Page 43 - Vishwa_April_22
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रहसयातमककावयातमकताकेदलएदरतनेचदचतजा हुए,समदृतकी रेखाएँ(1943),पथकेसाथी(1956),अतीतकेचलदचत्(1961), रैसीगद्दवधाओंकेमाधयमसेभीदह्िीसादहतयकोआरीवन उ्हरोंने समर्ृ दकया।
इलाहाबाि में प्रयाग मदहला दवद्ापीठ के दवकास में उनका अदभ्नयोगिानरहा।मदहलाओंकीदशक्षाकोसमदपतजा इसप्रकार कीदकसीससंथाकाआनाअपनेसमयमेंमदहला-दशक्षाकेक्षेत्में कांदतकारी किम था।
ऊपरकहीगईतमामउपलद्धयरोंकोसनुकरहमेंमहािवेीको िोनरोंप्रकारकेकायषोंसेइतनाअवकाशहीनहींदमलतादकवेकभी दसरजा एक कमठजा कायजाकताजा के रूप में समझने की भ्रांदत हो सकती अपनी दसथदत पर दवचार कर सके । रीवन के आरंदभक वषजा कु छ ह।ैपरंतुकयामहािवेीकोदसरजाउनकेदकएगएयोगिानकेदलएहीखलेम,ेंकुछगहृ-कायषोंकेसीखनेमेंवयतीतकररबसेवेकेवल रानना चादहए? कया एक परुु ष प्रधान समार में दकसी मदहला द्ारा शाद्िक अथजावाले अपने गहृ में चरण रखती ह,ैं तब से उपक्षे ा और
उ्हरोंनेसपंािनकीिदुनयामेंमदहलाओंकीउपदसथदतिरजाकरने
मेंभीअभतूपवूजाभदूमकादनभाई,रब1923मेंदह्िीकीमहतवपणूजा
पदत्का‘चाँि’केसपंािनकाकायजामहािवेीनेसभंाला।भारतमें इसीतरह,मधयमवगजीयगहृसथमदहलाकीदसथदतपरमहािवेी मदहलाकदवसममलेनरोंकीनींवरखनेकाभीश्ेयभीउ्हेंहीदियाकेदवचारसनुकरऐसालगताहैमानरोंआरभीदसथदतयाँकमोबेश राताह।ैमहािवेीकीपहलपरहीपहलाअदखलभारतवषजीयवहीतोह,ैंभलेहीउनकेरूपथोड़ेबिलेहुएहरों,आधदुनकताके कदवसममलेन15अप्रैल1933कोप्रयागमदहलादवद्ापीठमें ससंाधनरोंसेरंगे-छुपेहुए:
सपं ्न हुआ। ‘मधयम श्ेणी की मदहलाओं को गहृ के इतर और महतवपणू जा
दकएगएकामकोबसइसीदलएतारीरदमलनीचादहएदकयेसारे काम एक मदहला के द्ारा दकए गए ह?ैं
मरेीदृदषटमेंइसतरहकेतकजानकेवलमहािवेीकोएकवयदकत केतौरपरउनकेदवचारकरनेकीक्षमतासेअलगकरिगेंे,बदलक उ्हेंबसउनकीउपलद्धयरोंकेपीछेछुपािगेंे।रबदकसचतोयह हैदकआर2022मेंअगरमहािवेीवमाजाकोयािकरनेकीररूरत हैतोवह‘वयदकत’महािवेीकेअपनेसमयऔरपररवेशसेकहीं जयािाआगेचलनेवालेदवचाररोंकीवरहसेह।ै
अनािरकीअरस्वषाजामेंदठठुरतेहुएमतृयुकेअदंतमक्षणदगनती रहती ह।ैं सवतवहीन धदनक मदहलाओं को यदि सरे हुए दखलौने बनकररहनेकासौभा्यप्रापतहैतोसाधारणश्ेणीकीदसत्यरोंको कीतिासीकािभुाजा्य।’
भारतीयसमारकीपरुुष-प्रधानताकोईनईबातनहींहैऔर ज़ादहरहैदकतथाकदथतआधदुनकताकीआड़मेंआरभलेहम अपनेसमारकेबिलनेकीबातकरतेहरों,यादररपरुुषरोंकेउिार याप्रगदतशीलहोरानेकीबातकरतेहरों,परमहािवेीकेसमयमें इसतथाकदथतआधदुनकताकाप्रवेशभारतीययायंूकहलें,परूे
चाहेवहअपनेरचना-ससंारकेमाधयमसेप्रेमकीएकपलेटोदनक
पररभाषागढ़नेकाकायजाहो(जबअसीमसेिोजाएगा/मरेीलघुसीमा िदक्षण-एदशयाईसमारमेंबहुतकमथायाथाभीतोउसकेलाभाथजी कामले/दखेोगेतमुदवे!अमरता/खलेेगीहमटनेकाखले!)यादररसमारकेउचचवगजाहीरहेहरोंगे।(हालांदकउचचवगषोंकीमदहलाओं विे ना और िखु की दसथदतयरों में भी मानवता को बनाए रखने का के दलए भी समार की रकड़न बराबर ही थी, हाँ दशदक्षत उचच वगजीय उनकाप्रसताव(पथनभलूे,एकपगभी/घरनखोए,लघुहविग परुुषमदहलाअदधकाररोंकीज़बानीदहमायतकरतेहरोंगे।)महािवेी भी/हसनगधलौकीतहूलकासे/आकं सबकीछांिउजजवल),महािवेी भीअपनेसमयवसमारकेसिंभजामेंकहतीह:ैं
अपने समय की वैचाररकता का एक प्रमखु सतंभ थीं। ‘इस समय हमारे समार में के वल िो प्रकार की दसत्याँ दमलेंगी–
महािवेीकेसत्ी-समब्धीदवचाररोंकेदलएमरेेखयालसेहरएकवेदर्हेंइनकाज्ञानहीनहींहैदकवेभीएकदवसततृमानव- पाठक को ‘शंखला की कदड़याँ’ पढ़नी चादहए, कयरोंदक 1942 में समिु ाय की सिसय ह,ैं और उनका भी एक ऐसा सवतंत् वयदकततव ह,ै दलखीगईइसदकताबकोपढ़तेवक़तहरपलयहमहससूहोताहैदकदरसकेदवकाससेसमारकाउतकषजाऔरसकंीणतजाासेअपकषजासभंव कैसेकोईउससमय,रबहमाराभारतीयसमारदसत्यरोंऔरउनकी ह;ैिसूरीवेरोपरुुषरोंकीसमताकरनेकेदलएउ्हींकेदृदषटकोणसे अदसमताकेप्रश्नरोंपरदकसीदवकदसतदवचारधाराऔरसैर्ांदतकीकीससंारकोिखेनेम,ेंउ्हींकेगणुावगणुरोंकाअनकुरणकरनेमेंरीवन बाततोिरू,उनपरखलुकरचचाजाभीनहींकरपाताथा,मदहलाओंकेचरमलक्यकीप्रादपतसमझतीह।ैं’
से रड़ु े प्रश्नरों को उठा रहा था? इन पंदकतयरों को पढ़कर वाकई उस समय का समार और उसकी
कईअथषोंमेंमहािवेीकीयहरचनामदहला-मदुकतऔरमदहलाओं सीदमतपररदधकापतालगायारासकताह,ैपरंतुअगरहमआर केपरुुषरोंकेसमानअदधकाररोंकीमांगकरनेवालापहलासदुनयोदरतकेसमारपरभीमथंनकरेंतोमनसचमेंइसप्रश्नसेरझूनेलगता प्रयास माना रा सकता ह।ै आर हम कामकारी मदहलाओ ं पर पड़ने है दक दसथदतयरों में पररवतजान कया सच में हुआ है और अगर हुआ भी वालेिोहरेबोझकीबातकरतेह,ैंपरमहािवेीउसिौरमेंसवजाहारावगजा हैतोउसकेप्रमाणकयरोंबहुतनहींदमलते?
कीमदहलाओंकेसंिभजामेंअपनीदचतंावयकतकरतेहुएकहतीह:ै ‘श्मरीवीश्णेीकीदसत्यरोंकेदवषयमेंतोकुछदवचारकरना भीमनकोदख्नतासेभरितेाह।ैउ्हेंगहृकाकायजाऔरसतंानका पालन करके भी बाहर के कामरों में पदत का हाथ बंटाना पड़ता ह।ै सवेरे 6 बरे गोि में छोटे बालक को तथा भोरन के दलए एक मोटी कालीरोटीलेकरमरिरूीकेदलएदनकलीहुईसत्ीरबसधंयाके7 बरेघरलौटतीहैतोससंारभरकाआहतमाततृवउसकेशषुकओठरों में कराह उठता ह।ै उसे श्ांत दशदथल शरीर से दरर घर का आवश्यक कायजाकरतेऔरउसपेकभी-कभीमद्पपदतकेदनषठुरप्रहाररोंको
सहतेिखे करकरुणाकोभीकरुणाआएदबनानहींरहती।’
 Áअप्रैल 2022 / विशिवा
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