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 ्ाउनकीअतंदा्शरव्शनकतासेपररपिू्शथिीं। ओहा्ोसेहाईसकूलके्ात्स्ूा्शपवं्तकेड्मप्रसतवुतने
का््शक्रम में नई ऊजा्श भर दी।
ओहा्ो के रािा पाररक, वनकंु ज ख्ं ेलिाल और अरं ी तोलानी
नेश्ीमतीिदंनाभारद्ाजकेनेततृिमें‘वहनदीवदिस’और‘विश्व वहनदीवदिस’काअतंरितातेहुएअमरेरकाकेसाि्शजवनकसकूलों में‘सीलऑफ़िाईवल्टरेसी’प्रोग्ामसेदरक्शोंकोअिगतकरा्ा औरिता्ावकइसकालाभिचचेअपनेकॉलेजऔरप्रोफेरनल वजदंगीमेंलेसकतेह।ैं
‘सीलऑफ़िाईवल्टरेसी’हाईसकूलसेसनातकहोतेिचचों को, अग्ं ेजी के अलािा वकसी भी अन् भाषा में अपनी िोलने, पढ़ने औरवलखनेकीप्रिीिताकेआिारपरइसेप्राप्करनेकीसवुििा वदलाता ह।ै सील को पाने के वलए उनहें गिन्शम्टें द्ारा मान्ता प्राप् ससंथिाओंसेअपनीप्रिीिताकाप्रमािपत्दनेाहोताह।ै‘विश्ववहनदी
वदिस’केरभुअिसरपरअतंरा्शष्ट्ी्वहनदीसवमवतकीउत्तरपिूती राखानेअमरेरकामेंरहनेिालेअप्रिासीभारती्िचचोंसेइस का््शक्रम का वहससा िनने का अनरु ोि वक्ा। अपनी राष्ट् भाषा वहनदी को विश्वसतर पर मान्ता और पहचान वदलाने में ्ह ्ो्टा सा कदमभीसम्केसाथििड़ासावितहोसकताह।ै
ओहा्ो की श्ीमती ऋचा माथिरु और उनकी ्टीम ने समहू गान द्ाराकिीरिािीकीप्रसतवुतकी।
ओहा्ोकीइवरतामाथिरुद्ाराकतथिकप्रसतवुतिहुतही सरुुवचपिू्शऔरसनुदरथिी।उनकेभािोंकीअवभव्वतिइतनीसजीि औरसिलथिीवकश्ीमतीसनुीतावद्िेदीजी्ेकहेविनानरहसकीं वक “भाषा ही अवभव्वति का एकमात् जरर्ा नहीं ह”ै
का््शक्रमकोसभीदरक्शोंनेिहुतपसदंवक्ा।का््शक्रमका समापन उत्तर पिू ्श ओहा्ो राखा की उपाध्क्षा श्ीमती रीला लाहो्टीकेिन्िादज्ापनसेहुआ।
 हलचल
सन1961मेंराजसथिानके एकअत्ंतवप्ड़ेकसिेश्ी्ूँगरगढ़ में कु ् विचाररील, भाषा और ससं कृ वतसेिी ्िु ाओ ं ने राष्ट्भाषा वहनदी प्रचार सवमवत की नींि रखी।
आज इस ससं थिा का अपना भिन ह।ै लगभग 18 हजार पसु तकों काविरालसग्ंहह।ैसवमवत‘राजसथिली’और‘जनूीख्ात’नामक दोपवत्काओंकावन्वमतप्रकारनभीकरतीह।ै वप्ले50िषयोंसे ससं थिा की ओर से अवखल भारती् सतर पर वकसी भी रचनाकार को उसके विगत 20 िषयों के लेखन के आिार पर ‘सावहत् श्ी सममान औरपरुसकार’सेविभवूषतवक्ाजातारहाह।ै
विगत21फरिरी2021को‘विश्वमातभृाषावदिस’के उपलक्् में सवमवत द्ारा राजसथिानी की विविि वििाओ ं में प्रकावरत 21 पसु तकों का लोकाप्शि ससं थिा के अपने सभागार में वक्ा ग्ा। वजनका वििरि इस प्रकार ह।ै िेद व्ास ि श्ाम महवष्श द्ारा
एक स्व्यंसदे्वी वहन्ी संस्ान की षक्ठपूवतमा
 समपावदतमहातमागांिीपरकेवनद्त87कविताओंके सग्ं हआजादी राभागीरथिगांिी,श्ाममहवष्शद्ाराअनवूदतअनरुािापाव्टलरी ्टाळिीं मराठी कवितािां, विमला नागला की हते रो परिानो ि िगतरोफेर,्ॉ.गजादानचारिकीअतंसरीआिाजिसिद सारंग, सनतोष चौिरी की का्ा री कळझळ, रात प्े परभात, िड़ी माँ,ए््सलेिैठ््ोिमनरा्ोरा,वकरिराजपरुोवहतवनवतलाकी गवुड़्ारािाल,अवभलाषापारीककीओळ्ूकोइनदरिनख, सजं ् परु ोवहत की अमोलक उपहार, सत्दीप की प्रेम री पो्टळी, श्ीभगिानसैनीकीसांचोमींतरिमहैईरेतरमलंूा,विज्महवष्श कीदोसतीऔररविपरुोवहतकीवतरंगोवद्ती्ससंकरि,भरोसैरो सरूजिरजनी्ािड़ाकीअग्ंेजीकविताओंकेअनिुादसिु अे महारी मां कृ वत्ों का लोकाप्शि हुआ।
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विशिवा / Áअप्रैल 2021


















































































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