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से वक्ा जो वहनदसु तानी एके ्मी इलाहािाद से 1953 में प्रकावरत
अपनेप्रकारकी्ितिव्में्ॉ.िीरेनद्िमा्शनेइसग्थिंकामहुममदहुसैनने‘तलीकत-ए-खतुित-ए-गासाांदतासी’नामक
हुआ।अपनेइसअनिुादमेंिाष्ि्पे जीनेतासीकेउतिग्थिं से वसफ्श वहनदई सावहत् के अरं का च्न करके मात् उसी वहससे का
वहनदी अनिु ाद मलू ग्थिं के आिार पर वक्ा ह।ै ” (वहनदईु सावहत् काइवतहास,लक्मीसागरिाष्ि्पे,वहनदसुतानीएके्मी,इलाहािाद, 1953, का ्ॉ. िीरेनद् िमा्श द्ारा वलखा ग्ा प्रकारकी्।)
गासाां द तासी का वनिन 2 वसतंिर 1878 को पेररस में हुआ औरिेउसीमारसलेी(Marseille)रहरमेंदफनाएगएजहाँउनका जनम हुआ थिा।
्ॉ. सईदा सरु ै्ा हुसैन ने ‘गासाां द तासी : उद्शू वखदमत, इलमी
कारनाम’े नाम से तासी पर पसु तक वलखी ह।ै इसी तरह सलु तान
ु अनिुादवक्ाह।ैऐसाकरकेमरेीदृवटिमेंतासीकीउतिकृवतकेसाथि िाष्ि्पे जी ने न्ा् नहीं वक्ा ह।ै तासी ने वहनदईु और वहनदसु तानी के सावहत्कारों को िहुत सोच विचार कर एक साथि रखा थिा और इसका सममान वक्ा जाना चावहए थिा।
महति रेखाँवकत करते हुए वलखा ह,ै “फ्ें च में होने के कारि तासी के ग्थिं का उप्ोग अभी तक वहनदी के विद्ाथिती नहीं कर सके ह,ैं न वहनदी सावहत् के इवतहासों में इस सामग्ी का उप्ोग हो सका ह।ै तासी के ग्थिं में वहनदी तथिा उद्शू सावहत्ों का पररच् वमवश्त रूप में ह।ै ्ॉ. लक्मीसागर िाष्ि्पे ने वहनदी सावहत् से सिं ंवित अरं का
महतिपिू ्श पसु तक वलखी ह।ै
फ्ांस में रहते हुए गासाां द तासी ने वहनदसु तान के सावहत् के िारे
में जो अध््न और लेखन वक्ा है िह असािारि है और इसके वलए हम उनके प्रवत श्धिािनत ह।ैं
 हलचल
अबूधाबमीमेंरनमातिणाधमीनसिाममीनारायणमरंदरकीसांकेरतकछरि
3 अप्रैल 1781 रामनिमी के वदन अ्ोध्ा के पास गों्ा वजले के ्वप्ा गाँि में हररप्रसाद और भवति दिे ी के घर एक िालक का जनम हुआ जो 11 िष्श की आ्ु में माता-वपता के वनिन के िाद सातिष्शतकभारतकेविवभननतीथियोंमेंभ्रमिकरताहुआगजुरात केमगंरोलकेपासएकगाँिमेंपहुचँा।
सिामी मतिु ानंद के माध्म से उसका पररच् रामानंद जी से हुआ। रामानंद जी ने िालक को सहजानंद नाम वद्ा और अपने समप्रदा् का आचा््श भी वन्तिु वक्ा, जो आज सिामीनारा्ि के नाम से जाना जाता ह।ै
सिामीजीनेकईसथिानोंपरमवंदरोंकावनमा्शिकरिा्ा।िे श्वमकों के साथि सि्ं ही श्मदान करते थिे। उनहोंने अपने प्रभाि से्ज्मेंवहसंा,िवलप्रथिा,सतीप्रथिा,कन्ाहत्ा,भतूिािाके अिं विश्वास आवद को समाप् करिाने के वलए अथिक प्र्तन वक्े। िे अपने अन्ु ाव््ों को पांच व्रत वदलिाते थिे- मांस, मवदरा, चोरी और व्वभचार का त्ाग और सिम्श के पालन।
 ्वैकश्वक आस्ा की राह पर
उनकेअन्ुाव््ोंनेदवुन्ाकेविवभननदरेोंमेंसैंकड़ोंभव् मवंदरोंकावनमा्शिकरिा्ाह।ैउनकेनामसेसचंावलतससंथिानसकूल, असपताल सञचालन जैसे कामों के अवतररति आपदा काल में समाज सेिा के विवभनन का््श करते ह।ैं
सभी िमचो को एक और मानि सेिा का माध्म मानने िाले सिामी जी एक प्रकार से एक िैवश्वक िम्श की तलार में थिे जो आज के सम्मेंिहुतिड़ीआिश्कताहैक्ोंवकइसदवुन्ानेवप्ले हजारोंिषयोंमेंिम्शकेनामपरअनेकसघंष,्श्धिुऔरनरसहंारदखेेह।ैं
आजदवुन्ामेंिमयोंकेिीचसमझविकवसतकरनेकेप्र्ासों केअतंग्शतवदललीिालेमवंदरकीतज़्शपरअििुािीमेंवनमा्शिािीन सिामीनारा्िमवंदरके2023मेंपिू्शहोजानेकीआराह।ै
अपनीितुवरकनीकेवलएदवुन्ामेंकुख्ातमवुसलमदरे अििुािीमेंवनमा्शिािीनआसथिासथिलकेवनमा्शिकेपी्े्ुपीएक सकारातमक सोच और नए विश्व की आरा के रूप में विकवसत इस पहल को हमें खलु े हृद् से सिीकार करना चावहए और ऐसी कंु ठाओ ं सेमतिु होनेकामनिनानाचावहए।
अबू ध्बरी िें बन रिे िंहदर के ब्रे िें कु छ ि्नक्ररय्ँ
- 16.7 एकड़ में िन रहे इस मवंदर पर 900 करोड़ रुपए की लगत आएगी
-इसमवंदरमें2000सेभीज्ादाकलाकृवत्ाँलगाईजाएगँीं वजनपरगजुरातऔरराजसथिानमेंकामचलरहाह।ै
-इसकेिाहरीवहससेमेंलगनेिालागलुािीिलआु पतथिर50 व्ग्ी तापमान में भी गम्श नहीं होगा।
-11 फरिरी 2018 को भारत के प्रिान मत्ं ी द्ारा इसका वरलान्ासवक्ाग्ाथिा।आराहै2023मेंमवंदरकावनमा्शि
परूाहोजाएगा। प्रसतुहत:डॉ.शुभ्ंगरीिोशरी
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विशिवा / Áअप्रैल 2021







































































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