Page 7 - Vishwa January 2024
P. 7

 सम्पादकीय
  भारत की जहनदू आस्था वालों के जलए चार प्रजसद्ध स्थान (धाम) ह–ैं बद्रीनाथ, िगननाथ, द्ाररका और रामश्े वरम। भारत के चार कोनों में अवजस्थत इन चार स्थानों की या‍ता एक प्रकार से भारत की पररकमा बनाती ह।ै िीवन के जवजवध रूपों का समचु चय यह महाद्े , वयजष्ट औरसमजष्टकेअद्तै कोसमझनेकीएकपा‍ठ्ालायहमहाद्े ।िैसे महाभारतकोसमझनेके बाद्ायदहीिीवनकाकोईपक्षछूटताहो वैसेहीइसभारतकोईमानदारीऔरउदारसवंेदनासेसमझनेकेबाद सजृष्ट-स्रष्टा,िीव-ब्रह्म,सगणु-जनगशिणुकुछभीअिानानहींरहिाता। ्ायद इसीजलए िीवन की वयाखया करने वाले सभी जवज्ष्ट लोग जकसीनजकसीरूपमेंसभीसखु सजुवधाओंको,घर-द्ारकोतयागकर जनकलपडनेवालेबद्धु ,नानक,जववेकानंदऔरगांधीिैसेपररव्ािक लोगरहेह।ैं इसीजलएभारतलौटनेकेबादभारतकेजलएकुछकरनेसे पहलेमबंुईकेवकीलोंकेवाज्वलाससेअलगगांधीभारतकोिानने केजलएअपनीभारतकीया‍तापरजनकलपडतेह।ैं िवाहरलालनेहरू कोभीवेयहीसलाहदते ेह।ैं
्ायद तभी भारत में चारों धाम की या‍ता करने वाले वद्धृ ों को साक्षात तीथशि कहा िाता था।
ऐसेहीचारधामदवेभजूमउत्तराखिं केतीनजिलोंउत्तरका्ी, रुद्रप्रयागऔरचमोलीजिलोंमेंह–ैं बद्रीनाथ,केदारनाथ,गगंो‍ती- िमनुो‍ती(गगंा-यमनुाकेउदग्मस्थल)।येसभंवतःसबसेदगुशिम तीथशिस्थल ह।ैं तीथशि को दगु शिम ही होना चाजहए। पता नहीं जकस द्नशि केतहततीथशिस्थलोंको'वस्त'ुबनाकरबािारकीतरहसगुमहीनहीं बजलकघरमेंघसुानेकाउपकमहोरहाह?ै
महलोंकीसखु-सजुवधाओंऔरएकांजतकताकोछोडेजबना िीवन का साक्षातकार नहीं जकया िा सकता। िब आप घर से बाहर वनमेंहोतेहैंतभीआपलोगोंकबीचहोतेह।ैं िनके बीचरहकर हीिीवनकोसमझािासकताह।ै महलोंमेंषि्यं‍तोंकीसभंावनाएं अजधकहोतीह,ैंप्रेमऔरसवंेदनाकीकम।वनवासी'राम'हीमयाशिदा परुु षोत्तम बनते ह।ैं
उत्तराखिं केइनचारधामोंकीया‍ताकोसगुमबनानेऔरइनके बीचकीदरूीकोकमकरनेके जलएसरुंगेंबनानेकीकईपररयोिनाएं चलरहीह।ैंिबद्े12नवबंरकोदीवालीकीलाखोंदीयोंकी चकाचौंधऔरपटाखोंके्ोरमेंखोयाहुआथातबएकबरुीखबर आई। उत्तरका्ी के जसलकयारा गाँव के पास एक ऐसी ही सरु ंग का कुछजहस्साढहगयाऔरसरु ंगखोदनेवाले41श्जमकउसमेंफँसगए।
उनश्जमकोंके जलएदीवालीकीछुट्ीभीनहींथी।वेअपना िीवनयापनकरनेकेजलएऔरदसूरोंकेिीवनमेंरो्नीलानेकेजलए अधंरेीसरुंगोंमेंथे।्ीघ्रहीइसदघुटशिनाकीगभंीरताकाअहसास हो गया और बचाव कायशि ्रूु हो गए।
14 नवबं र को 80-90 जमलीमीटर वयास के एक पाइप द्ारा ऑकसीिन,दवा,भोिनआजदपहुचँानेकीवयवस्थाकीगई।16 नवबंरकोआस्ट्रेजलयाईसरुंगजव्षेज्ञिॉ.अननोलिजिकसअपने
सािोसामान और साजथयों के साथ सहायता
केजलएपहुचँ।े
आ्ा-जनरा्ा के बीच इसी तरह के कु छ अनय उपाय भी जकए
गए। 41 मिदरू सरु ंग में फं से हुए थे। तमाम म्ीनों और एकसपट्शिस केहोतेहुएभीकामयाबीनहींजमलरहीथी।ऐसेमेंअतं मेंतयहुआ जक एक प्रजतबंजधत और आउट िेटेि मानी िाने वाली तकनीक जिसे ‘रैट होल’ तकनीक कहते हैं अपनाई िाए।
जदलली के िल-मल बोिशि में इस तकनीक को काम में जलया िाताह।ै इसतकनीकमेंऊपरसेनीचे90-100सेंटीमीटरवयासके पाइपमेंघसुकरएकश्जमकखदुाईकरताहैऔरदसूराउसमलबेको बाहर जनकालता ह।ै यह बहुत कज‍ठन और थका दने े वाला काम ह।ै
इस काम के जलए जदलली के वकील हसन अपनी टीम के साथ पहुचँ ेजिसमें12लोग्ाजमलथे–मनुनाकुरे्ी,वकीलखान,फीरोि, मोन,ू नसीम, इर्ाद, अकं ुर, राज्द, िजतन, नाजसर, सौरभ और दवेेनद्र।इनसबनेजसफशि26घटंोंमेंकमसाधनोंकेरहतेहुए15मीटर लंबीसरुंगखोदीऔरफंसेहुएमिदरूोंकोबचानेमें्ानदारभजूमका जनभाई।जकसीनेकोईमिदरूीनहींली।
जदललीजस्थतरॉकवेलएटंरप्राइिेिकेमाजलकवकीलहसनने कहा, ‘हमारी टीम में जहदं ू और मजु स्लम दोनों ह,ैं दोनों धममों के लोगों नेइन41लोगोंकीिानबचानेकेजलएकडीमहेनतकी।उनमेंसे कोईभीयेकामअकेलेनहींकरसकताथा।मैंसभीकोयहसदं ्े दनेाचाहताहूँजकसभीकोसदभ्ावसेरहनाचाजहए।हमसभीद्े केजलएअपना100प्रजत्तदनेाचाहतेह।ैं
अपनेकामऔरबचावअजभयानमेंअतंरकेबारेमेंबातकरते हुए उनहोंने कहा जक जसलकयारा में िान बचाने के दबाव ने ही उनहें आगे बढ़ने के जलए प्रेररत जकया।
उनहोंनेकहा–यहाँजिदंजगयाँदाँवपरथीं।परूीदजुनयासमते 140 करोडसेजयादालोगहमपरभरोसाकररहेथ।े इससेदबावतोबना लेजकन हमें यह प्रेरणा भी जमली जक हमें यह करना ही चाजहए और इसमें असफल होने या आलसी होने या थकने की कोई गिंु ाइ् नहीं ह।ै करीब12-15मीटरकीखदुाईकरनेमेंहमेंलगभग26-27घटंेलगे।
सामानय पररजस्थजतयों में एक ही प्रकार की जमट्ी और कायशि जस्थजतयों के साथ हमें आमतौर पर 10-15 जदन लगेंग।े लेजकन यहाँ हम जसफशि काम नहीं कर रहे थे, बजलक जिदं जगयाँ बचा रहे थे।
जवकास के भ्ामक मानकों के तहत इस मानव जनजमतशि ‍तासदी से ‍ताण का मागशि जवज्ञान और ससं ाधनों ने नहीं, मानवीय करुणा और जििीजवषानेजनकालाह।ै आगेभीयहीजििीजवषाऔरकरुणाही इससजृष्टकोबेहतरबनानेऔरसखु-्ांजतकामागशिखोिनेमेंहमारी सहायता करेंगी।
आइए, हम िीवन में जवश्वास करें, धम-शि िाजत-नस्ल-राष्ट्रीयता से परे मानवीय सवं ेदना और करुणा को िगाए रख।ें –रिेश जोशरी
जनवरी 2024 / ववशववा 5
मपानवीय करुणपा और जििीजवषपा कपा चमतकपार
  













































































   5   6   7   8   9