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लोक संगीत
 िाउल संगीत
पवश्चमिंगालमेंिाउललोकसगंीतह।ैचवंूकिेज्ादातर
आमआदवम्ोंद्ारारचेगएह,ैंिेसगंीतकेअन्रास्ती्
रूपोंकीतलुनामेंतलुनातमकरूपसेकमपररष्कृतहैं
और एक रधिु प्रवतपादन ह।ैं अकसर ्ह तक्श वद्ा ग्ा है
वकचवंूकिालसगंीतजीिनपरएकआध्ावतमकपहलू
काप्रवतवनवितिकरताह,ैइसवलएइसेलोकसगंीतके
तहतरावमलनहींवक्ाजासकताहैजोमखु्रूपसे
मनष्ु्कीवसथिवत्ोंऔरपररवसथिवत्ोंसेसिंंवितह।ै अन्जोगानेसनुतेह,ैंउनहेंसतहकेअथि्शकेसाथि
प्रिाली में विश्वास करते ह।ैं इसका मतलि ्ह है वक िाउलवसफ्शवकसीभीव्वतिकोअपनीआतंररक ्ासचचीआतंररकभािनाओंकोप्रक्टनहींकरेगा। ्ह सािक और श्ोता दोनों के वलए हावनकारक माना जाता ह।ै प्रतीकों की िासतविक प्रकृवत और अथि्श केिलउनहींरासतों्ाउनलोगोंसेपताचलताहै जो आध्ावतमक रूप से आध्ावतमक रुवच रखते ह।ैं
 हालांवक्ह्हाँकहाजानाचावहएवकिालसगंीतसिसेवनवश्चत रूपसेलोकसगंीतकेरूपमें्ोग्हैक्ोंवकसभीलोकगीतदोनों सामग्ीकेसाथि-साथिआध्ावतमकदवुन्ासेभीवनप्टतेह।ैं
ब्उल गरीतों की उतपहति
अकेलेरहनाचावहए।कईिाउलहैंजोमलेोंऔरत्ौहारोंपरजाते हैंऔरअपनेगीतऔरनतृ्केसाथिलोगोंकामनोरंजनकरतेह।ैं िासतिमेंिाउलसकीविवरटिनतृ्पधिवतउनकेवलएविवरटिह।ै गा्क समहू में एक साथि इकट्ा होते हैं और के िल भोजन और आरामकेवलएरुकनेिालेवदनोंकेिादएककेिादएकगानेगाते
िाउलभारती्अनसुवूचतजनजावतऔरअनसुवूचतजावतके
एक विरषे सप्रं दा् से सिं ंवित ह,ैं और भारती् राज् पवश्चम िंगाल ह।ैं िंगाल के पवश्चमी भाग में दो उललेखनी् उतसि हैं जहाँ सिसे
केलगभगहरगाँिमेंदखेाजासकताह।ैअविकांरससंकारऔरअविकसखं्ामेंिाऊलएकवत्तहोतेह।ैं्ेिीरभमूवजलेमेंजॉ्दिे अनठिुानप्राचीनइवतहासकेब्ाह्मििादीस्रोतोंकेग्थिंोंद्ारावनिा्शररत केंदलुीऔरउत्तर24परगनाऔरदवक्षि24परगनावजलेमेंघोषपारा
वकएगएहैंऔरउनहेंसमाजकीसरंचनासेिाहरकरतेह।ैंइसवलएत्ोहारह।ैंपिू्शजनिरीकेमध्मेंआ्ोवजतवक्ाजाताहैऔर िेसमाजकेदा्रेसेिाहरअपनेआपहीविकवसतहुएह।ैं िादमेंमाच-्शअप्रैलमें्ोलपवूिम्शाकेत्ोहारकेदौरानआ्ोवजत
ब्उल गरीतों क् उद्ेशय
िाउल गीतों का मखु ् उद्शे ् आतमा का उतथिान और
आध्ावतमकखोजह।ैिेइसउतथिानकोउनगीतोंकेमाध्मसे
प्राप् करना चाहते हैं जो िे गाते ह।ैं ्ह इस जीिन में िालस का
मखु ् उद्शे ् है और इस उद्शे ् के िाद िाकी सि कु् गौि ह।ै
िाउलईश्वरी्वमलनमेंपिूत्शाकीतलारकरतेहैंऔरउनकेवलए
वक्ा जाता ह।ै
ब्उल से सबं ंहधत गरीत
िाउलगा्ककेगीतउनकेआतंररकसघंष्शऔरपरमातमाके साथि सिं ाद की उनकी इच्ा को दरा्शते ह।ैं िाउल के सभी गीत इस सघं ष्श का एक वहससा दरा्शते ह।ैं िाउल के गीतों के विष् को तीन श्वेि्ोंमेंदखेाजासकताह।ैइनगीतोंमेंप्र्तिु भाषामखु्रूप
उनकीआध्ावतमकजीिनकीिवुन्ादीमहतिपिू्शजरूरतोंकोपरूा सेप्रतीकातमकह,ैऔरइसेसतहीसतरपरनहींसमझाजासकता
वक्ाजाताह।ैउनकेअनसुरिकेपररिामसिरूप,िेसमाजऔरह।ैगीतोंमेंभाषा्ादृवच्करबदोंकाएकमात्समहूकीतरह
सामावजकसगंठनोंऔरमांगोंसेअलगरहतेह।ैं्हमहससूवक्ाप्रतीतहोतीहैजोआमआदमीकेवलएकोईमतलिनहींरखती
जाताहैवक्ेसभीठोकरेंखारहेहैंजोवकिाऊलकेरासतेमेंखड़ेह।ैउनकेआतंररकअथि्शकोकेिलइसरूपमेंररूुवकएगएलोगों
होंगे तावक िह परमातमा के साथि अपने लक्् को प्राप् कर सके । िह द्ारा समझा जा सकता ह।ै ऐसे कई प्रतीक हैं वजनका उप्ोग अकसर
वनरंतरआतंररकसघंष्शसेगजुररहाहैजोकईिारअसफलताका वक्ाजाताह।ैसिसेअविकइसतेमालवकएजानेिालेप्रतीकह:ैं कारि भी िनता ह।ै सभी ज्ान जो उनके पास ह,ैं िे गरुु की वरक्षाओ ं फू ल-फू ल, नीर-पानी, मोनर मानस-आतमा का साथिी, तीन नवद्ों सेविश्वास,आतमवनरीक्षिऔरअतंज्ा्शनसेआतेह।ैंिहज्ानजोकावट्िेनी-सगंम,्ारज़ा/्ािर-द्ार,चद्ं-चद्ंमा,पद्म-कमलआवद
िह अपनी सािना के दौरान प्राप् करता ह,ै अपने गीतों के माध्म से दसूरोंतकपहुचँा्ाजाताह।ै
ब्उलगरीतोंक्अभय्स
िाउल फकीरों के पास सरल पोराक होती ह,ै वजसमें एक भगिा लंगुीऔरघ्टुनोंसेपरेएकलंिाभगिागाउनहोताह।ैिाउलकी सामावजकदृवटिसेकोईऔपचाररकवरक्षानहींह।ैिे“तंत्-िेद”की
जैसे प्र्ोग करने के पी्े का कारि। भाषा ्ह है वक िाऊल ब्ाह्मि ग्थिंोंद्ारावनिा्शररतपारंपररकससंकारोंऔरअनठिुानोंकेअनरूुपनहीं ह,ैवजनकादसूरोंकोउप्ोगवक्ाजाताह।ैइसवलएजोलोगइन पारंपररक ग्थिं ों के आदी ह,ैं उनके वदमाग उसी के अनरूु प ढले हुए हैं और इसवलए िे िौल के माग्श को समझने में असमथि्श ह।ैं िासति म,ें ्हइसकारिसेहैवकअविकांरिाऊलअवसथिरहैंऔरइसवलए समाजकीपरतोंकेिाहररहतेह।ैंचवंूकिौलसगंीतमेंएकमजितू
 अप्रैल 2021 / विशिवा
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