Page 38 - Vishwa_April_22
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अवसर पर उन बमरों में से एक परीक्षण के दलए भीड़ पर रें का गया, के बहुत-से परुु ष और मदहलाएँ दमल रायेंगे, रो अपने रीवन को दक यदि मैं काद्तकारी िल की गदतदवदधयरों पर प्रकाश डालने वाला मनषु य की सेवा और पीदड़त मानवता के उर्ार के अदतररकत कहीं एकवकतवयिेि,ँूतोमझुेदगरफतारनहींदकयारायेगाऔरइसकेसमदपजातकरहीनहींसकते,उसीदिनमदुकतकेयगुकाशभुारमभ दवपरीतमझुेअिालतमेंमखुदबरकीतरहपेशदकयेबेगैरररहाकरहोगा।वेशोषकरों,उतपीड़करोंऔरअतयाचाररयरोंकोचनुौतीिनेेके दियारायेगाऔरइनामदियारायेगा।मैंइसप्रसतावपरहसँा।यह दलएउतप्रेररतहरोंगे।इसदलयेनहींदकउ्हेंराराबननाहैयाकोई सबबेकारकीबातथी।हमलोगरोंकीभाँदतदवचाररखनेवालेअपनी अ्यपरुसकारप्रापतकरनाहैयहाँयाअगलेर्ममेंयामतृयोपरा्त दनिवोषरनतापरबमनहींरेंकाकरते।एकदिनसबुहसी.आई.डी.सवगजाम।ेंउ्हेंतोमानवताकीगिनजासेिासताकारआुउताररेंकने केवररषठअधीक्षकश्ी्यमूननेकहादकयदिमनैंेवैसावकतवयनहीं औरमदुकतएवंशाद्तसथादपतकरनेकेदलएइसमागजाकोअपनाना
दिया,तोमझु परकाकोरीकेससेसमबद्धतदवद्रोहछेड़नेके षडय्त्
तथा िशहरा उपद्रव में कू र हतयाओ ं के दलए मकु िमा चलाने पर बाधय
हरोंगेऔरदकउनकेपासमझुेसरादिलानेवराँसीपरलटकवानेके
दलएउदचतप्रमाणह।ैंउसीदिनसेकुछपदुलसअफ़सररोंनेमझुेदनयम
सेिोनरोंसमयईश्वरकीसतदुतकरनेकेदलएरुसलानाशरूु दकया।पर
अबमैंएकनादसतकथा।मैंसवयंकेदलएयहबाततयकरनाचाहता
था दक कया शाद्त और आन्ि के दिनरों में ही मैं नादसतक होने का
िमभ भरता हूँ या ऐसे कदठन समय में भी मैं उन दसर्ा्तरों पर अदडग
रह सकता हू।ँ बहुत सोचने के बाि मनैं े दनश्चय दकया दक दकसी भी तरहईश्वरपरदवश्वासतथाप्राथजानामैंनहींकरसकता।नहीं,मनैंेएककेगणुकोसिवैअहकंारकीसज्ञंािीरासकतीह।ैयहिखुपणूजा क्षणकेदलएभीनहींकी।यहीअसलीपरीक्षणथाऔरमैंसरल औरकषटप्रिह,ैपरचाराहीकयाह?ै रहा।अबमैंएकपककाअदवश्वासीथाऔरतबसेलगातारहू।ँ इस आलोचना और सवत्त् दवचार एक काद्तकारी के िोनो परीक्षण पर खरा उतरना आसान काम न था। ‘दवश्वास’ कषटरों को अदनवायजा गणु ह।ैं कयरोंदक हमारे पवू जाररों ने दकसी परम आतमा के प्रदत हलकाकरितेाह।ैयहाँतकदकउ्हेंसखुकरबनासकताह।ैईश्वरदवश्वासबनादलयाथा।अतःकोईभीवयदकतरोउसदवश्वासको मेंमनषुयकोअतयदधकसा्तवनािनेेवालाएकआधारदमलसकता सतयतायाउसपरमआतमाकेअदसततवकोहीचनुौतीि,ेउसको ह।ै उसके दबना मनषु य को अपने ऊपर दनभरजा करना पड़ता ह।ै तफ़ू ान दवधमजी, दवश्वासघाती कहा रायेगा। यदि उसके तकजा इतने अकाट्य औरझझंावातकेबीचअपनेपाँवरोंपरखड़ारहनाकोईबचचरोंका हैंदकउनकाखणडनदवतकजाद्ारानहींहोसकताऔरउसकीआसथा खलेनहींह।ैपरीक्षाकीइनघदड़यरोंमेंअहकंारयदिह,ैतोभापबनइतनीप्रबलहैदकउसेईश्वरकेप्रकोपसेहोनेवालीदवपदत्तयरोंका कर उड़ राता है और मनषु य अपने दवश्वास को ठुकराने का साहस भय दिखा कर िबाया नहीं रा सकता तो उसकी यह कह कर दन्िा नहींकरपाता।यदिऐसाकरताह,ैतोइससेयहदनषकषजादनकलताहैकीरायेगीदकवहवथृादभमानीह।ैयहमरेाअहकंारनहींथा,रो दक उसके पास दसफ़जा अहकं ार नहीं वरन् कोई अ्य शदकत ह।ै आर मझु े नादसतकता की ओर ले गया। मरे े तकजा का तरीका सतं ोषप्रि दसर् दबलकुलवैसीहीदसथदतह।ैदनणयजाकापरूा-परूापताह।ैएकसपताहहोताहैयानहींइसकादनणयजामरेेपाठकरोंकोकरनाह,ैमझुेनहीं।मैं केअ्िरहीयहघोदषतहोरायेगादकमैंअपनारीवनएकधयेय रानताहूँदकईश्वरपरदवश्वासनेआरमरेारीवनआसानऔरमरेा पर ्योछावर करने रा रहा हू।ँ इस दवचार के अदतररकत और कया बोझ हलका कर दिया होता। उस पर मरे े अदवश्वास ने सारे वातावरण सा्तवनाहोसकतीह?ैईश्वरमेंदवश्वासरखनेवालादह्िूपनुरजा्म कोअतय्तशषुकबनादियाह।ैथोड़ा-सारहसयवािइसेकदवतवमय परराराहोनेकीआशाकरसकताह।ैएकमसुलमानयाईसाईसवगजाबनासकताह।ैदक्तुमरेेभा्यकोदकसीउ्मािकासहारानहीं में वयापत समदृ र् के आन्ि की तथा अपने कषटरों और बदलिान के चादहए। मैं यथाथजावािी हू।ँ मैं अ्तः प्रकृ दत पर दववेक की सहायता दलए परु सकार की कलपना कर सकता ह।ै दक्तु मैं कया आशा करूँ ? से दवरय चाहता हू।ँ इस धयेय में मैं सिवै सरल नहीं हुआ हू।ँ प्रयास मैंरानताहूँदकदरसक्षणरससीकाफ़्िामरेीगिनजापरलगेगाऔरकरनामनषुयकाकतजावयह।ैसरलतातोसयंोगतथावातावरणपर मरे े पैररों के नीचे से तख़ता हटेगा, वह पणू जा दवराम होगा – वह अद्तम दनभरजा ह।ै कोई भी मनषु य, दरसमें तदनक भी दववेक शदकत ह,ै वह क्षणहोगा।मैंयामरेीआतमासबवहींसमापतहोरायेगी।आगे अपनेवातावरणकोतादकजाकरूपसेसमझनाचाहगेा।रहाँसीधा कुछनरहगेा।एकछोटीसीरझूतीहुईदज़्िगी,दरसकीकोईऐसीप्रमाणनहींह,ैवहाँिशनजाशासत्कामहतवह।ैरबहमारेपवूजाररोंने गौरवशालीपररणदतनहींह,ैअपनेमेंसवयंएकपरुसकारहोगी–यदि रुरसतकेसमयदवश्वकेरहसयको,इसकेभतू,वतजामानएवंभदवषय मझुमेंइसदृदषटसेिखेनेकासाहसहो।दबनादकसीसवाथजाकेयहाँको,इसकेकयरोंऔरकहाँसेकोसमझनेकाप्रयासदकयातोसीधे यायहाँकेबािपरुसकारकीइचछाकेदबना,मनैंेअनासकतभावसे पररणामरोंकेकदठनअभावमेंहरवयदकतनेइनप्रश्नरोंकोअपनेढ़ंग अपने रीवन को सवत्त्ता के धयेय पर समदपजात कर दिया ह,ै कयरोंदक से हल दकया। यही कारण है दक दवदभ्न धादमकजा मतरों में हमको मैं और कु छ कर ही नहीं सकता था। दरस दिन हमें इस मनोवदृ त्त इतना अ्तर दमलता ह,ै रो कभी-कभी वैमनसय तथा झगड़े का रूप
होगा। कया वे उस रासते पर चलेंगे रो उनके अपने दलये ़ितरनाक दक्तुउनकीमहानआतमाकेदलएएकमात्कलपनीयरासताह।ैकया इसमहानधयेयकेप्रदतउनकेगवजाकोअहकंारकहकरउसकागलत अथजालगायारायेगा?कौनइसप्रकारकेघदृणतदवशषेणबोलनेका साहसकरेगा?यातोवहमखू जाहैयाधतूजा।हमेंचादहएदकउसेक्षमा करि,ेंकयरोंदकवहउसहृियमेंउद्देलतउचचदवचाररों,भावनाओ,ं आवेगरों तथा उनकी गहराई को महससू नहीं कर सकता। उसका हृिय मांस के एक टुकड़े की तरह मतृ ह।ै उसकी आखँ रों पर अ्य सवाथषों के प्रेतरोंकीछायापड़नेसेवेकमज़ोरहोगयीह।ैं सवयंपरभरोसारखने
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विशिवा / Áअप्रैल 2022






















































































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