2021 IHA Convention Summary
हिंदी भाषा के सम्मान और स्वाभिमान की वैश्विक स्थापना के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के २० वें द्विवार्षिक अधिवेशन का उदघाटन
क्लीवलैंड, अक्टूबर ९, २०२१। हिंदी भाषा के सरंक्षण और संवर्धन को प्रतिबद्ध और इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रसार में जुटी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति का २० वाँ द्विवार्षिक अधिवेशन उत्तरी अमेरिका के ओहायो राज्य के क्लीवलैंड शहर में संपन्न हुआ। ९ अक्टूबर सुबह दस बजे से लेकर १० अक्टूबर शाम ७ बजे तक चला यह दो दिवसीय अधिवेशन अभारतीय देशों में हिंदी को द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता दिलवाने और इसके लिए भाषा को सीखने और सिखाने की नयी तकनीकों को विकसित करने हेतु समर्पित रहा। कोरोना की वैश्विक़ महामारी के चलते इस बार का अधिवेशन आभासिय और व्यक्तिगत रूप में मिश्रित रूप से आयोजित किया गया जिसे विश्व के पांच महाद्वीपों के विभिन्न देशों से हज़ारों हिंदी प्रेमियों ने परोक्ष और अपरोक्ष रूप से ज़ूम, यूट्यूब, फेसबुक पर हुए सीधे प्रसारण अथवा प्रत्यक्ष रूप से सम्मलेन स्थल पर जुड़कर सफल बनाया। अधिवेशन की विशेष सफलता इस बात से लगाई जा सकती है की इस बार ओहायो राज्य के चार बड़े शहरों के महापौरों ने अधिवेशन के समर्थन में हिंदी भाषा के प्रचार और प्रसार हेतु अपने शहरों में राजकीय उद्घोषणा की। कोरोना काल की विषमतम परिस्थितयों में आयोजित यह अधिवेशन कई अर्थों में अभूतपूर्व था जो निश्चित रूप से हिंदी समिति की सांगठनिक विकास यात्रा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।'
अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन स्वर्गीय गुलाब खण्डेलवाल जी के निवास स्थान पर श्रीमती सुशीला मोहनका (समिति की न्यासी सदस्य, अधिशासी मंडल सदस्य और विश्वा की प्रबंध संपादक), श्रीमान अजय चड्डा (समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और अधिशासी मंडल सदस्य) श्रीमती किरण खेतान (सम्मलेन की संयोजिका और अधिशासी मंडल सदस्य), ड़ॉक्टर शोभा खंडेलवाल (सम्मलेन की सहसंयोजिका और उत्तरपूर्व ओहायो शाखा की अध्यक्षा) और ड़ॉक्टर राकेश रंजन (हिंदी समिति के सहयोगी और शुभचिंतक) ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। हिंदी समिति द्वारा विगत चालीस वर्षों से ओहायो राज्य में चलाये जा रहे हिंदी प्रशिक्षण विद्यालय के विद्यार्थी कुमार कृष पारीख ने अपने मधुर स्वरों में सरस्वती वंदना का गायन कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मैडाइना शहर के महापौर डैनिस हैनवेल, ब्रॉडव्यू हाइट्स के महापौर सैम अलाइ, इंडिपेंडेंस शहर के महापौर ग्रेगरी कर्टज़ और सोलन शहर के महापौर एडवर्ड क्रॉस ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हिंदी भाषा के विकास, प्रचार और प्रसार में जुटे अधिवेशन के आयोजकों को बधाई और शुभकानाएं दी तथा साथ ही अपने सम्बंधित शहरों की में हिंदी भाषा की जागरूकता बढ़ाने हेतु अधिकारिक राजकीय उद्घोषणाओं का वाचन भी किया। मैडाइना, ब्रॉडव्यू हाइट्स और इंडिपेंडेंस शहर में जहाँ अक्टूबर २०२१ के दूसरे सप्ताह को हिंदी सप्ताह के रूप में मनाने की घोषणा हुई वहीँ सोलन शहर ने सम्पूर्ण अक्टूबर हिंदी जागरूकता माह के रूप में मनाने का संकल्प लिया।
अधिवेशन के उद्घघाटन सत्र के प्र्रारम्भ में अधिवेशन संयोजिका श्रीमती किरण खेतान ने अधिवेशन में जुड़े सभी सदस्तों का स्वागत करते हुए अधिवेशन की रूपरेखा और अभारतीय देशों में हिंदी को द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता दिलवाने के अधिवेशन के मूल उद्देश्य को विस्तार से समझाया। श्रीमती खेतान ने अधिवेशन में हिंदी भाषा को सीखने और सिखाने के लिए आयोजित दस कार्यशालाओं, हिंदी भाषा की विकास यात्रा पर आयोजित नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवी सम्मलेन के बारे में सभी सहभागियों को अवगत करवाया। इसके बाद श्रीमती सुशीला मोहनका ने अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति की १९८० के स्थापना काल से लेकर २०२१ तक की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और इस ऐतिहासिक यात्रा में समर्पित कार्यकर्ताओं और हिंदी प्रेमियों के योगदान को खट्टे मीठे अनुभवों के साथ याद किया। श्रीमती मोहनका ने अधिवेशन के सभी सहभागियों से समिति की आजीवन सदस्यता को बढ़ाने की अपील करते हुए अमेरिका और अन्य देशों में समिति की नयी शाखाएं खोलने का आह्वान किया। श्रीमती मोहनका ने अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति की पत्रिका "विश्वा" के संपादक और प्रकाशन मंडल की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए हाल ही में प्रकाशित हुए पत्रिका के रंगीन संस्करणों पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम के अगले क्रम में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के ग्यारह सदस्यीय अधिशासी मंडल का परिचय और धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय चड्डा ने अपने दो वर्षीय अध्यक्षीय काल में समिति द्वारा हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार, हिंदी साहित्य के विकास और संस्था के संगठनात्मक विस्तार को संकल्पित त्रिसूत्रीय कार्यों का विस्तृत ब्योरा दिया। अधिवेशन के सभी सहभागियों ने एक स्वर में श्री अजय चड्डा जी के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए इस दौरान उनके द्वारा प्रारम्भ किये नए प्रकल्पों और समिति के नियमित कार्यों में जोड़े नवीन तकनीकी आयामों की खुले मन से प्रशंसा की। उद्घघाटन सत्र का समारोप भाषण उत्तरपूर्व ओहायो शाखा की अध्यक्षा और अधिवेशन की सहसंयोजिका ड़ॉक्टर शोभा खंडेलवाल ने दिया। उन्होंने एक बार पुनः अधिवेशन के सहभागियों का स्वागत करते हुए अपने परिवार के समिति से लबे जुड़ाव के संस्मरणों को भी सांझा किया और अधिवेशन को सफल बनाने में कई महीनों से जुटे क्लीवलैंड शहर के कार्यकर्ताओं से धन्यवाद ज्ञापित किया।
मन, माटी और मानुष से जोड़ते गीतों और कविताओं के रस में सरोबार हुए
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति से जुड़े अप्रवासी भारतीय श्रोतागण
क्लीवलैंड, १० अक्टूबर, २०२१। कहते हैं की भाषा का विस्तार उसके साहित्य के सृजन में निहित है और हिंदी भाषा को ये समृद्धि उसकी अपनी संतानों ने कविता, गीत और ग़ज़ल के रूप में नित नए रूपों में दी है। वर्तमान पीढ़ी के ऐसे ही मंचीय सितारों ने अपनी कालजयी रचनाओं का वाचन अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के २० वें द्विवार्षिक अधिवेशन में कर सभी श्रोताओं का मन जीत लिया। भारत के सुप्रसिद्ध कवि ड़ॉक्टर प्रवीण शुक्ल के मंचीय सञ्चालन में तीन घंटे से भी अधिक देर तक चला यह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मलेन भारत की सुप्रसिद्ध काव्य विभूतियों से सुशोभित रहा। पूना से जुड़े भारत के प्रसिद्द ओज़ कवी कर्नल ड़ॉक्टर वी.पी. सिंह ने कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की। दिल्ली से जुड़े भारत के सुप्रसिद्ध वीर रस के कवि श्री दिनेश रघुवंशी, नोयडा से जुड़े मंचों और सोशल मीडिया के चहेते हास्य कवि श्री शम्भू शिखर, गीत परंपरा के सर्वश्रेष्ठ नवांकुर बाराबंकी से श्री गजेंद्र प्रियांशु, राजस्थान की प्रसिद्द गजलकार ड़ॉक्टर श्रीमती कविता किरण, मेरठ से जुड़े श्रृंगार रस के हस्ताक्षर कवि श्री सत्यपाल सत्यम, इटावा से जुड़े भारत के प्रसिद्द युवा गीतकार ड़ॉक्टर राजीव राज, और मुंबई से गीत की नवीनतम अमूल्य निधि के रूप में जुड़े श्री चन्दन राय वे कुछ नाम थे जिन्होंने ज़ूम, यूट्यूब, और फेसबुक पर जुड़े हज़ारों श्रोताओं का अपनी नवीन और प्रसिद्द हस्ताक्षर कविताओं को सुनाकर मन मोह लिया।
कवि सम्मलेन के प्रारम्भ में सोलन शहर के महापौर एडवर्ड क्रॉस ने अपने शहर में सांस्कृतिक विविधता के प्रति प्रतिबद्धता अभिव्यक्त करते हुए अपने शहर में हिंदी भाषा के प्रचार, प्रसार और जागरूकता को राजकीय संकल्प के रूप में उद्घोषित किया। कवि सम्मलेन का विधिवत शुभारम्भ ड़ॉक्टर कविता किरण ने माँ वाग्देवी की स्तुति में अपनी कविता "तू ही तो हे मात शारदे कवि कुल की आराध्या है" सुनाकर किया। इसके बाद श्री चन्दन राय ने अपने प्रसिद्द गीत "बस मोहब्बत को मजहब बना लीजिये ख़त्म होने से दुनिया बचा लीजिये " और "जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता" द्वारा विश्व शान्ति और प्रेम का सन्देश अपने मीठे सुरों में देते हुए कवि सम्मलेन को जैसे चन्दन सा महका दिया। कार्यक्रम के अगले क्रम में सर्वप्रिय गजेंद्र प्रियांशु ने जब श्रोताओं के आग्रह पर अपना सुप्रसिद्ध लोकप्रिय गीत "अभिशापित राम सुनाया" तो दुनिया भर से जुड़े श्रोताओं की आँखें अश्रुओं से नम और हथेलियाँ तालियों की गड़गड़ाहट से। इसके बाद युवा गीतकार ड़ॉक्टर राजीव राज ने "यादें झीनी रे-झीनी रे, झीनी रे " के अपने विश्व प्रसिद्द गीत को अपने चिर परिचत अंदाज़ में सुनाते हुए अप्रवासी भारतीयों को न सिर्फ भारत की माटी से जोड़ा अपितु जीवन यात्रा का अनूठा अनुभव भी अपने सरल शब्ब्दों के माधुर्य से करवाया।
कविताओं की अगली श्रंखला में जहां कवि शंभू शिखर ने अपने चिर परिचत अंदाज़ में हास्य की फुहार से श्रोताओं को भरपूर गुदगुदाया वहीँ कवि सत्यपाल सत्यम ने सावन और बसंत के महीनों में उपजे प्रकृति के सौंदर्य और श्रृंगार को मानवीय संवेदनाओं से जोड़ते हुए अपने मीठे गीतों से कवि सम्मलेन की फ़िज़ा रंगीन कर दी। ड़ॉक्टर कविता किरण ने अपने मधुर स्वर में जहाँ अपनी गजलें गुनगुनायी वहीँ खूबसूरत बिम्बों से सज्जित अपने प्रतिनिधि गीत के माध्यम से श्रोताओं के मन में उम्र को धता बताते नवयौवन का उल्लास जागृत कर दिया। कवि श्री दिनेश रघुवंशी ने तीखे व्यंग्य "पैसे पैसे करने वाले इंसां सुन, इंसानों से पैसे बात नहीं करते" के माध्यम से टूटते रिश्तों और विकृत हो रहे मानवीय संबंधों, संवादों और शहरी जीवन शैली पर ज़रूरी और तीखे कटाक्ष के साथ अपना काव्य वाचन किया। कवि ड़ॉक्टर प्रवीण शुक्ल ने राजनीती और चापलूसी पर पढ़ी अपनी हास्य कविताओं के माध्यम से व्यंग्य के तीखे बाण भी छोड़े और श्रोताओं को चेहरे पर मुस्कान भी बिखेरी। कवि सम्मेलन के अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष कर्नल ड़ॉक्टर वी.पी. सिंह ने अपनी विश्व प्रसिद्द भारत और हिन्दुस्तान के चरित्र, इतिहास और इसके निर्माण में खपे महापुरुषों, साहित्यकारों, और कलाकारों को वर्णित करती कविता सुनाकर श्रोताओं को शब्दहीन कर दिया कर दिया। कार्यक्रम का अंत अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति की उत्तरपूर्व ओहायो शाखा की सचिव श्रीमती ऋचा माथुर ने सभी कवियों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन कर किया।