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सेघिरारहाथिा।तभी्ादआईंिढ़ूेए्ट्सकीअदम्कामकुताभरी कविताए।ँ जज्शर िढ़ू ा िदमार लड़की से कहता ह,ै पठ्े जिान ्ोकरे सखु ल्टू तो सकते हैं पर सखु न दे सकनेिाले कामकु ह।ैं मरे े पास आ और दखे सखु क्ा ह।ै ऐसी िातें वलखनेिाला, लार ्टपकानेिाला कविमझुेअसह्यलगनेलगा।तभीरकंरिािूनेघवनठितासेमरेी ओरदखेकरवसगरे्टकाकरवल्ा।
मरेादभुा्शग््हहैवक्हकहानी्हींसमाप्नहींहुई।लाउंज केभीतरघसुतेसम्रकंरिािूवकसीदवुििामेंफँसाथिा-्ावफर मझु ेहीऐसालगरहाथिा।
उसकीसनुाईकहानीकासारांर्हहै:
ब्ाह्मिोंजैसी।िास्ट््शजीजाकंुकुमचदंनलगाकरअपनीहररोज की कलेकरन के वलए चमचमाती पें्ट-िशु र्ट्श पहन कर तै्ार हो ग्ा। स्टेनलेस स्टील के वगलास में मनैं े महकती कॉफी सोफे के सामने तै्ार करके रखी थिी। उसने रोते से सिर में प्ू ा, ‘गीता मान गई क्ा? मत्ं ी मझुेव्सवमसकरदगेंे।उनकीतोएकहीवजदह।ै’रकंरिािूनेमाँ कीिीमारीिताकरआसँूवगराए।(मरेीसहानभुवूतपानेकोरकंर िािूअपनेऔरजीजादोनोंकेहाि-भािवदखारहाहोगा–्हरक मरेेमनसेह्टानहीं)
‘गीता मान जाएगी। उसे हमारे मत्ं ी जी के क्रांवतकारी विचारों में विश्वासह।ै’इसप्रकाररकंरिािूनेरील्ोड़ी।माँकीदिा-दारू के िहाने उस कं जसू से एक हजार रुपए ऐठं े। िह नए-नए ताजा नो्टों की ग्््ी थिी। (बलैक मनी िड़ा रभु होता है ‘ब्दर’ कह कर एक
उसके वपता की जावत का पेरा मकान िनाने की वमस्तीवगरी थिा।
िह भी माँ के साथि िहीं, काम करता थिा। िाप की कमाई पीने में ही उड़जातीथिी।माँकीकमाईसेसिकापे्टचलताथिा।उसीसेउसकीहसँीकीफुलझड़ी्ोड़ताआगेचलवद्ा।) औरउसकीिहनोंकीपढ़ाईचली।वपतालीिर्ैमजे होजानेसे उसवदनपरूेसम्हदैरािादकेसलमोंमेंघमू-घमू करजोकाम मरग्ा।(्हकहानीमरेेअदंरकरुिरसपैदाकरनेकेवलएरकंरकरनाथिा,वक्ा।उसकीिातसनुनेिालाएकदलह।ैनकसलाइ्ट िािूनेजराऊँचेसिरमेंहीसनुाई,आगेअपनासाहसवदखानेको भलाक्ाखाकरइनकेसामने्टेररपैदाकरेंगे?गीताओरउसके
पीठपी्ेहाथििाँिेखड़ेहोकर)रकंरिािूनेदरेसेिाकीप्रेरिा
अपनी जावत के मत्ं ी जी से पाई। अपने िवु धि-चात्ु ्श से ्ह उसका
ब्ने िनग्ाऔरघरकेवलएआिश्कसभीसामानमहुय्ाकरने
लगा। जि घर की व्िसथिा सिु रने लगी ति मत्ं ी महोद् ने ही जरा
रुवचलेकरसरोजकाब्ाहअपनेवनजीसहा्कसेकरावद्ा।
उसकी जावत में पढ़े-वलखे लोग कम होने से उसे सरोज से िवढ़्ा हजार ह।ैं ्े तमु हारे ट्ी्टम्टें के वलए ह,ैं जीजा ने वदए ह।ैं गीता को पतनीनहींवमलसकतीथिी।सरोजकेवलएभीउसिास्ट््शसेिवढ़्ामनिालोकहाह।ै’्हकहकररकंरिािूचपुखड़ाहोग्ा। वसथिवतिालादसूरानहींवमलसकताथिा।(्हिास्ट््शरबदउसीके परएकदमसेिहविखरेिालोंिालीगीताउठखड़ीहुई।िह महँु से वनकला थिा।) च्ं ी-सी दीख रही थिी। िड़े भाई के हाथि से हजार की ग्््ी ्ीन
अिरकंरिािूएकउलझानमेंफँसग्ाथिा।उसिास्ट््शकीली।आिँीकीतरहस्टोिकीओरिढ़ी।खालीहाथिोंसेहीउिलते एकहीहठह।ै्ो्टीिहनगीतासेउसकीदसूरीरादीकरादो।दिूकापतीलाउतारकरप्टकाऔरनो्टोंकीग्््ीजलतेस्टोि मत्ं ीमहोद्भीिहींआग्हकररहेह।ैं िेमझु ेसैवकं्लाइनऑफ पररखदी।
ली्रवरपकेवलएतै्ारकरनाचाहतेहैंन। ्हसिसनुातेसम्रकंरिािूमझुेिासतिमेंवदगभ्रांत-सा
रकंरिािूइसिातकीचचा्शघरमेंउठानहींसकताथिा।माँदीखा।परूेवदनमजदरूीकरनेपरभीमाँकोदसरुपएमजदरूीनहीं मत्ंीऔरजीजाकोऐसी-ऐसीगावल्ाँदतेीहैजोवकवसफ्शउसकी वमलती।पैसा-पैसाजोड़करिापसे्ीन-झप्टकरकु्पैसेले
ही जावत में सभं ि ह।ै िह भी िीमार रहती ह–ै हा्ट्श िीक ह,ै बल् प्रेरर,‘्ा्ि्टीज'।पैसाक्ाआकारसेिरसताह?ै जीजाहीदे सकतेह।ैं परमाँकहतीहै:उसहरामजादेकीपापकीकमाईनहीं चावहए।मैंआस-पड़ोसकेघरोंमेंचौका-ित्शनकरकेकमालँगूी। गीताभी‘मैंनेललरूमेंअपनीजावतकेलोगोंकेसाथिरहकरक्रांवत करूँ गी’, कहती ह।ै एकदम ्रपोक ह,ै रात को माँ के साथि ही सोती ह।ै पर कॉलेज में उसकी सगं वत ठीक नहीं, िस।
लेती।परऐसीमाँभीनो्टोंकीउसग्््ीमेंआगलगतेदखे करचपु थिी।गीताउसग्््ीकोऐसेदखे रहीथिीमानोउसग्््ीकेसाथि भाईकोभीजला्ालेगी।दोनोंहाथिजमीनपरव्टकाएमाँचपुचाप विलखरहीथिी।िवुढ़्ाकावदमागखरािहोग्ाथिा।पहलेतो रकंरिािूहकका-िककारहग्ा।परसहनसका।स्टोिकोलात मार कर उसने जलाती हुई नो्टों की ग्््ी को खाली हाथिों से झप्ट वल्ा और पोचे से लप्ट खा ग्े नो्टों को पों् जेि में ्ाल वल्ा।
'जीजाभीइतंजारकरते-करतेथिकग्ा।मझुेभी‘घरमेंपाँि िहअपनेकोरोकनसका।िहींसबजीका्टनेकाहवँस्ारखा मतरखना’कहवद्ाथिा।उसहरामजादेकरप्टमत्ंीनेभीमझुसेथिा,उसेउठाकरगीताकाझों्टापकड़करउसकीगदन्शपरिार िातकरनािंदकरवद्ाथिा।’कलसिुहरकंरिािूमान-म्ा्शदा करनेकोिढ़ा।पतानहींतिगीतामेंकहाँसेरवतिआगई।उसने ताकपररखकरजीजाकेपासिंगलेमेंग्ा।जीजापजूाकररहाभाईकोलातमारी।हवँस्ा्ीनकरउसेमारनेउद्तहुई।माँने थिा।िास्ट््शपजूावकएविनाकॉफीभीनहींपीता।रकंरिािूिीरे ‘अरे’कहकरउसकेहाथिसेहवँस्ा्ीनवल्ा।औरअपनेवसर सेसीिारसोईमेंग्ा।उसकीपसदंकीवफल्टरकॉफीतै्ारकरकेपरमारनाररूुकरवद्ा।िहझगड़ापड़ोसकेब्ाह्मिकोसनुाई इतंजारकरनेलगा।कॉफीिनानेमेंसरोजपारंगतथिी।हरिातमें वद्ा।गीताइतनेसेहीचपु नहींरही।झाड़ूलेकरउसेमारतीहुई
दोसतोंको्राने-िमकानेकापलानउसदलकोिताकररामको घर ग्ा। माँ रसोई में खाँसती हुई दिू गरम कर रही थिी। दिू स्टोि पररखाथिा।गीताकु्पढ़तीहुईनो्टिनारहीथिी।सदाकीतरह उसके िाल विखरे थिे और साड़ी फ्टी हुई थिी।
‘माँ’कहकरउसनेपकुारा।वफरिीरेसेिोला:‘्हलोएक
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विशिवा / Áअप्रैल 2021












































































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