Page 50 - Vishwa January 2022
P. 50

ज्ान शनू य वे धजनहें सझू ्े सवपन सदा धनःसार— मा्ाधप्ापत्रतु औ’भाया्त,बांिवजन,पररवार! धलंग मक्ततु है आतमा! धकसका धप्ा पत्रतु या दार? धकसका शत्रतु धमत्र वह जो है एक अधभनन अननय उसी सव्तग् आतमा का अधस्तव नहीं है अनय! कहो ्तवमधस सनयासी गाओ हे ्मतु हो िनय, ओम् ्तस्् ओम!्
एक मात्र है के वल आतमा ज्ा्ा, धचर धवमक्ततु नाम हीन वह रूप हीन, वह है रे धचह्न अयक्ततु उसके आधश्् माया, रच्ी सवपनों का भव पाश, साक्षी वह जो परुतु ष प्रकृ ध् में पा्ा धनतय प्रकाश! ्मतु वह हाँ बोलो सनयासी धछनन करो ्म ्ोम, ओम् ्तस्् ओम!्
कहाँ खोज्े उसे सखे इस ओर धक या उस पार? मधतुक्तनहींहैयहाँवथिृ ासबशास्तदवे गहृ विार! वयथि्त यतन सब, ्मतु हीं हाथि में पकड़े हो वह पाश खींच रहा जो साथि ्मतु ह!ें ्ो उठो बनो न ह्ाश! छोड़ोकरसेदाम,कहोसनयासीधवहसँेरोम, ओम् ्तस्् ओम!्
कहो शां् हों सव्त शां् हों सचराचर अधवराम, क्षध्नउनहेंहोमझतुसेमैंहीसबभ्ूोंकाग्राम
ऊँ च नीच द्ौ मतय्त धवहारी, सबका आतमाराम! तयाजयलोकपरलोकमझतु ेजीवन्ष्ृणा,भवबंि सवग्तमहीपा्ालसभीआशाभय,सखतुदखतुविनवि! इस प्रकार काटो बंिन सनयासी रहो अबंि,
ओम् ्तस्् ओम!्
दहे रहेजावेम्सोचो्नकीधचन्ाभार
उसका काय्त समाप्त ले चले उसे कमग्त ध् िार
हार उसे पहनावे कोई करे धक पाद प्रहार मौनरहोकयारहाकहोधननदायास्धतु्अधभषके?
यत्र ्त्र धनभय्त धवचरो ्मतु खोलो मायापाश अिंकारपीधड़्जीवोंके!दखतुसेबनोनभी् सखतु की भी म् चाह करो जाओ हे रहो अ्ी् विनविोंसेसबरटोवीरसनयासी,मत्रं पनतुी्
ओम् ्तस्् ओम!्
इसप्रकारधदनप्रध्धदनजब्ककमश्त धक्तहोक्षीण बंिन मक्ततु करो आतमा को जनम मरण हों लीन! धफर से रह गये मैं ्मतु ईश्र जीव या धक भवबंि मैंसबमेंसबमझतुम—ेंकेवलमात्रपरमआननद! कहो ्तवमधस सनयासी धफर गाओ गी् अमनद ओम् ्तस्् ओम!्
 ईश्वर चनद्र मवद्पासपागर के मवचपार
 ईश्वरचनद्रधवद्ासागरबंगालकेप्रधसद्धदाशध्तनक,धशक्षाधवद, समाजसितुारक,लेखक,अनवतुादक,मद्रतुक,प्रकाशक,उद्मीऔर परोपकारी थिे। बंगाल के पनतु जा्तगरण के स्ंभों में से एक थिे।
1. धवद्ा सबसे अनमोल िन ह।ै इसके आने मात्र से ही धसफ्त अपना ही नहीं अधप्तु परू े समाज का करयाण हो्ा ह।ै
2.ससंारमेंसफलऔरसखतुीवहीलोगहैंधजनकेअदंरधवनय हो और धवनय धवद्ा से ही आ्ी ह।ै
3.जोवयधक्तदसूरोंकेकामनाआएवास्वमेंवहमनष्तुयनहीं ह।ै
4. समस् जीवों में मनष्तु य सव्तश्ष्े ठ ब्ाया गया ह,ै कयोंधक उसके पास आतमधववेक और आतमज्ान ह।ै
5. कोई मनष्तु य अगर बड़ा बनना चाह्ा ह,ै ्ो वह छोटे से छोटा काम करे कयोंधक सवावलंबी ही श्ष्े ठ हो्े ह।ैं
6. धबना कष्ट के ये जीवन धबना नाधवक की नाव जैसा ह,ै धजसमें खदतु काकोईधववेकनहीं।
7.अगरसफलऔरप्रध्धष्ठ्बननाह,ै्ोझकतुनासीखो। कयोंधकजोझकतु्ेनहीं,समयकीहवाउनहेंझकतुाद्ेीह।ै
8. एक मनष्तु य का सबसे बड़ा कम्त दसू रों की भलाई और सहयोग होनाचाधहएजोएकसपंननराष्ट्काधनमा्तणकर्ाह।ै
9.मनष्तुयधक्नाभीबड़ाकयोंनबनजाए,उसेहमशेाअपना अ्ी् याद कर्े रहना चाधहए।
10. अपने धह् से पहले, समाज और दशे के धह् को दखे ना एक धववेक यक्ततु सचचे नागररक का िम्त हो्ा ह।ै
11.सयंमधववेकद्ेाह,ैधयानएकाग्र्ाप्रदानकर्ाह।ै शांध्, स्ं धतु ष्ट और परोपकार मनष्तु य्ा द्े ा ह।ै
12.दसूरोंकेकरयाणसेबिकर,दसूराऔरकोईनेककामऔर िम्त नहीं हो्ा।
13. जोनाधस्कहैंउनहेंवैज्ाधनकदृधष्टकोणसेईश्वरमेंधवश्वास करना चाधहए। इसी में उनका धह् ह।ै
 48
विशिवा / Áजनिरी 2022






































































   48   49   50   51   52