Page 28 - Vishwa January 2022
P. 28

मवचपार
एक नयपाय्रक और समतपामूलक समपाि की ओर
  डॉ. सरुधा कुमारी
प्रकृध्नेइसिर्ीपरसब्रहकेजीव-जन्तुबनाएह।ैंसबकेधलएिपू-हवा-पानीऔर भोजनकीवयवसथिाकीह।ै सभीजीवोंमेंप्राणऔरशरीरकीवयवसथिाकीह।ै सभीजीवों केअदंरमलूभावनाएँभीदीह,ैंजैसे-भखू-पयास,जीनेकीइचछा,प्रेम।मानवप्रजाध्को ्ो प्रकृ ध् ने एक उनन् और उव्तर मधस्ष्क भी धदया है धजससे वह कई महान काय्त कर्ा ह।ैधफरभीयहधवश्वसखतुीऔरशां्कयोंनहींह?ैदधतुनयामेंसबकतुछप्राप्करनेकेबाद भी मानव प्रजाध् के पास शांध् कयों नहीं ह?ैं कभी दशे ों और महादशे ों के बीच यद्धतु , कभी सरकारऔरजन्ाकेबीचटकराव,कभीउचचवग्तविाराधनिन्त वग्तकाशोषण,कभीधनमन आयवग्तविाराउचचवग्तकेसाथिलटूपाट,पॉकेटमारीऔरसामाधजकअपराि,कभीपरुतुष वग्त विारा सत्री का शोषण और अपराि और कभी सत्री विारा परुतु ष पर अतयाचार-आधखर इसकाकारणकयाहैऔरइसकाधनदानकयाह?ै इसपरशोिकरनेकीआवश्यक्ाहै और प्रबद्धतु लोगों विारा काफी मनन धच्ं न की आवश्यक्ा ह।ै
जब ्क परूे समाज का स्ं धतुल् धवकास नहीं होगा, उसके सभी अगं ों और वगथों कासवाांगीणधवकासनहींहोगा,जब्कअलग-अलगधहससोंमेंिपू-छाँवकाखले चल्ारहगेा,्ब्कसमाजऔरधवश्वमेंसघंष्तचल्ारहगेा।इसधलए्रह-्रहकी असमान्ाएँयाधवषम्ाएँऔरअस्ंलतुनजोधवश्वकेहरधहससेमेंफैलीहुईह,ैउसे नयनू्मकरनाहोगा।अस्ंधतुल्औरअसमानसमाजसेधनकलकरएकनयायपरकऔर सम्ा मलू क समाज की ओर बिना होगा।
जीवन-प्रवधृत्(लाइफइधनसटंकट)एकसामानयऔरमौधलकप्रवधृत्ह।ैइसकेअ्ंग्त्, सामानयप्रवधृत्याँजैसेभखू-पयास,जीनेकीइचछा,नींद,बचचोंसेप्रेम,साथिीसेप्रेम, अपने झडंतु के प्रध् वफादारी और सरतु क्षा की आवश्यक्ा– सभी जीवों में हो्ी ह।ैं धकन्तु एक अनय मौधलक प्रवधृ त् भी है जो करीब-करीब सभी प्रजाध्यों में पाई जा्ी है धजसे मनोधवज्ानमतृय-तुप्रवधृत्(डेथिइधनसटंकट)केनामसेपकतुार्ाह।ैजहाँजीवन-प्रवधृत्(लाइफ इधनसटंकट) जीवों को प्रेम, धवकास और वशं वधृ द्ध की ओर उनमखतु कर्ी ह,ै वहीं मतृ य-तु प्रवधृत्जीवोंकोक्ोि,धहसंाऔरधवधवसंकीओरउनमखतुकर्ीह।ैइसप्रवधृत्केकारण धहसंा,अपरािऔरयद्धतुकाउनमाददखेनेकोधमल्ेह।ैंमौधलक(बेधसक)प्रवधृत्होनेके कारण ये भावनाएँ पणू ््त ः समाप् नहीं हो सक्ीं धकन्तु उसपर धनयंत्रण बहु् आवश्यक है औरइसकीधशक्षाबचपनसेहीधमलनीचाधहए।‘अधहसंापरमोिमः्त’ऐसीिारणाधसफ्त भार् की ह,ै परू े धवश्व की नहीं। और भार् में भी यह िारणा हर धकसी वयधक् की नहीं ह।ैयधदऐसाहो्ा्ोपरूादशेस्ं-मधतुनयोंसेभराहो्ा।
जीव-हतया, बधलप्रथिा, मारपीट, शारीररक अतयाचार-इन सभी के कारण और उद्श्े य अलग-अलग ह,ैं जैसे भोजन के कारण जीवहतया हो्ी ह,ै धकसी अदृश्य शधक् या दवे ्ा को प्रसनन करने के कारण बधल हो्ी ह,ै झगड़े या धववाद के कारण मारपीट और मानधसक रुगण्ा के कारण शारीररक अतयाचार हो्ा ह।ै धकन्तु कारण अलग-अलग होने के बावजदू उसका प्रभाव एक जैसा हो्ा है कयोंधक इन सभी धक्याओ ं से जीव को घा्क चोट लग्ी है और वह दद्त से ्ड़प्ा ह।ै
एकसैधनकविारायद्धतुमेंलड़नेकाकारणदशेभधक्कीउत्मभावनाह।ैधकन्तुयद्धतु का उनमाद और वा्ावरण पैदा करना कतु छ लोगों की काय्त-योजना हो्ी ह,ै सोची-समझी साधजश हो्ी ह।ै कोई दशे अपनी बि्ी जनसखं या के धलए अधिक जमीन हड़पना चाह्ा है और अपनी भौगोधलक सीमा बिाना चाह्ा है ्ो कोई अपने असत्र-शसत्र के कारोबार
 26
विशिवा / Áजनिरी 2022

























































































   26   27   28   29   30