Page 39 - Vishwa_April_22
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लेलेताह।ै नकेवलपवू जाऔरपदश्चमके िशनजा रोंमेंमतभिे ह,ै बदलक प्रतयेक गोलाधजा के अपने दवदभ्न मतरों में आपस में अ्तर ह।ै पवू जा के धमषों म,ें इसलाम तथा दह्िू धमजा में ज़रा भी अनरूु पता नहीं ह।ै भारत में ही बौर् तथा रैन धमजा उस ब्ाहणवाि से बहुत अलग ह,ै दरसमें सवयं आयजासमार व सनातन धमजा रैसे दवरोधी मत पाये राते ह।ैं परु ाने समय का एक सवत्त् दवचारक चावाजाक ह।ै उसने ईश्वर को परुानेसमयमेंहीचनुौतीिीथी।हरवयदकतअपनेकोसहीमानता ह।ैिभुाजा्यकीबातहैदकबरायपरुानेदवचारकरोंकेअनभुवरोंतथा दवचाररों को भदवषय में अज्ञानता के दवरुर् लड़ाई का आधार बनाने के हमआलदसयरोंकीतरह,रोहमदसर्होचकु े ह,ैं उनके कथनमें अदवचल एवं सशं यहीन दवश्वास की चीख पकु ार करते रहते हैं और इस प्रकार मानवता के दवकास को रड़ बनाने के िोषी ह।ैं
दसरजा दवश्वास और अ्ध दवश्वास ़ितरनाक ह।ै यह मदसतषक कोमढ़ूऔरमनषुयकोप्रदतदकयावािीबनाितेाह।ैरोमनषुयअपने को यथाथजावािी होने का िावा करता ह,ै उसे समसत प्राचीन रूदढ़गत दवश्वासरोंकोचनुौतीिनेीहोगी।प्रचदलतमतरोंकोतकजाकीकसौटी पर कसना होगा। यदि वे तकजा का प्रहार न सह सके , तो टुकड़े-टुकड़े होकरदगरपड़ेगा।तबनयेिशनजा कीसथापनाकेदलएउनकोपरूा धराशायीकरकेेरगहसारकरनाऔरपरुानेदवश्वासरोंकीकुछबातरों का प्रयोग करके पनु दनजामाण करना। मैं प्राचीन दवश्वासरों के ठोसपन पर प्रश्नकरनेकेसमब्धमेंआश्वसतहू।ँमझुेपरूादवश्वासहैदकएक चतेनपरमआतमाका,रोप्रकृदतकीगदतकादि्िशनजाएवंसचंालन करता ह,ै कोई अदसततव नहीं ह।ै हम प्रकृ दत में दवश्वास करते हैं और समसत प्रगदतशील आ्िोलन का धयेय मनषु य द्ारा अपनी सेवा के दलए प्रकृ दत पर दवरय प्रापत करना मानते ह।ैं इसको दिशा िने े के पीछेकोईचतेनशदकतनहींह।ैयहीहमारािशनजाह।ैहमआदसतकरों से कु छ प्रश्न करना चाहते ह।ैं
यदि आपका दवश्वास है दक एक सवशजा दकतमान, सवजावयापक और सवजाज्ञानी ईश्वर ह,ै दरसने दवश्व की रचना की, तो कृ पा करके मझुेयहबतायेंदकउसनेयहरचनाकयरोंकी?कषटरोंऔरसतंापरोंसे पणूजािदुनया–असखंयिखुरोंकेशाश्वतअन्तगठब्धनरोंसेग्रदसत! एकभीवयदकततोपरूीतरहसतं षृटनहीह।ै कृपयायहनकहेंदक यही उसका दनयम ह।ै यदि वह दकसी दनयम से बँधा है तो वह सवजाशदकतमान नहीं ह।ै वह भी हमारी ही तरह दनयमरों का िास ह।ै कृपाकरके यहभीनकहेंदकयहउसकामनोरंरनह।ै नीरोनेबस एक रोम रलाया था। उसने बहुत थोड़ी सखं या में लोगरों की हतया की थी। उसने तो बहुत थोड़ा िखु पैिा दकया, अपने पणू जा मनोरंरन के दलए। और उसका इदतहास में कया सथान ह?ै उसे इदतहासकार दकसनामसेबलुातेह?ैंसभीदवषलैेदवशषेणउसपरबरसायेराते ह।ैं प्ने उसकी दन्िा के वाकयरों से काले पतु े ह,ैं भतसजाना करते हैं – नीरोएकहृियहीन,दनियजाी,िषुट।एकचगंरे खाँनेअपनेआन्िके दलएकुछहराररानेंलेलींऔरआरहमउसकेनामसेघणृाकरते ह।ैं तब दकस प्रकार तमु अपने ईश्वर को ्यायोदचत ठहराते हो? उस शाश्वत नीरो को, रो हर दिन, हर घणटे ओर हर दमनट असखं य िखु ितेारहा,औरअभीभीिेरहाह।ैदररतमुकैसेउसकेिषुकमषोंका
पक्ष लेने की सोचते हो, रो चगं रे खाँ से प्रतयेक क्षण अदधक ह?ै कयायहसबबािमेंइनदनिवोषकषटसहनेवालरोंकोपरुसकारऔर गलती करने वालरों को िणड िने े के दलए हो रहा ह?ै ठीक ह,ै ठीक ह।ै तमु कबतकउसवयदकतकोउदचतठहरातेरहोगे,रोहमारेशरीर पर घाव करने का साहस इसदलये करता है दक बाि में मलु ायम और आरामिायक मलहम लगायेगा? ्लैदडएटर ससं था के वयवसथापक कहाँ तक उदचत करते थे दक एक भखू े ़िख़ंू वार शरे के सामने मनषु य को रेंक िो दक, यदि वह उससे रान बचा लेता ह,ै तो उसकी खबू िखे भाल की रायेगी? इसदलये मैं पछू ता हूँ दक उस चते न परम आतमा नेइसदवश्वऔरउसमेंमनषुयरोंकीरचनाकयरोंकी?आन्िलटूनेके दलए? तब उसमें और नीरो में कया रकजा ह?ै
मसुलमानोऔरईसाइयो!तमुतोपवूजार्ममेंदवश्वासनहीं करते। तमु तो दह्िओु ं की तरह यह तकजा पेश नहीं कर सकते दक प्रतयक्षतः दनिवोष वयदकतयरों के कषट उनके पवू जार्मरों के कमषों का रल ह।ै मैंतमुसेपछूताहूँदकउससवजाशदकतशालीनेश्िद्ारादवश्वके उतपदत्त के दलए छः दिन तक कयरों पररश्म दकया? और प्रतयेक दिन वहकयरोंकहताहैदकसबठीकह?ै बलुाओउसेआर।उसेदपछला इदतहास दिखाओ। उसे आर की पररदसथदतयरों का अधययन करने िो।हमिखेगेंेदककयावहकहनेकासाहसकरताहैदकसबठीक ह।ै कारावास की काल-कोठररयरों से लेकर झोपदड़यरों की बदसतयरों तकभखू सेतड़पतेलाखरोंइ्सानरोंसेलेकरउनशोदषतमज़िरूरोंसे लेकररोपँरूीवािीदपशाचद्ाराखनूचसूनेकीदकयाकोधयैजापवूजाक दनरुतसाहसेिखे रहेहैंतथाउसमानवशदकतकीबबाजािीिखे रहेह,ैं दरसेिखेकरकोईभीवयदकत,दरसेतदनकभीसहरज्ञानह,ैभयसे दसहर उठेगा, और अदधक उतपािन को ज़रूरतम्ि लोगरों में बाँटने केबरायसमद्रु मेंरेंकिनेाबेहतरसमझनेसेलेकरराराआेंकेउन महलरों तक दरनकी नींव मानव की हड्दडयरों पर पड़ी ह-ै उसको यह सबिखेनेिोऔरदररकहे–सबकुछठीकह!ैकयरोंऔरकहाँ से?यहीमरेाप्रश्नह।ैतमुचपुहो।ठीकह,ैतोमैंआगेचलताहू।ँ
औरतमुदह्िओु,तमुकहतेहोदकआररोकषटभोगरहेह,ैं ये पवू जार्म के पापी हैं और आर के उतपीड़क दपछले र्मरों में साधु परुु ष थे, अतः वे सत्ता का आन्ि लटू रहे ह।ैं मझु े यह मानना पड़ता है दक आपके पवू जार बहुत चालाक वयदकत थे। उ्हरोंने ऐसे दसर्ा्त गढ़े, दरनमें तकजा और अदवश्वास के सभी प्रयासरों को दवरल करने की काफ़ीताकतह।ै्यायशासत्केअनसुारिणडकोअपराधीपरपड़ने वाले असर के आधार पर के वल तीन कारणरों से उदचत ठहराया रा सकताह।ै वेहैं–प्रदतकार,भयतथासधुार।आरसभीप्रगदतशील दवचारकरों द्ारा प्रदतकार के दसर्ा्त की दन्िा की राती ह।ै भयभीत करनेकेदसर्ा्तकाभीअ्तवहींह।ैसधुारकरनेकादसर्ा्तही के वल आवश्यक है और मानवता की प्रगदत के दलए अदनवायजा ह।ै इसका धयेय अपराधी को यो्य और शाद्तदप्रय नागररक के रूप में समारकोलौटानाह।ै दक्तुयदिहममनषुयरोंकोअपराधीमानभी लें, तो ईश्वर द्ारा उ्हें दिये गये िणड की कया प्रकृ दत ह?ै तमु कहते होवहउ्हेंगाय,दबलली,पेड़,रड़ी-बटूीयारानवरबनाकरपिैा करताह।ैतमुऐसे84लाखिणडरोंकोदगनातेहो।मैंपछूताहूँदक
 Áअप्रैल 2022 / विशिवा
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