Page 27 - Vishwa_April_22
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 ज्पान-दवज्पान
सबकपा अ्नपा-अ्नपा सूरर?
 दपछले हफते दब्टेन की एटॉदमक एनरजी अथॉररटी ने एक बड़ा ऐलान दकया। उसने बताया दक उसकी रेईटी लैब को दपछले साल के अतं में59मगेारलू ऊराजापैिाकरनेमेंकामयाबीदमली।एकमगेारलू 277।78वाटके बराबरहोताह।ै ्यदूकलयरफयरू नके इसप्रयोगमें वैज्ञादनकरोंनेसयूजाकेकेंद्रसेिसगनुाजयािाऊराजापैिाकी।दपछले सालरनवरीमेंचीनभीअपनेनकलीसयूजासेयहीकरचकुाह।ै
इसीतरहकेप्रयोगसेइसअथॉररटीने1997में22मगेारलू करंट पिै ा करके वलडजा रेकॉडजा बनाया था, इस बार उसने ढाई गनु े से जयािाऊराजापैिाकी।ऑकसरडजाशरदसथतरॉइटं यरूोदपयनटोरस (रेईटी) लेबोरेटरी के ररएकटर ने रो ऊराजा बनाई, वह 60 वाट के दबरली के बलब को 11 दिनरों तक रलाए रखने के दलए कारी ह।ै
रेईटीलैबमेंलगीटोकामाकमशीनइसमामलेमेंिदुनयाकी सबसे बड़ी, सबसे ताकतवर ऑपरेशनल मशीन ह।ै इस मशीन के अिंरररासाड्यटूीररयमऔररिीदटयमभरागयाह।ैयेिोनरोंिोतरह की हाइड्ोरन होती ह।ैं एकसपेररमटें के िौरान इसे सरू र के कें द्र की तलुनामें10गनुाजयािातापमानपरगमजादकयागया,तादकपलाजमा बनाया रा सके। बता िें दक सयू जा के केंद्र का तापमान 1.50 करोड़ दडग्री सेदलसयस ह।ै दब्टेन के दवज्ञान मत्ं ी रॉरजा फ्ीमनै ने इस प्रयोग कोमीलकापतथरकरारिते ेहुएकहा,‘यहइसबातकासबतू है दकयकूेऔरयरूोपभरमेंहमारेभागीिाररोंकेसहयोगसेकीरारही रबरिसत ररसचजा और इ्नोवेशन फयरू न पावर को एक हकीकत में त्िील कर रहे ह।ैं ’
वज्ञैादनकलंबेवकतसेएकऐसेईधंनकीखोरमेंह,ैंरोपयाजावरण और इसं ानी दरसम को नकु सान पहुचँ ाए बगैर हमारी ऊराजा ररूरतरों को परूाकरसके।वैज्ञादनकरोंकीयहतलाश्यदूकलयरफयरू नपरखतम होती दिखाई िे रही ह।ै हमारे सयू जा और बाकी ताररों में रो ऊराजा का स्ोतहोताह,ै वह्यदूकलयरफयरू नहीहोताह।ै वज्ञै ादनककईवषषों सेसयू जाके केंद्रमेंहोनेवालेइसफयरू नकोधरतीपरसपं ्नकरने कीकोदशशकररहेह।ैं तकनीकीरूपसेयहधरतीपरएक‘नकली सयूजा’बनानेरैसाह।ैदवशषेज्ञरोंकामाननाहैदकइसंानकोधरतीपर, औरइसधरतीकोब्हांडमेंरहनाहैतोआनेवालेवकतमेंफयरू न एनरजी ही चादहए होगी।
रबिोहलकेएटॉदमक्यदूकलयसरड़ुकरएकभारीततवका ्यदूकलयसबनातेहैंतोइसप्रॉसेसको्यदूकलयरफयरूनकहतेह।ैं हाइड्ोरनकेचार्यदूकलयसरोड़करहीदलयमकाएक्यदूकलयस बनताह।ै हाइड्ोरनकेचार्यदूकलयसकेबरकसहीदलयमकेएक ्यदूकलयसकाद्रवयमानकुछकमहोताह।ै यहीद्रवयमानरबकम
प्रदीप
(वैज्ावनक ववषयों के युवा लेखक)
होता ह,ै तो ऊराजा बन राता ह।ै इसके पीछे आइसं टाइन की ‘दथयरी ऑर ररलेदटदवटी’ का मशहूर समीकरण E=mc2 ह।ै वैसे इसके बारे मेंसबसेपहले1938मेंरमनजा वैज्ञादनकह्ैसबैथेकीररसचजासेपता चला दक हाइड्ोरन का फयरू न करें तो ढेर सारी ऊराजा दमलेगी। इसी दथयरी पर हाइड्ोरन बम बनाया गया।
िरअसल सयू जा और बाकी ताररों में रोर हराररों-लाखरों हाइड्ोरन बम रूटते रहते ह।ैं लेदकन, ताररों में होने वाले फयरू न अदनयंदत्त धमाकेकीतरहनहींहोते।वेएकिमसतंदुलतहोतेह।ैरेईटीहोया चीन, इनका प्रयोग फयरू न के इ्हीं दवसरोटरों को कं रिोल करके ऊराजा बनानेकाह।ैबड़ीबातयहदकएकदकलोफयरूनईधंनसेएकदकलो कोयला,तेलयागैसकीतलुनामेंतकरीबनएककरोड़गनुाजयािा ऊराजा पिै ा की रा सकती ह।ै
वैसे दरस टोकामाक मशीन में ये प्रयोग दकए गए, भारत ने उसी के साथ अपनी आदितय पररयोरना में 0.4 सेकं ड तक पलाजमा तापमान बनाए रखने का प्रयोग सन 1989 में दकया था। यह पररयोरना 2016 में रर्यू की गई, पर उसके बाि से ऐसी कोई खबर नहीं दिखती, दरसमेंभारतभीअपनासयूजाबनारहाहो।अबइसंानऔरपथृवी बचानी ह,ै तो यही वाली एनरजी चादहए होगी। दब्टेन और चीन इस मामलेमेंकारीआगेबढ़गएह।ैं भारतकोअगरलोकाबजानवाले अपनेवािेकोपरूाकरनाह,ैतोउसेभीइसरीलडमेंआगेबढ़कर काम करना होगा।
  Áअप्रैल 2022 / विशिवा
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