Page 23 - Vishwa January 2022
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“अचछा? पर धकसधलए? आज धमलने की बा् ्ो ्य हो ही गयी थिी।”
“योंही्मतुसेबा्करनेकामनहोआयाथिा।”यवतुकको शायदउममीदथिीधकउसकीबा्कीयवतु्ीकेचहेरेपरकोईसखतुद प्रध्धक्याहोगी।परवहहरकेसेहसँ दी।यवतुकउत्रकीप्र्ीक्षामें उसकेचहेरेकीओरदखे्ारहा,परयवतु्ीकाधयानशायदइिर-उिर केलोगोंमेंउलझगयाथिा।इसपरयवतुकधखननहोगया।वहयवतु्ी केमहँतुसेसनतुनाचाहरहाथिाधकवहकलधवधपनकेसाथिसकूटरपर घमू रही थिी। इस बा् के जवाब में वह कया-कया करेगा-यह सब भी उसने सोच धलया थिा और कल शाम से लेकर अभी यवतु ्ी के आने से पहले ्क उसको कई बार दोहरा भी धलया थिा। पर यवतु ्ी की चपतु पी से सब गड़बड़ा गया। वह अब शायद समझ ही नहीं पा रहा थिाधकबा्कैसेशरूतु करे।
“ओ गोरा!” बारकनी की ओर दखे ्े हुए यवतु ्ी के महँतु से धनकला–
“यह सारी की सारी बारकनी धकसने ररजव्त करवा ली?” बारकनी की रेधलंग पर एक छोटी-सी पलाधसटक की स़िे द ्ख्ी लगी थिी,
धजस पर लाल अक्षरों में धलखा थिा– ‘ररज़वड्त’।
यवतुकनेधसरझकतुाकरएकधसपधलया–“मैं्मतुसेकतुछबा् करना चाह्ा हू।ँ ”
उसकी आवाज़ कतुछ भारी हो आयी थिी, जैसे गला बैठ गया हो।यवतु्ीनेधसपलेकरअपनीआखँेंयवतुककेचहेरेपरधटकादीं। वहहरके-हरकेमसतुकरारहीथिीऔरयवतुककोउसकीमसतुकराहट से थिोड़ा कष्ट हो रहा थिा।
“दखे ो, मैं इस सारी बा् में बहु् गमभीर हू।ँ ” धझझक्े-से सवर में वह बोला।
“गमभीर?” यवतु ्ी धखलधखला पड़ी ्ो उसके बाल आगे को झलू आये। धसर झटककर उसने उनहें पीछे धकया।
“मैं ्ो धकसी भी चीज़ को गमभीर्ा से लेने में धवश्वास ही नहीं कर्ी।येधदन्ोहसँने-खलेनेकेह,ैंहरचीज़कोहरके-फतुरकेढंग सेलेनेके।गमभीर्ा्ोबितुापेकीधनशानीह।ैबिूेलोगमचछरों औरमौसमकोभीबहु्गमभीर्ासेले्ेह.ैं..।औरमैंअभीबिूा होना नहीं चाह्ी।”
ओर उसने अपने दोनों कनिे जोर से उचका धदये। वह धफर गाना सनतुनेमेंलगगयी।यवतुककामनहुआधकवहउसकीमलतुाक़ा्ों औरपरतुानेपत्रोंकाहवालादकेरउससेअनेकबा्ेंपछूे,परबा् उसके गले में ही अटककर रह गयी और वह खाली-खाली नज़रों से इिर-उिर दखे ने लगा। उसकी नज़र ‘ररज़व्ड’ की उस ्ख्ी पर जा लगी। एकाएक उसे लगने लगा जैसे वह ्ख्ी वहाँ से उठकर उन दोनों के बीच आ गयी है और पलाधसटक के लाल अक्षर धनयॉन लाइट केअक्षरोंकी्रहदध्प-दध्पकरनेलगे।
्भी गाना बनद हो गया और सारे हॉल में ्ाधलयों की गड़गड़ाहट गँजू उठी। गाना बनद होने के साथि ही लोगों की आवाज़ें िीमी हो गयीं, पर हॉल के बीचों-बीच एक छोटी टेधबल के सामने बैठे एक सथिलूकायखद्रिारीवयधक्कािाराप्रवाहभाषणसवरकेउसीस्र
परजारीरहा।सामनेप्लनूऔरबशतु-शट्तपहनेएकदबतुला-प्ला का वयधक् उनकी बा्ों को बड़े धयान से सनतु रहा ह।ै उनके बोलने से थिोड़ा-थिोड़ा थिकू उछल रहा है धजसे सामनेवाला वयधक् ऐसे पोंछ्ा है धक उनहें मालमू न हो। पर उनके पास शायद इन छोटी-मोटी बा्ों परधयानदने ेलायक़समयहीनहींह।ै वेमडू मेंआयेहुएह–ैं
“गाँिीजी की पकतु ार पर कौन वयधक् अपने को रोक सक्ा थिा भला? कया धदन थिे वे भी! मनैं े धबज़नेस की ्ो की ऐसी की ्ैसी और दशे-सेवाकेकाममेंजटतुगया।धफर्ोसारीधज़नदगीपॉधलधटकल- स़िररकी्रहहीगजतुारदी!”
सामनेवालावयधक्चहेरेपरश्द्धाकेभावलानेकाभरसक प्रयतन करने लगा।
“दशे आज़ाद हुआ ्ो लगा धक असली काम ्ो अब करना ह।ै सब लोग पीछे पड़े धक मैं खड़ा होऊँ , धमधनसट्ी पककी ह,ै पर नहीं साहब, यह काम अब अपने बस का नहीं रहा। जेल के जीवन ने काया को जज्तर कर धदया, धफर यह भी लगा धक नव-धनमा्तण में नयाखनू हीआनाचाधहए,सोबहु्पीछेपड़े्ोबेटोंकोझोंकाइस चककर म।ें उनहें समझाया, धज़नदगी-भर के हमारे तयाग और पररश्म का फल है यह आज़ादी, ्मतु लोग अब इसकी लाज रखो, धबज़नेस हम समभाल्े ह।ैं ”
यवतुकशबदोंकोढेल्ा-साबोला–“आपकीदशे-भधक्को कौन नहीं जान्ा?”
वे स्ं ोष की एक डकार ले्े हैं और जेब से रूमाल धनकालकर अपनामहँतु औरमछँू ोंकोसाफकर्ेह।ैं रूमालवापसजेबमेंरख्े हैंऔरपहलूबदलकरदसूरीजेबसेचाँदीकीधडधबयाधनकालकर पहले खदतु पान खा्े ह,ैं धफर सामनेवाले वयधक् की ओर बिा द्े े ह।ैं
“जीनहीं,मैंपाननहींखा्ा।”कृ्ज््ाकेसाथिहीउसकेचहेरे परबेचनैीकाभावउभरजा्ाह।ै
“एक यही ल् है जो छू ट्ी नहीं।” पान की धडधबया को वापस जेब में रख्े हुए वे कह्े हैं
“इगं लैणड गया ्ो हर सप्ाह हवाई जहाज़ से पानों की गड्डी आ्ी थिी।”
जबमनकीबेचनैीकेवलचहेरेसेनहींसभंल्ी्ोवहिीरे-िीरे हाथि रगड़ने लग्ा ह।ै
पान को महँतु में एक ओर ठेलकर वे थिोड़ा-सा हकला्े हुए कह्े ह,ैं
“अब आज की ही धमसाल लो। हमारे वग्त का एक भी आदमी धगनादोजोअपनेयहाँकेकमच्तारीकीधशकाय्इसप्रकारसनतु्ा हो?परजैसेही्मतुहाराकेसमरेेसामनेआया,मनैंे्मतुहेंबलतुाया, यहाँ बलतु ाया।”
“जी हाँ।” उसके चहे रे पर कृ ्ज््ा का भाव और अधिक मखतु र हो जा्ा ह।ै वह अपनी बा् शरूतु करने के धलए शबद ढूँिने लग्ा ह।ै उसनेबहु्धवस्ारसेबा्करनेकीयोजनाबनायीथिी,परअब सारीबा्कोसक्षं ेपमेंकहदनेाचाह्ाह।ै
“सनतुाह,ै्मतु कतुछधलख्े-धलखा्ेभीहो?”एकाएकहालमें धफरसगंी्गँजूउठ्ाह।ैवेअपनीआवाज-कोथिोड़ाऔरऊँचा
 जनवरी 2022 / ववशववा
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