Page 19 - Vishwa January 2022
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1910ई.मेंरेवरेंडजे.नोरसकीपसतु्क“आवरड्यटतुीटतुइधंडया एडं इधंडयनइलीट्ेट्स,रोमनलेटस्तफॉरइधंडयनलैगँवेजेज”प्रकाधश् हुई थिी और उसमें उनहोंने भार्ीय भाषाओ ं के रोमन धलपयन्रण की अनशतुसंाकीथिी।जाज्तधग्रयस्तनखदतुभीइसकेसमथि्तकथिे।बनारस के एक प्रध्धष्ठ् पादरी एडधवन ग्रीवज ने ्ो जधसटस शारदाचरण धमत्र के प्रस्ाव का ्ीव्र धवरोि धकया थिा। धकन्तु शारदाचरण धमत्र अपने धवचारों पर अ्ं ्क अधडग रह।े उनहोंने भार्ीय भाषाओ ं के धलए रोमन धलधप ही नहीं, फारसी और अरबी धलधपयों का भी अधनवाय्त रूप से बधहष्कार करने का सझतु ाव धदया थिा।
जधसटस शारदाचरण धमत्र 1904 से 1908 ्क कलकत्ा हाई कोट्त के नयायािीश रह।े इसके पवू ्त वे 1878 से 1880 ्क कलकत्ा नगरधनगमकेपाषद्त,1884से1890्कबंगालटेकसटबकतु कमटेी केसदसय,1885मेंकलकत्ाधवश्वधवद्ालयकेकलासकंायके अधिष्ठा्ा (डीन) रह।े वे कलकत्ा के प्रध्धष्ठ् बंगीय साधहतय पररषद के उपाधयक्ष और बाद में उसके अधयक्ष रह।े 1884 में उनहोंने कलकत्ा आय्त धवद्ालय की नींव रखी थिी।
4धस्ंबर1917कोशारदाचरणधमत्रकादहेावसानहोगया। उनके धनिन पर 17 अकटूबर 1917 को ‘सरसव्ी’ ने उनके महान योगदानकासमरणकर्ेहुएधलखा,“दवेनागरीधलधपकोसमस् भार् में प्रचधल् करने के धलए आपने ही यह पहला, और दखतु है धक अधं्म प्रयास धकया। यधद यह उद्ोग जारी रह्ा ्ो इससे धहनदी का ही नहीं, दशे का भी बहु् करयाण हो्ा।” (सरसव्ी, अकटूबर, 1917,‘धवधविधवषय’स्ंभकेअ्ंग्त्“बाबूशारदाचरणधमत्र का सवग्तवास” शीषक्त धटपपणी, पष्ृ ठ 212-213)। “नागरी प्रचाररणी सभा,काशीकेधवग्साठवषवोकाधसहंावलोकन”शीषक्त पसतु्क मेंपष्ृठ9परकहागयाहैधक,“समस्भार्वष्तके धलएएकधलधप की आवश्यक्ा का आनदोलन व््तमान यगतु के आरंभ में जधसटस शारदाचरण धमत्र ने आरंभ धकया थिा।”
धनिन के बाद जधसटस शारदाचरण धमत्र और उनके योगदान कोबंगालकेलोगोंनेहीनहीं,धहनदीभाधषयोंनेभी्ेजीसेभलतुा धदया।हमेंखशतुीहैधककोलका्ाकी‘अपनीभाषा’ससंथिानेवष्त 2000मेंउनकीसमधृ्में“जधसटसशारदाचरणधमत्रसमधृ्भाषा से्तुसममान”काशभतुारंभधकया।यहसममानअपनेरचनातमक अवदानऔरअनवतुादकाय्तविाराधहनदी्थिाधकसीअनयभार्ीय भाषा और साधहतय के बीच से्तु धनधम््त करने वाले साधहतयकार को धदयाजा्ाह।ैधसद्धेश,शकंरलालपरतुोधह्,चद्रंकां्बांधदवडेकर, बी. वै. लधल्ामबा, बी.रा.जगननाथिन, चमन लाल, ए. अरधवनदाक्षन, धबनदतु भट्ट, धदनकर कतु मार, धवजयराघव रेड्डी, सशतु ील गपतु ्ा, दामोदर खड़से, राजेनद्रे प्रसाद धमश्, चमनलाल सप्र,ू इबोहल धसहं कांगजम, रामचद्रं परमश्ेवरहगेड़े,बीनाबदतुकीआधदसाधहतयकारइससममान सेधवभधूष्होचकतु े ह।ैं
आज जनमधदन के अवसर पर हम बंगाल के इस मनीषी और
धच्ंककेमहानयोगदानकासमरणकर्ेहैंऔरउनहेंश्द्धासमतुन
अधप्त् कर्े ह।ैं
(लेखक कलकत्् हिशिहिद््लय के पूिरा प्ोफे सर और हिनदरी हिभ्ग्धयक् िैं।)
 बिपाई
1
असधमया साधहतयकार नीलमधण फतुकन और कोंकणी साधहतयकार दामोदर मोजो को क्मशः 56 वें और 57 वें ज्ानपीठ सममान के धलएचनतुागयाह,ैबिाई।
2
2021कासाधहतयकानोबलपरतुसकार्ंजाधनया मलू केधरि्ानीउपनयासकारअबदलतु राजकगनतुा्तह कोउनकेऔपधनवधेशकसघंषथोंऔरसत्रंासोंपर आिारर् उपनयास ‘पैराडाइज़’ के धलए प्रदान धकया गया।
3
नीदरलैंडकीराजकतुमारीअमाधलयानेघोषणा
की है धक वे वयसक होने के बाद धमलने वाला 1.6धमधलयनयरूोवाधषक्त काभत्ानहींलेंगी।
भत्े को भी ठतुकरा धदया ह,ै उनका कहना ह,ै
मझतु े ये पैसे लेना सही नहीं लग रहा कयोंधक
मैं इसके बदले में कतु छ नहीं कर रही। जबधक ऐसेकईछात्रहैंजोकोरोनाकेचल्ेमधतुश्कलदौरसेगजतुररहेह।ैं
4
मशहूर धजमनासट धसमोन बाइरस को टाइम पधत्रकानेवष्त2021कीसव्तश्ष्ेठएथिलीटचनतुा। बाइरस ने मानधसक सवासथय को ्रजीह द्े े हुए टोकयो ओलंधपक में चार सपिा्तओ ं के फाइनल से नाम वाधपस ले धलया थिा।
5
इजराइलमेंआयोधज्70वींधमसयधूनवस्त प्रध्योधग्ा में 21 वष्त बाद धकसी भार्ीय यवतु ्ी ने धवजयश्ी प्राप्त ही ह–ै और वह है पजंाबकी21वषषीयहरनाज़सिंू
शुभ समपाचपार
दशे धवदशे में चधच््त एक वष्त से चल रहे धकसान आनदोलन की धवलधमब् धकन्तुसखतुदसमाधप्त।एकजीव्ं लोक्ंत्र में यह ्ंत्र और जन के ररश््ों की पनतु वया्तखया का क्षण होना चाधहए.
       जनवरी 2022 / ववशववा
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