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तो नहीं होगी जीत हमारी िनाई तलिार में िवलकहोगीहमारेिनाएपलु ोंमें ्हिावद्ोंकोिादाहै
पहाड़ी पर हम चढ़ लें िसअगरहमवहममतकरलें
क्ोंवक अमरे रकी होना एक विरासती गौरि से अविक ह,ै अतीत में कदम रख
कै से हम उसको ठीक करते हैं हमनेदखेाहैऐसािलजोराष्ट्कोतोड़नाचाहताहै
न वक जोड़ना
हमारेदरे कोतिाहकरदगेाअगरलोकतंत्मेंदरेीकरें और ्ह प्र्ास लगभग सफल रहा जिवकलोकतंत्कोकभी-कभीवगरा्ाजासकताहै लेवकनपिूत्श्ाइसेकभीनहींहरा्ाजासकताहै
इस सचचाई में
इस विश्वास में हम विश्वास करते हैं जिवकहमारीदृवटिभविष््परहै जहाँहमारेपरुखोंनेपहलीिारक्रावनतकाएहसासवक्ा हम मध्-पवश्चमी राज्ों के झीलों िाले रहरों से उठेंगे, हमिपू मेंवसकेदवक्षिसेउठेंगे
और हमारे राष्ट् के हर ज्ात नकु कड़ और और कोने का हम वफर से वनमा्शि, समझौता और पोषि करेंगे
हमारे विविि और सनु दर लोग,
पसतपरसनुदरउभरेंगे
वजस वदन हम ्ाँि से िाहर वनकलते ह,ैं जिलनतऔरवनभतीक
हमारे मतिु करते करते नई सिु ह वखलती है हमरे ाप्रकारह,ै ्वदहमदखेनेकीवहममतरखतेहैं
्वद हम होने की वहममत रखते हैं
 अशोक ल्व की ्ो लघु क्ाएँ
अिोक लि मूलतः अधयापक िैं। कई रििाओं में लरेखन करतरे िैं। सरमरत के आजीिन सिसय िैं और रिलली िाखा के अधयक्ष भी। संपक्क : फ़लैट-363,सूयति अपाट्टमेंट, सरेकटर-6, द्ारका, नई रिलली-110075 (मोबाइल) +91-8920608821 email:
  kumar1651@gmail.com
1. प्प् तो प्प् िोते िैं
मानिीदसूरीकक्षामेंपढ़तीथिी।लॉक्ाउनकेपैंतीसिेंवदन उसका ि्ै ्श विखरने-विखरने को हो ग्ा थिा। िह सारी वसथिवत समझ रही थिी। उसने हठ करना ्ोड़ वद्ा थिा अन्थिा प्रत्ेक रवनिार िह हठ करके मममी-पापा को व्नर के वलए िाहर ले जाने पर वििर करदतेीथिी।
िधिृ जगदीर समझा रहा थिा–“्टीिी पर िार-िारचतेािनीदीजारहीह,ैिार-िार
समझा्ा जा रहा ह,ै साठ िष्श से अविक के िररठि नागररक घर से िाहर न वनकलें। मैं तो सत्तर के हो ग्ा हू।ँ ”
नारा्िी कहने लगी–“आपको कोरोना ने सक्रं वमत कर वद्ा तोक्ाअतंरपड़ेगा?अिऔरजीकरकौनसेकामकरनेह?ैंरभुम कातोपरूाजीिनपड़ाह।ै ्ो्टे-्ो्टेिचचेह।ैं ्हसामानकीवलस्ट पड़ी ह।ै उिर थिैले पड़े ह।ैं अलमारी में रुपए रखे ह।ैं ”
जगदीर ने मासक लगा्ा और थिैले उठाकर सामान लाने चल पड़ा।
उसने भाँवत-भाँवत की फ़रमाइरें िंद कर दी थिीं। िह जानती थिीमॉलिंदथिे,िाज़ारिंदथिे।अिफ्ें््ज़के साथििीव््ो-चवै्टंग
कर लेती थिी।उसकी कक्षाएँ ऑनलाइन होती थिीं।िह अपने गानों
की िीव््ो िनाती थिी। पेंव्टंग करती थिी। िह लॉक्ाउन का सम्
व्तीत करना सीख गई थिी। बध्ई
 ्ह िष्श की मानिी और वकतना ि्ै ्श रखती ! उसने पापा को कहा–“पापा, आज मैं आपके साथि दिू लेने जाऊँ गी। मैं मासक लगा लँगूी।”िहइसकेआगेकु्कहतीपरनतुउसकागलारुँिग्ाथिा। उसकी आखँ ों में आसँ ू तैरने लगे थिे।
“अरे,हमारीमानिीतोिहादरु िचचीह।ै हमअभीएकसाथि दिू लेने चलेंगे। मदर ्े्री से चॉकले्ट और आइसक्रीम भी लेंगे।” पापा ने उसे गले लगाते हुए कहा।
पापा ने अपने आसँ ू रोक रखे थिे क्ोंवक िे पापा जो थिे। 2. बेच्र् िगदरीश
िधिृापतनीपवतकोिमकातेहुएकहरहीथिी–“रभुमदिूलाने नहीं जाएगा।”
अतंरातिष्ट्मीयरहदंमीसरमरतकेआजमीिनसदसयडॉ.महशे रदिाकरको उनके समसत सारहर्यक अिदान के रलए 2019 का उत्तर प्रदशे रहदं मी ससंथानकासारह्यभषूणसममानघोरषतहुआह,ैहारदकति बधाई
  अप्रैल 2021 / विशिवा
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