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रानसेमत्ंीकेिारेमेंिखानकररहाथिा–्ेपजूावकएविनाकॉफी तक भी नहीं ्ू ते। सिसे िवढ़्ा ्टेलर से ही िे अपने कु तपे वसलाते ह।ैं अपनीजावतमेंसेकें्लाईनऑफली्रवरपहोनाचावहए,कहकर उसेआगेलारहेह।ैं उनहोंनेहीअपनेखचपेसेरादीकरा्ी।पाँचके कै विने्ट में िे मत्ं ी रहे ह।ैं नेकसलाइ्ट भी उनसे ्रते ह।ैं सभी िैकि््श लोगों से उनहें प्ार ह।ै ‘सरोज, जरा कॉफी िना दो’ कहते िे सीिे रसोई में ही पहुचँ जाते थिे।
‘मोस्टऑफइ्ट!उसमेंज्ादा-से-ज्ादाररािकीविक्रीस।े इननकसलाइ्टोंकोभीक्रांवतकेवलएिंदकूेंकहाँसेवमलतीह?ैंड्ग केपैसेसे,पावकसतानसे,चीनसे,जमन्श-विद्ोहसे,लेवनननेक्रांवत कीथिीन?गांिीजीकोभीपैसाविरलासेहीवमलतेथिेन?परउसे पैसे कहाँ से वमले थिे? आकार से िरसे थिे क्ा? आप जैसे लोग इगं लैं् से पढ़ कर अपने को सजजन कह कर इतराते नहीं - उन दरे ों के पासजोपैसाआ्ाहैिहभीतोगरीिदरे ोंकाखनू चसू कर
अवंतमिाक्मेंभतूकालकाप्र्ोगसनुकरमरेाकौतहूलऔरहीतोआ्ाह।ैइसीतरहसाईंिािाजोअसपतालिनारहाह,ै्ा
भी जाग पड़ा। जि उसने िहन की िात उठाई ति से मैं उसके वलए एकश्ोताभरथिा।अिउसकेिातकरनेकालहजािदलग्ाथिा मानोमैंअिनेकसलाइ्टोंकीिमवक्ोंकेिारेमेंकेिलएकश्ोता होऊँ । इसने मत्ं ी महोद् को एक भाषि वलख कर वद्ा थिा ‘लॉ ए्ँ ऑ््शर’केिारेम।ें
वतरूपवत के वतममपपा का भ्ं ारा–’ मैंिाद-वििादमेंवहससानहींलेरहाथिा,्हदखेकररकंरिािू
नेअपनेआपहसँनाररूु वक्ा:‘्हक्ा,सर?आपजैसेलोगोंसे मैं जरा अग्ं ेजी सीखना चाहता हूँ तो आप ्ों चपु हो गए! मैं आपकी तरहफॉरेनग्ानहीं।स्ं े,इवं््ा्टु्े,फाइनांवर्लएकसप्रेस–जो भी हाथि लगता ह,ै उसे पढ़ कर मनैं े अग्ं ेजी सीखी ह।ै हमारे ऑवफस
उस भाषि का विष् थिा नकसलाइ्ट लोगों की िमवक्ों का मकुािलाकरपानासभंिनहीं,्हभीएकसिरथिा।वप्ड़ीजावतमेंई.पी.्बल्.ूपवत्काआतीह।ैभलेहीमैंआपकोइप्रंैसनहीं कीसमस्ाएँअभीहलकरनीह।ैं मरेीमाँ,जोइतनीरीवलजसथिी, करसकापरहमारेमत्ं ीजीके वलएमैंहीब्ने हू।ँ ्ेसिविचारमनैं े िहभीअिनकसलाइ्टोंकीप्ररसंाकरनेलगीह।ैंमरेीिहनभीअि उनकोवलखकरवदएऔरउसीिातकोलेकरिेिोलतेहैंऔर उनसेवमलनेकोक्ोंतै्ारहोरहीह?ै आपजैसेलोगिड़ीगभंीरतासेउसकाविश्ेषिररूुकरतेह।ैंउनके
रीरेकेसामनेभ्टकतीउसकी्ो्टी-्ो्टीआखँेंजिमरेािारेमेंआपहीकलई.पी.्बल्.ूमेंवलखगेंे।’ सामनाकरनेलगींतिमनैंेकठोरतासेप्ूा,‘कौन-सी-िहन?’ खरै,उसकेइतनाज्ानिघारनेपरभीमैंउससेप्रभावितनहीं
उसे तवनक तसलली हुई। िैठ कर उसने ब्ीफके स से एक और वचत् वदखा कर कहा, ‘्ह वचत् मनैं े उसके अनजाने में ही खींचा ह।ै ’ ्ह कह कर उसने मसु करा कर मझु े उतसावहत-सा वक्ा।
उसवचत्मेंमनैंेदखेा–सखुानेको्ातीपरविखराएघनेचमकते
काले िाल। उसके ररीर पर नाम को भी एक आभषू ि न थिा। ्हाँ तकवककानमेंिावल्ाँभीनथिीं।सादीहथि-करघेकीसाड़ीपहनेिसी।’िरतीपरआखँेंगाड़ेरकंरिािूऊपरीमनसेिोला,‘उसने सनानघरसेिाहरवनकलतीहुईदीखरहीथिी।उसेदखेनेसेलगताथिाससुाइ्करली।मरेीसारीफजीहतोंकािहीकारिह।ै’
वक गसु सा नाक पर ही िरा ह।ै िह एकदम जलती पांचाली-सी दीख कामरूपी अपने असली रूप में एक क्षि-भर के वलए ही सही रहीथिी।िड़ीिहनकेसमानरापग्सतसौम्दिेतानहीं।फलैरसे मझुसेिातकरेगा,मरेा्हसोचनाभ्रमहीरहा।उसेमझुसेक्ा हरैानहुईविसफाररतआखँ ोंकीकठोरदृवटिसेभाईकोजलाए्ाल चावहएथिा।क्षि-भरमेंहीउसकीआखँ ेंरीरेसेसोफाऔरसोफे रहीथिी।कालामखु,कालेिाल,चमकतीआखँ!ेंदखेनेसेऐसासेरीरेतकभ्टकनेलगीं।उसकाभाषििड़ासाफ-सथिुराथिा।
सरोज मनोरोगी रही होगी। ‘हमाराघरानावरवक्षतनहींथिा।माँकोपताहीनहींचला।मरेा
तो सारा सम् समाज-सेिा में ही चला जाता थिा। रोज दौड़-िपू लगी रहती।उसकेवलएकोईकमीनथिी।्हाँतकवकरसोईघरमेंआ करमत्ंीमहोद्कॉफीमाँगतेथिे।सास-ससरुकाकोईझझं्टनहीं थिा। जो चावहए िह साड़ी, ररीर भर कर गहने -’
मरेासिरकाँपउठा।मनैंेजराक्टुहोकरकहा,‘आपअच्ी व्िसथिाओंकेदोषोंकेिारेम,ेंमानिइवतहासकेकलंककेप्रवत तरहजानतेहैंवकिहक्ोंमरी।अगरआपमझुसेिातकरनाचाहते
रकंरिािूकोवकसीप्रकारकीपरिाहनथिी।परउसकीिातोंमें्हहैंतोसचसचकवहए।’ िातआभावसतहोरहीथिीवकहमारेजैसेलोगउसकीआगेकीिहस रकंरिािूकेहाि-भाििदलगए।अपररवचतव्वतिकेप्रवत मेंरुवचलेसकतेह।ैं‘्ेमोक्रेसीकीआपकोजरूरतनहीं।चनुािके जोवकंवचतमात्नम्रतारहनीचावहए,िहभीउड़गई।घवनठितामें विना्ेमोक्रेसीिचीरहगेी?चनुािकेवलएपैसेनहींचावहए?िेकहाँजोिठिृताराहतीहैउसीढंगसेमझुेभीएकसभामानकरिहमरेे सेवमलेंगे?कालेिनसेहीन?आगे्ेिलपम्टेंकेवलएरेिेन्ूनहींसामनेआखड़ाहुआ।कनवख्ोंसेरीरेमेंदखेतेहुएवकसीदसूरे चावहएक्ा?िहकहाँसेआएगा?कालेपैसेसेहीन? सेिातकरनेकीतरहमझुसेकहनेलगा।
लगा जैसे घने िादल हों। ‘्हीगीताह।ैसिसे्ो्टीिहन।रोजघर-आगँनिहुारकर
पों्ा लगाती ह।ैं िड़ी अच्ी रंगोली भी ्ालती ह।ै अि इसी ने नेललरूमेंहमारेकुलकेलोगोंकोएकवत्तकरकेररािकीदकुानें िंदकरानेकीक्रांवतकीह।ै’्हकहकरउसनेव्ंग्भरीहसँीहसँते हुए एक दीघ्श विश्ेषि करने को वििर कर वद्ा थिा।
िहवकसीभीविश्ेषिकेिारेमेंहोसकताह।ै परद:ुखीमानि-
हुआ।पर मनैं े जानिझू कर जमहाई लेते हुए कहा, ‘मनैं े तो आपकी िड़ीिाली िहन के िारे में प्ू ा थिा, पर आपने उस िारे में कु् कहा ही नहीं!’
‘क्ािताऊँ,मरेादभा्शग्!रादीकेएकमहीनेिादहीिहचल ु
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विशिवा / Áअप्रैल 2021












































































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