Page 7 - Vishwa_April_22
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 सम्पादकीय
   आलोक, ऊरपाजा और ऊषमपा के अनपादद उतसव कपा आखयपान : यह कपालखंड
िशनजा में तो दरसकी उतपदत्त है उसकी दनषपदत्त भी दनदश्चत ह।ै उिय के साथ असत भी आवश्यक ह।ै रीवन के साथ मरण ह।ैसखुकेदबनािःुखकैसा?अ्धकारकेदबनाप्रकाशकीअवधारणानहींहोसकती।लेदकनहमारीसोचऔरदृदषट दकतनीभीदवसततृ होवहअनादिऔरअनंतनहींहोसकतीअतःहमचाहकरभीसयूजाऔरसदृषटकेसबंंधकोसांतनहीं मान सकते। इसदलए आलोक, ऊराजा और ऊषमा का हमारा स्ोत सयू जा अनादि ह।ै वह है तो हम ह।ैं उसके दबना पथृ वी ही नहीं रीवन की कलपना भी नहीं। इसदलए हमारे सभी उतसव सयू जा सापेक्ष ह।ैं
पथृवीकेदलएउसकेरीवनस्ोतसयूजाकामानिडंहैभमूधयरेखा/दवषवुतरेखाह।ैसयूजासेहमारासमसतसमब्धहम इसमानिडंसेमापतेह।ैंिदुनयाकीअदधकांशसदृषटभमूधयरेखाकेककजाऔरमकरदबंिुकेमधयअवदसथतऔरदवकदसत ह।ैहमनेपथृवीकोसमझानेकेदलएउत्तरीऔरिदक्षणीगोलार्जामेंदवभादरतदकयाह।ैसयूजाकाउत्तरायणहोनािदुनयाकी अदधकतर रनसखं या को सयू जा से दनकट सपं कजा में लाता ह।ै तभी शर-शयै या पर लेटे इचछामतृ यु भीषम सयू जा के उत्तरायण होने इतंज़ारकरतेह।ैंहमभीषमकीतरहइचछामतृयुनहींहैंदररभीसयूजाकीसाक्षीमेंअपनाअदंतमससंकारचाहतेह।ैंिदक्षणी गोलार्जा का सयू जा से नैकट्य हमारे िदक्षणायन में होता ह।ै यह उनका उत्तरायण ह।ै
तोउत्तरीगोलार्जाकेप्रथमतीनमदहनेइसीआलोक,ऊराजाऔरऊषमाकेअनादिउतसवकाआखयानह।ैं22दिसबंर सबसेलमबीऔरठंडीरातकेअतंकाक्षणऔरएकबड़ेहोनेवालेदिनकेआगमनकीसचूनाह।ैतभी25दिसबंर को बड़ा दिन कहा राता ह।ै रब आलोक, ऊराजा और ऊषमा की अवदध बढ़े उससे बड़ा दिन और कया हो सकता ह।ै होसकताहैकुछछोटीदनगाहसेिखेनेवालेइसकेउतसवकोअपनेसवंतसरसेछोटायाकमतरमानतेहरोंलेदकनमकर सकं ांदतकादिनिोनरोंकाएकहीह।ै एकहोनाहीपड़ेगाकयरोंदकहमारीसबकीपथृवीऔरसरूरएकह।ैं औरयहरकजा च्द्र वषजा और सयू जा वषजा की गणना के कारण ह।ै च्द्रमा सरू र से अलग कहाँ ह।ै यह हमारा सबका उतसव ह।ै यदि अपनी िो पदं तियरों में कहूँ तो
भलेनसोनाचांदीदनेालेहकनरिेमरिसादीदनेा
उतसवमेंकयातेरामरेाहरिसमसईदउगादीदनेा
बड़ा दिन, मकर सकं ांदत के बाि आलोक, ऊराजा और ऊषमा के उतसव की धवराएँ शाख-शाख पर दवसरोदटत होती करोंपलें।वनसपदतरगत।हमारेप्रथमरैदवकपवूजार।एकलमबी,सिजाऔरमतृयवुतरादत्सेअिबिाकररीवतं होउठते हैं रो हमें कैसे रड़ रहने िते े। मनषु य भी राग उठता है आलोक और ऊषमा के म।ें रंगदबरंगे पषु परों और पत्तरों, उललास की अनदगनतधवदनयरोंकेबीचसमसतसदृषटरीवतंहोउठतीह।ैउतसाह,रीवनऔरसरृनकीदत्वेणीनस-नसमेंप्रवादहत होनेलगातीह।ै सोदचयेयदिवनसपदतरगतइकरंगाहोतातो?तबइ्द्रधनषु भीकहाँहोता?सदृषटकोएकरंगाबनानेका मखू तजाापणूजासवपननिखे ।ें
कयाहमभीमानवतेरसदृषटकीतरहरीवनकायहउतसवदनरपेक्षभावसेनहींमनासकते?हमतोसदृषटकेशाश्वत प्रतीक'दशव-पावतजाी'केउतपािकअगंरोंकीआराधनाकापवजामनानेवाले'दवकंुठ'दचतंनकेवाररसह।ैं
आलोक,ऊराजाऔरऊषमाकायहअनादिउतसवबड़ेदिनसेप्रारंभहोकरदशवरादत्कोअपनेचरमपरपहुचंताह।ै
सरूरकोउ्मखुरहनेवालेसरूरमखुीकेिशेयकूेनपरिदुनयाकोएकरंगाबनायेरानेकासकंटहैतोसरूरको िखेकरदखलनेवाले'सहस्ार-ससंकृदत'केिशेकेहराररोंछात्भीवहाँअदनषटकेअधँरेेऔररीवनकीऊषमादवहीनता सेरझूरहेह।ैंउनकेदलएभीमगंलकामनाकरें।
दशवरादत्, 2022 – रिेश िरोशरी Áअप्रैल 2022 / विशिवा
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