Page 14 - Vishwa January 2024
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सपाजहतय-संसककृजत-जवचपार
्ढ़ने के बपारे में कुछ बपातें : िलदी ही लौटेंगे अचछछे जदन!
डॉ. दुगागाप्रसाद अग्रवाल
(वररष्ठ सासितयकार, सशक्ासवद एवं समालोचक)
कयाआपनेकभीसोचाहैजकएकमनष्ुयके रूपमेंआपके पासऐसी जकबावज़दू इसबातके जकलोगोंकीप‍ठनरुजचमेंकमीआईह,ै कौन कौन-सी क्षमताएँ हैं िो आपको अनय प्राजणयों से बेहतर बनाती जलखने वालों की, और उसे प्रकाज्त करने वालों की भी, सखं या में ह?ैंअगरयहसवालकोईमझुसेपछूेतोमैंजबनाएकक्षणभीगवंाए नकेवलकोईकमीनज़रनहींआती,वजृद्धहीहुईह।ैजिनहेंजकताबों इसकाउत्तरदेसकताहू।ँमरेाउत्तरहोगा–‘पढ़नेकीक्षमता’।मनष्ुयमेंरुजचहैऔरजिनहेंपढ़नेकािनुनूह,ैवेतमामजवषमताओंके पढ़ सकता ह,ै प्ु पक्षी पढ़ नहीं सकते। बहुत समभव है जक आपके बीच भी लगातार पढ़ते ह,ैं और न केवल पढ़ते ह,ैं इससे िडु े मद्ु ों पास और भी कुछ िवाब हों, लेजकन मझु े जवश्वास है जक मरे े िवाब पर चचाशि भी करते ह।ैं मैं जिन जवषमताओंकी बात कर रहा हूँ उनमें सेभीआपअसहमतनहींहोंग।ेलेजकनइनजदनोंरह-रहकरयहबात सबसेबडीबाततोजकताबोंकामहगंाहोनाहैऔरदसूरीबडीबात हमारीचचाशिओंमेंआतीहैजकलोगोंकीपढ़नेकीआदतमेंबहुतउनकीसलुभताकाकमहोतेिानाह।ैबडे्हरोंमेंभीजकताबों तेज़ीसेकमीआतीिारहीह।ैमरेाअपनाअनभुवभीइसबातकीकीदकुानेंबहुतकमनज़रआतीह।ैंकस्बोंऔरगाँवोंकीतोबात पजुष्टकरताह।ैजिनवयवसायोंकासीधासबंंधपढ़नेजलखनेसेह,ै हीमतकीजिए।पस्ुतकालयआदंोलनहमारेयहाँकभीजकसीकी िैसेज्क्षणका,उसदजुनयामेंभीपढ़नेकीआदतकमहोतीिा प्राथजमकतामेंरहाहीनहीं।इधरपस्ुतकप्रेजमयोंकेबीचजकताबों रहीह।ैयहाँतकजकिोअबइसक्षे‍तमेंआनेकोउतसकुहैंवेभीकेबदलतेस्वरूपपरभीचचाशिएँऔरजचतंाकीिातीह।ैंकागज़ पढ़नेकेमामलेमेंप्राय:जफसि्िीहीपाएिातेह।ैंजपछलेजदनोंऐसे परछपीजकताबोंकेजवकलपकेरूपमेंस्कीनपरपढ़ीिानेवाली
  कुछअभयजथशियोंसेसवंादकामौकाजमलातोयहिानकरबहुतगहरा
आघात लगा जक पढ़ने के मामले में वे ्नू य ह।ैं िीवन के अनयानय
क्षे‍तों में काम करने वालों की तो बात ही कया की िाए! कया हमें इस
बातपरजचजंततनहींहोनाचाजहएजकहमारीिोक्षमताहमेंअनय
प्राजणयोंसेबेहतरजस्थजतमेंलाखडाकरतीह,ैहमउसीकाउपयोग
नहीं कर रहे ह?ैं कहा िाता है जक पढ़ना हमारी आखँ ों का, हमारी जकताब का असली आनंद तो उसके कागज़ पर छपे रूप में ही ह,ै दृजष्टकाजवस्तारह।ैहमअपनीआखँोंसेजितनादखेसकतेहैंउससेिबजकदसूरासमहूमानताहैजकरूपचाहेिोहो,हैतोवहजकताब अजधक आखँ ों से पढ़कर िान लेते ह।ैं पढ़ने से हमारा तनाव घटता ही। इस समहू को जकताबों के इन नए रूपों से कोई जदककत नहीं ह।ै
ह,ैहमारीसवंेदनाएँपररष्कृतहोतीहैंऔरनईिानकाररयांतोहमें जमलतीहीह।ैंपढ़नेसेहमारीसिशिनातमकताबढ़तीहैऔरहमऔरों को अजधक बेहतर तरीके से समझ पाने की सामरयशि प्रापत करते ह।ैं एक जब्रजट् लेजखका और इलस्ट्रेटर के जसिा कॉवेल का कहना है जक“पढ़नेसेतीनचमतकारीगणु प्रापतहोतेह–ैं रचनातमकता,ज्ञान औरसहानभुजूत”।एकअनयजवदषुीनतालीकाटशिरकाकहनाहैजक “जकताबेंहमारेिीवनकोअनभुवदतेीह।ैंयेिानकाररयोंसेभरपरू होतीह।ैंयेहमारेसमािकेबारेमेंबतातीह”ैं।एकजबजबलयोथेरेजपस्ट एला बथनोि का कहना है जक “जकताबें नहीं होतीं तो आि हम जिस तरहकेइसंानह,ैंवैसेनहींहोते”।उनहोंनेएकबहुतअथशिपणूशिबातऔर कही ह,ै जक “पढ़ने का लाभ जचजकतसकीय उपचार के समान होता ह”ै।लेजकनकयायहकमदभुाशि्यपणूशिहैजकइतनेलाभोंकेबावज़दू लोगों की पढ़ने में रुजच घटती िा रही ह?ै
इसजनरा्ािनकपररदृश्यमेंभीकुछलोगहैंजिनहोंनेजकताबों से अपना ररश्ता बनाए रखा ह।ै यह बात भी कम जदलचस्प नहीं है
नईपीढ़ीप्राय:स्कीनपरहीपढ़करसतंष्ुटहोलेतीह।ैअजतवयस्त लोगअनयकामकरतेहुएजकताबकोसनुकरअपनीपढ़नेकीभखू जमटाने का प्रयास करते ह।ैं
येिोपस्ु तकोंके नएरूपसामनेआरहेहैंऔरजिसतरहनई पीढ़ीइनहेंस्वीकारकरतीिारहीह,ैउससेएकतरफिहाँपरुानीपीढ़ी भावनातमकविहोंसेआहतमहससू करतीह,ैवहींपढ़नेपढ़ानेके बारेमेंगमभीरजचतंाऔर्ोधकरनेवालेभीकुछजचतंािनकबातों कीतरफसकं ेतकररहेह।ैं िैसामनैं ेपहलेकहाह,ै इधरकागज़पर छपी जकताबों की बिाय उनहें स्कीन पर, चाहे वह लैपटॉप का बडा स्कीनहो,जकरिलकामझोलेआकारकास्कीनहोयामोबाइलका बहुत छोटा स्कीन हो, जकताबें पढ़ने का चलन बढ़ा ह।ै मझु िैसे कु छ लोगइसचलनकोनएज़मानेऔरबदलेसमयकीज़रूरतकहकर सहि भाव से स्वीकार भी कर रहे हैं लेजकन बीबीसी रील पर प्रकाज्त एकस्टोरी;वहॉटिज़रीजिंगऑनस्कीनिूटूऑरब्रने;जिसकेजलए तीस से अजधक द्े ों के जवद्ानों और वैज्ञाजनकों से समपकशि जकया
जकताबेंऔरउनकेश्वयरूपांतर(ऑजियोबकुस)भीचलनमेंआ गए ह।ैं जकरिल िैसे उपकरणों के बाद अब तो मोबाइल के छोटे पददे पर भी जकताबें उपलबध होने लगी ह।ैं इन नए बदलावों को लेकरपस्ुतकप्रेमीस्पष्टरूपसेदोसमहूोंमेंबँटगएह।ैं एकसमहू हैिोइसबदलावकोस्वीकारनहींकरपारहाहैऔरकहताहैजक
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विशिवा / जनिरी 2024


















































































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