Page 3 - Vishwa_April_22
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   प्रकाशन
Vishwa
प्रबनध सम्ादक
– जनवररी, अप्ररैल, जुलाई, अकटटूबर
– The International Hindi Association’s quarterly Publication published in January, April, July, October.
– श्रीमतरी सुशरीला मोहनका
प्रधान सम्ादक
Chief Editor
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दरूरभाष
– श्री रमेश जोशरी, ओहायो
– Mr. Ramesh Joshi
10046, Parkland Drive, Twinsburg, OH., U.S.A. 44087
– editor@hindi.org
– joshikavirai@gmail.com
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Managing Editor – Mrs. Sushila Mohanka
– 4902FooteRoad,Unit#37Medina, OH 44256
डिजरीटल मरीडिया एडिटर
Digital Media Editor
Email Ph.No.
– श्रीमतरी अर्चना ्ांिा
– Mrs. Archana Panda, CA
– panda_archana@yahoo.com – 408-307-6645
दरूरभाष – ईमे्ल –
330-598-0642 managing.editor@hindi.org
संकलन, प्ररूफ ररीडिंग एवं स्ं ादन सहयोग
सुश्षी भारतषी वमश् batua896@gmail.com
हिशि् के लेखकों से
अंतर्राष्ट्रीय हिंदरी सहिहत की त्रैि्हसक िुख पहत्क्
 1. एक बार में दो से ज्ादा प्रविष्टि्ाँ न भेजें।
2. रचनाओं में एक पक्षी्, कट्टरतािादषी, अिैज्ावनक, साम्प्रदाव्क,
रंग-नस्लभेदषी, अतावककिक, अन्धविशिासषी, अफिाहषी और प्रचारातमक सामग्षी से परहेज करें। सि्वसमािेशषी और िैषशिक मानिषी् दृष्टि अपनाएँ।
3. अपनषी रचना कषी प्ररूफ रषीविंग करके भेजें| ितन्व षी (Spelling) के व्लए हम वजम्मेदार नहीं होंगे। इससे रचना कषी गुणित्ा भषी संदेहासपद हो जातषी है।
4. रचना एरर््ल ्रूवनकोि MS ्ा मंग्ल फॉणटि (12) में भेजें।
5. पेज पर वसफकि रचना का नाम और रचना हषी व्लखें। रचना छपने ्ला्क
फॉममेटि में भेजें।
6. रचनाएं एक से अव्धक हों तो अ्लग-अ्लग word और pdf
document में भेजें।
7. अपने बा्ो िेटिा में िाक का पता, ईमे्ल, फोन नंबर ज़रूर भेजें। हाँ,
्े सरूचनाएँ उतनषी हषी छापषी जा्ेंगषी वजतना आप चाहेंगे ्लेवकन हमारषी जानकारषी के व्लए ्े आिश्क हैं। ्वद आपकषी पुसतकें प्रकावशत हैं तो उनका वि्धा सवहत उल्लेख भषी करें। अपने बा्ोिाटिा को word और pdf document में भेजें।
8. अपनषी पासपोटि्ट साइज़ तसिषीर अ्लग से भेजें। रचना के साथ अप्रकावशत और मौव्लक होने का प्रमाणपत्र भषी स्लं ग्न करें।
9. रपटि, रचना, समाचार के साथ के फोटिो 250px तक होनषी चावहए। 10. ‘विशिा’ के व्लए भेजषी गई रचना दो मवहने तक कहीं न भेजें।
11. इंटिरनेटि कषी सुवि्धा का दुरुप्ोग करते हुए एक हषी रचना पचासों
पवत्रकाओं में भेजकर अपनषी और हमारषी प्रवतबद्धता को ससता न बनाएँ। 12. प्रिासषी अपने ्हाँ कषी वकसषी व्ष्तगत उप्लष््ध तथा सांसककृवतक, सावहषत्क और सामावजक ह्लच्लों कषी सवचत्र-प्रामावणक जानकारर्ाँ
उवचत तरषीके से भेज सकते हैं।
13. ्वद छंद का ज्ान नहीं है तो कोई बात नहीं ्लेवकन ्वद छंद में व्लखें
तो उसके अनुशासन का परूरा पा्लन करें।
14. वहंदषी से इतर भाषाओं के जषीिन मरूल्ों और मानिषी् गररमा से संपन्न
रचनाओं का अनुिाद भषी भेज सकते हैं। ऐसे में जहाँ मरू्ल ्लेखक से
अनुमवत आिश्क हो तो िह भषी सं्लग्न करें।
15. पुसतक कषी समषीक्ा के व्लए दो प्रवत्ाँ भेजें। हसतव्लवखत, सकेवनत और
पषीिषीऍफ़ िा्लषी सामग्षी का उप्ोग हम नहीं कर सकेंगे।
16. वकसषी भषी रचना पर वकसषी प्रकार के मानदे् का कोई प्राि्धान नहीं
है।
ररनाओं में वयकत डवरार लेखकों के अ्ने हैं। उनका अंतरा्चष्ट्रीय डहंदरी सडमडत करी ररीडत-नरीडत से कोई संबंध नहीं हरै।












































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