Page 11 - VishwaApril2021.html
P. 11

‘चपपवं्चपपवं्’(कवहए,कवहए)कहकरवखलवखलाकरहसँाभी।केंद्केमवंत््ोंकेभीपत्वदखाए।अििहकांग्ेसमेंह।ैं्थिूकांग्ेस अि िह अपने जीजा के घर में िैठा ह।ै ्ह जीजा उसके का िही सेक्रे ट्ी ह।ै िैकि््श सैल के मत्ं ी के वलए िही सपीच वलखता
सिजाती् मत्ं ी का पस्शनल अवसस्टैं्ट ह।ै िह वमवनस्टर उसका इतना घवनठि है वक ्ह उसी के घर में नहाता-िोता ह।ै
रा्द मझु े विनीत िनाने के वलए ्ा वफर अपने मखु पर ्रोलक्मी की कृ पािली मद्ु ा लाने के वलए िह इस तरह की िातें अग्ं ेजी, तेलगु ु और वहनदी में लगातार करता रहा और अपने उन म्ू ों कोव्तिकरनेिालेफो्टोमझुसेवखचंिातारहा।
वजस भविष्् की िह कलपना कर रहा थिा, मरे े माध्म से उसी लगाते हुए िह मरे े िारे में कहने लगा, ‘आप एक सफल आदमी कीअपनीइच्ािहपरूीकररहाथिा।वफरिहअपनाब्ीफकेसलेहो।’्हिहदखेतेहीजानजाताहैवककौनक्ाह।ैइसकेविना करउठखड़ाहुआ।उसनेकैमरेसेरीलवनकालकरसाििानीसे इसजमानेमेंराजनीवतमेंरहनासभंिनहीं।‘सफलहोनेकेवलए
रीलकीआवखरीफो्टोमेंिहफोनसनुताहुआकु्नो्टकर
रहा थिा। (इस िार उसने अपने ब्ीफकेस से एक पवुड़्ा वनकाल कर माथिेपरकंुकुमलगावल्ाथिा।)ऐसेमेंखदुवमवनस्टरही्हाँआकरहसँताहुआिहिोला:‘आपजैसे‘गे्टऑन’व्वतिविनास्टू- जाते ह।ैं िह जरा-सा उठ कर उनको हाथि के इरारे से िैठने को कह ्टाई के तो पतनी से भी नहीं वमलते।’ उसकी िात सनु कर मनैं े सोचा रहा ह।ै एक ्ह पोज थिा। वक आगे से कु ता्श-पाजामा नहीं पहनना चावहए। लाउंज में चककर
उसे व्बिे में लपे्ट कर रख वल्ा। लेवकनउसरवननेमरेापी्ानहीं्ोड़ा।कंुदरेकोपढ़नेके
िहाने मैं अपनी पिू ्श मानवसक वसथिवत में लौ्टना चाहता थिा, पर िह िगल की कुसती पर ही आ िैठा। उसने अपने ब्ीफकेस में से साज- सामानवनकाला।
क्ा वसफ्श प्रवतभा ही काफी ह?ै ऊपरिाले की कृ पा होनी चावहए।’ वदललीकेविमानकीप्रतीक्षामेंिैठाम,ैंउसेिड़ा‘फ्ें्ली’लगा। ‘हमारे प्रिानमत्ं ी जानते हैं वक आप जैसे लोगों को कै से इसतेमाल करना चावहए। मैं तो इस सम् पीठ-पी्े हाथि िाँि कर प्रतीक्षा करतारहताहू।ँ’
सामनेआदमकदरीरालगाथिा।दसूरोंकावलहाजकरनेकी वमत्रकंरिािूको्हपतालगग्ाहोगावकउससम् मरेीप्रिवृत्तकेकारिउसे्ींगमारनेकाअिसरवमलग्ा।मरेीमरेाध्ानिहाँनहींह।ै्हदखेकरउसनेएकदमहाथिसेवलखा आखँ ों से आखँ ें वमला कर उसने अपने महँु वम्ाँ-वमट्ू िनना ररूु दीखनेिाला परंतु वप्रं्ट हुआ राजीि गांिी का ग्ीव्टंग का््श वदखा्ा। कर वद्ा। उसका वसर-पैर जाने विना मैं उसकी िातों में वदलचसपी उसने रीरे से ्ह दखे वल्ा वक वजस प्रभाि की उसे आरा थिी वदखानेलगा।मैंकौनहू,ँउसने्हपहलेहीपतालगावल्ाथिा।िहपड़चकुाह।ैिादमेंउसनेएकिहुतिड़ावचत्वदखा्ा।िह िहअपनीरखेीिघारनेमेंलगग्ा।मझुे्ादनहींउससम्मनैंेवकसीवििाहकावचत्थिा।जिमनैंेिहवचत्दखेातिउसकी अपनेआपकोक्ासमझरखाथिा।परउसनेमझु जैसेकइ्ोंको इच्ाकु्औरथिीऔरमरेेमनमेंकु्और।वचत्मेंएकसदंुर अपने मत्ं ी जी के चिैं र में दखे रखा थिा। मनैं े उसकी जो तसिीरें खींची दलु हन ने अपनी ्ाती पर मो्टी-सी चो्टी ्ाल रखी थिी। लड़की थिींिेउसकीदवैनकच्ा्शकोहीव्तिकरनेिालीथिीं।‘दवेखए’कहकालीथिी।उसकेप्रत्ेकअगंपरसोनालदाथिावफरभीिहमझुे करउसनेअपनाएलिमखोला। एकरापग्सतसदंुरदिेकन्ा-सीजानपड़ी।उसकेसामनेएकिड़ी
एकवचत्मेंिहफनाांव्सकेगलेमेंहारपहनारहाह।ैदरे-सेिा
केअपनेप्रथिमचरिमेंिहऐसेपक्षमेंहैवजससेएकपैसेकाफा्दा
नहीं।इसमेंतोिलू हीनसीिहोतीह।ैऐसावचत्थिािह।दसूरीफो्टों
में िह एन.्टी.आर. के चत्ै रथि का अगआु ह।ै हाथि उठा-उठा कर ज्-
ज्कार कर रहा ह।ै उसका एक सिजाती् ली्र तेलगु दु रे म पा्टती
मेंमत्ंीिनग्ाथिाइसवलएलाचारउसेउसकेसाथिजानापड़ा।्ह अ्टकीवरलामवूत्श-सालगा।िादमेंसोचतेहुएमरेेमनमेंपखं वुड़्ाँ- उससम्कीफो्टोथिी।एकऔरवचत्मेंिहवसरऔरम्ँूेंमड़ुासीखलुनेलगीं।
कर पेड़ की उन जड़ों-सा दीख रहा थिा वजन पर जमी वमट्ी िलु गई हो।राष्ट्पवतकेसाथिवतरुपवतजाकरइनकेली्रनेभीवसरम्ँुिा वल्ा थिा। ति इसने भी िैसा ही वक्ा थिा। ति की तसिीर है ्ह।
िाकी जीराकस प्रवतवलवप्ाँ ह।ैं वकसी-वकसी मत्ं ी के , वकसी- वकसी व्वति के वलए : हो सके तो काम दीवजए िाले अवभप्रा् के वसफारररीपत्।उसमें्हभािनाथिीवकइसकेपरोपकारीसिभाि केकारिही्हसिचलरहाह।ैआध्रंकेमवंत््ोंकेअलािाउसने
रकंरिािूउसमो्टेकापररच्दनेेकोआतरु थिा।परमनैंे उसरापग्सतकन्ाजैसीदीखतीलड़कीकेिारेमेंप्रश्नकरनाररूु कर वद्ा। आपकी िहन का नाम क्ा ह?ै क्ा पढ़ी-वलखी ह?ै िह भाग्राली वनजी सहा्क आपके जीजा ही ह।ैं हाँ, और ्े मत्ं ी हैं ्ह भी आपके िताए विना ही मैं समझ ग्ा हू।ँ आपकी िहन की अिकोईसतंानह?ैउसकीरुवच्ाँक्ाह?ैं
पर िह उठ कर खड़ा हो ग्ा। पीठ-पी्े हाथि िाँि कर िड़ी
ह।ै जीजापरमत्ं ीकािहुतसनेहह।ै परजीजाजीकोअग्ं ेजीनहीं आती, इसके विना जीजा का काम नहीं चलता इत्ावद िातें मरे े सामने क्षि-भर में साफ हो उठीं।
मझु े िह कथिाकार लेखकों के गले पड़नेिाले कॉवमक के पात् जैसा लगा। मनैं े उसका नाम नहीं प्ू ा। सि्ं आगे िढ़ कर हाथि पसार करिहिोला–म,ैंरकंरिाि,ू्थिूकांग्ेसकाली्र।मझुेऑल इवं््ािैकि््शसैलकेइनिाइ्टीकेरूपमत्ंीजीनेनॉवमने्टवक्ाह।ै
‘आपका ‘एड्ेस’ दखे कर मझु े ‘होप’ हो गई।’ िाद में खड़ा हो
तोंदिालाखड़ाथिा।उसकीगदन्श परतह-पर-तहचरिीचढ़ीहुई थिी। वखजाि लगे िालोंिाली आिी सफाच्ट खोपड़ी। उसकी मो्टी तोंदपरचढ़ेचमकदाररेरमीकुतपेमेंिहिी.आई.पी.एकमदमाता रवसक जान पड़ा। हाथि जोड़ कर उसके खड़े होने से लगता थिा वक िहवकसीकीप्रतीक्षामेंहो,ऐसानहींलगरहाथिा।िहएकदृवटिमें
 अप्रैल 2021 / विशिवा
9









































































   9   10   11   12   13