागर
के्लऔरआकाश-अ्ंररक्षकेपारपहुचँनेकोधनरं्रप्रयासर्
रह्ा ह।ै िन जमा कर उसका धवधनवेश कर्ा ह,ै बड़े-बड़े उद्ोग-
कारखाने चला्ा ह।ै मनष्तु य कला-धशरप में नई-नई धदशाएँ ढूँढ्ा
ह,ैमनोरंजनऔरसधतुविाकेधलए्रह-्रहकेयंत्रऔरसािन धक्ाब-कॉधपयाँऔरकलमधदयेजासक्ेहैंधजससेघरमेंरहकर बना्ाह।ैदीन-दखतुीकीसहाय्ाकेधलएदान-कोष,ट्सटऔरभीबड़े-बिूे,गधृहणी-बचचेसीखसकें।प्रध्धदनदोघटंेभीयधदउनहें सधमध्याँबना्ाह,ैसामाधजकजीवनमेंअनशतुासनकेधलएएक धशक्षाधमले्ोउनकामानधसकिरा्लऊँचाहोगा,आतमधवश्वास
सधंविान,धनयम-क़ाननूबनानेकेधलएससंद,उनकेकाया्तनवयनके धलए काय्तपाधलका और उन धनयमों की अवमानना करनेवालों को दधणड् करने के धलए नयायपाधलका भी बना्ा ह।ै इ्ना ही नहीं, मनष्तु य ्पसया और योग सािना कर ईश्वरतव को भी प्राप् कर्ा ह।ै
बिेगाऔरउनमेंजागरूक्ाआएगी।धफरअनौपचाररकरूपसे आय अधज्त् करने का प्रधशक्षण धदया जाय। यह प्रधक्या धनयधम् रूप से चले।
मधहलाओंके साथिअपरािकोरोकनेके धलएउनहेंआतमधनभर्त ्ा मनष्तुयजैसेधवकधस्प्राणीकोप्रकृध्नेअदभ्तुइचछाशधक्औरकीधशक्षाऔरआतमरक्षाकाप्रधशक्षणदनेाआवश्यकह।ैउनहेंअपने धच्ंनशधक्दीह।ैउसेजगंलीजीव-ज्ंओतु ंकी्रहउग्र,आक्ामक घरसेआधथि्तकऔरसामाधजकसरतुक्षादनेेकेधलएसपंधत्धमलना औरधहसंकहोनेकीकोईजरूर्नहींह।ैयद्धतुकेअलावाबहु्सेजरुरीह।ैसाथिही,अपनेमा्ा-धप्ाकीदखेभालभीकरनीह।ैउनहें
शांध्पणू ्तउपायहोसक्ेहैंजैसे–आधथि्तक-सामाधजक-सांसकृध्क समबनिकाधवकास,धहसंाकीजगहधमत्र्ाकोबिावादनेा।
घरमेंरहकरयाबाहरजाकररोजगारयाउद्ोगमेंभागलेनाह।ै यधद धवश्वकीजनसखंयाका50%धहससालाचार,असमथि्तयाआलसी बनाकरघरमेंबंदकरधदयाजाय्ोपणू्तरोजगारकीधसथिध्कैसे आएगी? सकल राष्ट्ीय उतपाद कै से बिेगा? कया घर में बैठकर झाड़़ लगानेसेसकलउतपादयाजी.डी.पी.बिसक्ीह?ै
आधथि्तक अधिकार ्ो मधहला को अपने घर से धमलना चाधहए औरआतमधनभर्त्ाभीवहींसेआरंभहोनीचाधहए,धशक्षाऔर आधथि्तक सािनों से आरंभ होनी चाधहए। इससे उसे सव्ः गररमा औरसममानप्राप्होंगे।धनिन्त,पर्ंत्रऔरअधशधक्ष्मधहलाको सममान और अधिकार माँगना पड़्ा है जो अकसर नहीं धमल्ा।
इसीप्रकार,धहसंकअपरािकरनेकाकारणकभीगरीबीहैऔर
कभी मानधसक रुगण्ा या बीमारी। गरीबी के कारण नौकर माधलक
कीहतयाकरिनप्राप्कर्ाह,ैअधशक्षाया्नावयाअवसादया
कंतुठाकेकारणधववाह-सबंंिीअपरािहो्ेह।ैंयधदधववाहकेपवू्त
सत्री-परुतुषकोउधच्परामश्त्थिामधेडकलसहाय्ाऔरपरामश्त
धदये जायँ ्ो उनका उधच् धदशा-धनदशदे हो सक्ा है और धववाह के
बादभीधदशा-धनदशदे यापरामश्तधनयधम्धमल्ारहे्ोमानधसक
बीमाररयाँ, ्नाव या कंतु ठा आधद वयाधियों से धववाधह् जोड़ों को
बचायाजासक्ाह।ै अ्ःउसेआधथि्तकआतमधनभर्त्ाऔरसपंनन्ाअवश्यप्राप्करनी
धयानसेदखेें्ोपाएगँेधकसभीअपरािोंकेपीछेअधशक्षा,चाधहए।इसमेंपरूेपररवारऔरसमाजकीभलाईह।ै3000साल ्नाव,धदशाहीन्ायाबेरोजगारीमखतुयकारणहो्ेह।ैंयहाँप्रधसद्ध परतुानीमधहलाधवरोिीकट्टररूधियोंसेसमाजकीगाड़ीकेपधहएपनतुः
रूसीलेखकदोस्ोएवसकीकीपसतु्क‘क्ाइमएडं पधनशमटें’का उरलेख अध् आवश्यक है धजसमें वे एक िनी वयधक् के गरीब हतयारे के गदं ेऔरअिँ रेेकमरेकाधजक्कर्ेहुएकह्ेहैंधकअिँ रेे,सीलन भरे और नीची छ् वाले घर में रहनेवाला वयधक् अपराि के बारे में ही सोच सक्ा ह...ै । धक्ना हृदय-धवदारक और सतय कथिन है ! धनिन्त ्ा को दरू करना अध् आवश्यक ह,ै उचच वग्त भी ्भी चनै से रह सक्ा ह।ै
अस्ंधतुल्होजाएगँे।कोईभीगाड़ी्भीचलसक्ीहैजबउसके सभी पधहये समान शधक् के हों।
उसके प्रेम, धववाह या वैवाधहक धसथिध् पर कोई चचा्त, प्रश्न या धववाद नहीं खड़ा करे। समाज परू ी शांध् से चले, परुतु ष-मधहला दोनों को समान भाव से काय्त करने द।े हर दस्ावेज में धप्ा, पध् या अधभभावक का नाम धलखना और इसके धलए उसे काननू विारा बाधय करना मधहला का सरासर अपमान ह।ै कया वह असमथि्त या
बेरोजगारी को दरू करने के धलए उद्ोग-ििं ,े कला-धशरप, कृ धष- सबंंिीरोजगारऔरसव-रोजगारकाप्रयासकरनाआवश्यकह।ैसबको धशक्षा धमले, इसके धलए धवद्ालय के साथि-साथि अनौपचाररक रूप से भीधशक्षादीजानीचाधहये।गाँवमेंअनौपचाररकरूपसेकतुछजगहों की वयवसथिा कर उन लोगों को धशक्षा दी जा सक्ी है जो धवद्ालय आने में असमथि्त है या धवद्ालय में उ्ना समय नहीं दे सक्े। उनहें
 जनवरी 2022 / ववशववा
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